पापा के कहने पर मैंने अपनी सौतेली मां को चोदा

Sauteli Ma Sex Story – पढ़िए एक आग उगलती हिंदी सेक्स कहानी, जिसमें रवि अपने पापा के कहने पर अपनी हॉट सौतेली मां रानी की चूत की प्यास बुझाता है। चूचियां, गांड, चूत, लंड जैसे बोल्ड शब्दों से सजी ये देसी चुदाई की कहानी तुम्हें वासना की चरम सीमा तक ले जाएगी। रात भर की चुदाई का मजा लें!

मेरा नाम रवि है, 22 साल का जवान, तगड़ा, और गाँव का मशहूर मस्तमौला। मेरे पापा, सेठ रामलाल, 50 साल के धनवान व्यापारी थे, जिन्होंने दो साल पहले 32 साल की रानी से दूसरी शादी की थी। रानी मेरी सौतेली मां थी, मगर उसकी जवानी और हॉटनेस ऐसी थी कि गाँव के सारे मर्द उसकी चूचियों और मटकती गांड के पीछे पागल थे। रानी की गोरी चमड़ी, गहरी नाभि, सांवली चूतड़, और काजल वाली आंखें किसी का भी लंड तनवा देती थीं। मैं उसे मां कहता था, मगर मेरी नजरें उसके जिस्म को चाटती थीं। वो अक्सर मेरे साथ मजाक करती, मेरी जांघ पर चिकोटी काटती, और उसकी शरारती हरकतें मेरे लंड में आग लगा देती थीं।

पापा ज्यादातर शहर में रहते थे, और हवेली में मैं और रानी अकेले रहते थे। रानी की जवानी पापा की कमजोर मर्दानगी के सामने बेकार थी। वो टाइट ब्लाउज और साड़ी में सजती, मगर पापा की नजरें उसके जिस्म पर कम ही पड़ती थीं। एक दिन, पापा ने मुझे अकेले में बुलाया। “रवि, रानी की जवानी तड़प रही है। मैं उसकी चूत की प्यास नहीं बुझा पा रहा। तू जवान है, तू उसका ख्याल रख,” उन्होंने गंभीर लहजे में कहा। मैं हैरान रह गया। “पापा, ये आप क्या कह रहे हैं?” मैंने पूछा। “बेटा, रानी को सुख दे। ये मेरा आदेश है,” उन्होंने कहा, और शहर चले गए।

पापा की बात मेरे दिमाग में घूम रही थी। मैं जानता था कि ये गलत है, मगर मेरी वासना मुझे बेकाबू कर रही थी। उस रात, बिजली गुल थी, और गर्मी से मेरा जिस्म पसीने से तर-बतर था। रानी छत पर चारपाई डालकर लेटी थी। उसने एक पतली, पारदर्शी नाइटी पहनी थी, जो उसकी चूचियों और चूतड़ों को बमुश्किल छुपा रही थी। चांदनी में उसका जिस्म चमक रहा था। मैं छत पर गया, मेरी चूत में सनसनी दौड़ रही थी। “मां, नींद नहीं आ रही?” मैंने शरारती लहजे में कहा, और उसके पास बैठ गया।

रानी ने मेरी ओर देखा, उसकी आंखों में वासना की चमक थी। “रवि, ये गर्मी मुझे तड़पा रही है,” उसने सिसकते हुए कहा, और अपनी नाइटी का गला हल्का सा नीचे खींचा। उसकी गोरी चूचियां नाइटी में उभर आईं। मेरा लंड पायजामे में तन गया। “मां, अगर गर्मी ज्यादा है, तो मैं ठंडा कर दूं?” मैंने हिम्मत करके कहा, और उसकी जांघ पर हाथ रख दिया। रानी की सांसें तेज हो गईं। “रवि, तू क्या कर रहा है? मैं तेरी मां हूं,” उसने सिसकते हुए कहा, मगर उसकी नजरें मेरे लंड पर थीं।

