Mother Son Sex Story : हिंदी सेक्स कहानी, जिसमें रवि अपनी सौतेली मम्मी रानी की प्यासी चूत को अपने मोटे लंड से जमकर चोदता है। चूचियां, गांड, चूत, लंड जैसे बोल्ड शब्दों और देसी जुनून से सजी ये रियल टाइप चुदाई की कहानी तुम्हें वासना की चरम सीमा तक ले जाएगी। सुपर हॉट सुख और तीखी चुदाई का लुत्फ उठाएं!
मैं रवि, 23 साल का जवान, तगड़ा, और गाँव का दिलकश नौजवान, जिसका मोटा लंड गाँव की औरतों की नजरों को बेकरार कर देता था। मेरे पापा ने दो साल पहले रानी से दूसरी शादी की थी। रानी, मेरी सौतेली मम्मी, 34 साल की थी, एक ऐसी औरत जिसकी जवानी चांदनी को भी शरमा दे। उसकी गोरी चमकती त्वचा, भारी-भरकम चूचियां, गोल-मटोल गांड, और काजल वाली आंखें किसी का भी लंड तनवा देती थीं। रानी की साड़ी में उभरी चूचियां और मटकती गांड मुझे हर रात तड़पाती थी। मैं उसे मम्मी कहता था, मगर मेरी नजरें उसके जिस्म को चाटती थीं।
पापा ज्यादातर शहर में रहते थे, और हवेली में मैं और रानी अकेले रहते थे। रानी मेरे साथ मजाक करती, मेरी जांघ पर चिकोटी काटती, और उसकी शरारती हरकतें मेरे लंड में आग लगा देती थीं। मेरी चूत हर रात उसकी जवानी की भूखी थी, मगर मैं अपनी वासना को दबाता था। एक रात, बिजली गुल थी, और चांदनी छत पर बिछी थी। रानी ने एक पतली, पारदर्शी नाइटी पहनी, जो उसकी चूचियों और चूतड़ों को ललचा रही थी। वो चारपाई पर लेटी थी, और उसकी नंगी जांघें चांदनी में चमक रही थीं।
“रवि, नींद नहीं आ रही?” रानी ने रूमानी लहजे में कहा, और मुझे अपने पास बुलाया। मैं उसके पास बैठ गया, मेरा लंड पायजामे में तन गया। “मम्मी, आपकी जवानी मुझे तड़पा रही है,” मैंने हिम्मत करके कहा, और उसकी जांघ पर हाथ रख दिया। रानी की सांसें तेज हो गईं। “रवि, तू शरारती हो गया है, मगर मेरी चूत भी तड़प रही है,” उसने सिसकते हुए कहा, और मेरे लंड को पायजामे के ऊपर से सहलाया। मेरी चूत में रस की बूंदें टपकने लगीं।
“मम्मी, ये गलत है, आप मेरी मां हैं,” मैंने सिसकते हुए कहा, मगर मेरी नजरें उसकी चूचियों पर थीं। “सौतेली मां, रवि। और प्यार में गलत-सही कहां?” उसने कामुक लहजे में कहा, और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए। उसका चूमन एक आग था, जिसमें मैं जल गया। उसकी जीभ मेरी जीभ से उलझी, और उसने मेरे होंठों को चूस लिया। “उफ्फ, रवि, तेरे होंठ मेरी चूत में तूफान ला रहे हैं,” रानी ने सिसकिया, और मेरी कमर को जकड़ लिया।
मैंने रानी की नाइटी को एक झटके में फाड़ दिया। उसकी गोरी चूचियां नंगी हो गईं, उनके गुलाबी निप्पल्स तनकर खड़े थे। “मम्मी, तेरी चूचियां तो रस की कटोरी हैं,” मैंने कामुक लहजे में कहा, और उसकी चूचियों को अपने मजबूत हाथों में भरा। मैंने उन्हें जोर-जोर से मसला, और रानी की सिसकियां चीखों में बदल गईं। “हाय, रवि, मेरी चूचियां तेरे हाथों में पिघल रही हैं,” उसने सिसकिया, और मेरी पीठ को नाखूनों से खरोंचा।