“सौतेली मां,” मैंने हंसते हुए कहा, और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। मेरा चूमन इतना गहरा था कि रानी की चूत में रस बहने लगा। मैंने उसकी जीभ को चूसा, और उसके होंठों को काट लिया। “उफ्फ, रवि, तू तो मेरी चूत में तूफान ला देगा,” रानी ने सिसकिया, और मेरी कमर को जकड़ लिया। मैंने उसकी नाइटी को एक झटके में फाड़ दिया। उसकी गोरी चूचियां नंगी हो गईं, उनके गुलाबी निप्पल्स तनकर खड़े थे। “मां, तेरी चूचियां तो रस की कटोरी हैं,” मैंने गुर्राया, और उसकी चूचियों को अपने बड़े हाथों में भरा।

मैंने रानी की चूचियों को जोर-जोर से मसला, और उसकी सिसकियां चीखों में बदल गईं। “हाय, रवि, मेरी चूचियां दुख रही हैं,” उसने सिसकिया, मगर उसकी चूत अब रस टपका रही थी। मैंने उसके निप्पल्स को अपनी जीभ से चाटा, और उन्हें चूसने लगा। “उफ्फ, रवि, मेरी चूचियां चूस, और जोर से!” रानी ने चिल्लाया, और उसकी उंगलियां मेरे बालों में उलझ गईं। मैंने उसकी पैंटी को खींचकर फेंक दिया। रानी की सांवली, गीली चूत चांदनी में चमक रही थी। “मां, तेरी चूत तो रसभरी है,” मैंने कहा, और अपनी उंगलियां उसकी चूत में डाल दीं।

रानी की चूत इतनी गर्म थी कि मैं चीख पड़ा। “हाय, रवि, मेरी चूत में आग लग रही है!” उसने चिल्लाया, और उसकी मोटी गांड पीछे की ओर उछलने लगी। मैंने रानी की चूत को अपनी जीभ से चाटा, मेरी जीभ उसके चूत के दाने को सहला रही थी। उसकी चीखें हवेली में गूंज रही थीं। “रवि, मेरी चूत चाट! मुझे चोद दो!” रानी चिल्ला रही थी, और उसकी चूत रस से लबालब हो गई थी। मैंने अपनी दो उंगलियां उसकी चूत में डालीं, और उसे जोर-जोर से चोदा। उसकी सिसकियां चरम सुख में बदल गईं।

मैंने अपना पायजामा उतारा, और मेरा मोटा, 9 इंच का लंड चांदनी में चमक उठा। रानी ने मेरे लंड को देखा, और उसकी आंखें चमक उठीं। “उफ्फ, रवि, तेरा लंड तो मेरी चूत का काल है,” उसने कहा, और मेरे लंड को अपने नाजुक हाथों में लिया। उसने मेरे लंड को जोर-जोर से हिलाया, और फिर अपने होंठों से उसे चूसने लगी। मेरी जीभ मेरे लंड के टिप पर घूम रही थी, और मेरी सांसें रुक रही थीं। “रानी, तू तो रंडी से भी गजब चूसती है,” मैंने गुर्राया, और उसके बालों को जकड़कर मेरे लंड को और गहरा ठूंस दिया।

रानी ने मेरे लंड को चूसकर गीला कर दिया, और फिर चारपाई पर लेट गई। उसकी चूत रस टपका रही थी, और उसकी गांड मेरे सामने थी। “रवि, मेरी चूत में अपना लंड डाल, और मुझे चोद!” उसने चिल्लाया, और अपनी गांड को और ऊपर उठा दिया। मैंने रानी की चूतड़ों पर थप्पड़ मारे, और अपनी उंगलियां उसकी चूत में डालकर उसे और गीला किया। “मां, तेरी चूत मेरे लंड की प्यासी है,” मैंने कहा, और अपना मोटा लंड उसकी चूत में एक झटके में डाल दिया।

रानी की चीख रात को चीर गई। “हाय मर गई! तेरा लंड मेरी चूत फाड़ देगा!” उसने चिल्लाया, मगर उसकी चूत अब मेरे लंड को लय में ले रही थी। मैंने रानी की चूचियों को पकड़ा, और उसकी चूत को जोर-जोर से चोदने लगा। हर धक्के के साथ उसकी चूत रस छोड़ रही थी, और उसकी चीखें छत पर गूंज रही थीं। “चोद मुझे, रवि! मेरी चूत फाड़ दो!” रानी चिल्ला रही थी, और मेरा लंड उसकी चूत में तूफान मचा रहा था।

मैंने रानी को चारपाई से उठाया, और छत की रेलिंग के सहारे खड़ा किया। मैंने उसकी एक टांग उठाई, और उसकी चूत में फिर से अपना लंड डाला। उसकी चूचियां उछल रही थीं, और उसकी चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी। “रवि, तेरा लंड मेरी चूत को तबाह कर देगा!” उसने चीखा, और मेरे होंठों को चूसने लगी। मैंने उसकी चूत में गहरे धक्के मारे, और उसकी चूतड़ों को जोर-जोर से दबाया। “मां, तेरी चूत तो स्वर्ग है,” मैंने गुर्राया, और उसकी चूत में और गहरा धक्का मारा।

अब मेरी नजर रानी की मोटी गांड पर थी। मैंने उसे चारपाई पर उल्टा लिटाया, और उसकी गांड को अपने सामने देखकर पागल हो गया। “मां, तेरी गांड तो जन्नत का दरवाजा है,” मैंने कहा, और उसकी गांड पर थप्पड़ मारे। मैंने उसकी चूत का रस अपनी उंगलियों से लिया, और उसकी टाइट गांड के छेद को गीला किया। “रवि, मेरी गांड में मत डाल, मैं मर जाऊंगी!” रानी ने सिसकते हुए कहा, मगर उसकी गांड अब मेरे लंड की प्यासी थी।

मैंने अपने लंड को रानी की चूत के रस से गीला किया, और धीरे से उसकी टाइट गांड में डाला। रानी की चीख रात को चीर गई। “हाय राम! तेरा लंड मेरी गांड फाड़ देगा!” उसने चिल्लाया, मगर उसकी गांड अब मेरे लंड को लय में ले रही थी। मैंने रानी की चूचियों को पीछे से पकड़ा, और उसकी गांड को जोर-जोर से चोदा। हर धक्के के साथ उसकी चूत रस टपका रही थी, और उसकी गांड मेरे लंड को निगल रही थी। “चोद मुझे, रवि! मेरी गांड और चूत दोनों तबाह कर दो!” रानी चिल्ला रही थी।

रात के 3 बज चुके थे, और चांदनी हमारी चुदाई का गवाह थी। मैंने रानी को अपनी गोद में उठाया, और चारपाई के किनारे चोदने लगा। उसकी चूचियां उछल रही थीं, और उसकी चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी। “रवि, तू मेरा मालिक है,” रानी ने सिसकते हुए कहा, और मेरे होंठों को चूसने लगी। मेरा लंड अब फटने को था। मैंने उसकी चूत में आखिरी धक्का मारा, और अपना गर्म माल उसकी चूत में उड़ेल दिया। रानी की चूत रस और माल से लबालब हो गई, और उसकी सिसकियां चरम सुख में बदल गईं।

हम दोनों पसीने से तर-बतर चारपाई पर गिर पड़े, हमारी सांसें एक-दूसरे में उलझी हुई थीं। रानी ने मेरे लंड को फिर से सहलाया, और बोली, “रवि, तूने पापा का आदेश पूरा किया, और मुझे वो सुख दिया जो वो कभी नहीं दे पाए।” मैंने उसकी चूचियों को चूमा, और कहा, “मां, अब तू मेरी रानी है। जब तक मैं हूं, तेरी चूत और गांड की प्यास बुझाऊंगा।”

एक नया ट्विस्ट

कुछ दिन बाद, पापा हवेली लौटे। एक रात, जब मैं और रानी चुदाई कर रहे थे, पापा ने हमें देख लिया। मैं डर गया, मगर पापा ने मुस्कुराते हुए कहा, “रवि, तूने मेरा आदेश अच्छे से निभाया। रानी, अगर रवि तुझे सुख दे सकता है, तो मैं भी कोशिश करूंगा।” उन्होंने अपना लंड निकाला, और रानी की चूत में डाल दिया। मैंने रानी की गांड में अपना लंड डाला, और दोनों ने उसे एक साथ चोदा। रानी की चीखें रात में गूंज रही थीं। “चोदो मुझे, तुम दोनों! मेरी चूत और गांड दोनों ले लो!” रानी चिल्ला रही थी। उस रात, रानी ने वो सुख पाया जो उसने कभी नहीं सोचा था।

अब रानी दिन में पापा की बीवी थी, और रात में मेरी रानी। उसकी चूत और गांड की प्यास हर रात बुझती थी, और वो अपनी जवानी का पूरा मजा ले रही थी।