मैंने रानी के निप्पल्स को अपनी जीभ से चाटा, और उन्हें चूसने लगा। उसकी सिसकियां अब चीखों में बदल गईं। “रवि, मेरी चूचियां चूस, और जोर से!” रानी ने चिल्लाया, और मेरे बालों में उंगलियां फंसाईं। मैंने उसकी पैंटी को फाड़कर फेंक दिया। उसकी सांवली, गीली चूत चांदनी में चमक रही थी। “मम्मी, तेरी चूत तो मधु का सागर है,” मैंने कहा, और अपनी उंगलियां उसकी चूत में डाल दीं। उसकी चूत इतनी गर्म थी कि मैं चीख पड़ा।
“हाय, रवि, मेरी चूत तेरे लिए तड़प रही है!” रानी ने चिल्लाया, और उसकी मोटी गांड उछलने लगी। मैंने उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटा, मेरी जीभ उसके चूत के दाने को सहला रही थी। उसकी चीखें हवेली में गूंज रही थीं। “रवि, मेरी चूत चाट, इसे अपने प्यार से भिगो दे!” रानी चिल्ला रही थी, और उसकी चूत रस से लबालब हो गई। मैंने दो उंगलियां उसकी चूत में डालीं, और उसे जोर-जोर से चोदा। उसकी सिसकियां चरम सुख में बदल गईं।
मैंने अपना पायजामा उतार दिया। मेरा मोटा, 9 इंच का लंड चांदनी में चमक उठा, उसकी नसें फूल रही थीं। रानी ने मेरे लंड को देखा, और उसकी आंखें चमक उठीं। “उफ्फ, रवि, तेरा मोटा लंड तो मेरी चूत का काल है,” उसने कहा, और मेरे लंड को अपने नाजुक हाथों में लिया। उसने मेरे लंड को प्यार से सहलाया, और फिर अपने होंठों से उसे चूसने लगी। मेरी जीभ मेरे लंड के टिप पर घूम रही थी, और मेरी सांसें रुक रही थीं। “रानी, तू मेरे लंड को जन्नत दिखा रही है,” मैंने गुर्राया, और उसके बालों को जकड़ लिया।
रानी ने मेरे लंड को चूसकर गीला कर दिया, और फिर चारपाई पर लेट गई। उसकी चूत रस टपका रही थी, और उसकी गांड मेरे सामने थी। “रवि, मेरी प्यासी चूत में अपना मोटा लंड डाल, और मुझे जमकर चोद!” उसने चिल्लाया, और अपनी गांड को ऊपर उठाया। मैंने रानी की चूतड़ों पर थप्पड़ मारे, और अपनी उंगलियां उसकी चूत में डालकर उसे और गीला किया। “मम्मी, तेरी चूत मेरे मोटे लंड की रानी है,” मैंने कहा, और अपना मोटा लंड उसकी चूत में एक झटके में डाल दिया।
रानी की चीख रात को चीर गई। “हाय मर गई! तेरा मोटा लंड मेरी चूत फाड़ देगा!” उसने चिल्लाया, मगर उसकी चूत अब मेरे लंड को लय में ले रही थी। मैंने रानी की चूचियों को पकड़ा, और उसकी चूत को जोर-जोर से चोदने लगा। हर धक्के के साथ उसकी चूत रस छोड़ रही थी, और उसकी चीखें छत पर गूंज रही थीं। “चोद मुझे, रवि! मेरी चूत को अपने मोटे लंड का गुलाम बना दे!” रानी चिल्ला रही थी, और मेरा लंड उसकी चूत में तूफान मचा रहा था।
मैंने रानी को चारपाई से उठाया, और छत की रेलिंग के सहारे खड़ा किया। मैंने उसकी एक टांग उठाई, और उसकी चूत में फिर से अपना मोटा लंड डाला। उसकी चूचियां उछल रही थीं, और उसकी चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी। “रवि, तेरा मोटा लंड मेरी चूत की जिंदगी है!” उसने चीखा, और मेरे होंठों को चूसने लगी। मैंने उसकी चूत में गहरे धक्के मारे, और उसकी चूतड़ों को जोर-जोर से दबाया। “रानी, तेरी चूत मेरे मोटे लंड की जन्नत है,” मैंने गुर्राया, और उसकी चूत में और गहरा धक्का मारा।
अब मेरी नजर रानी की मोटी गांड पर थी। मैंने उसे चारपाई पर उल्टा लिटाया, और उसकी गांड को अपने सामने देखकर पागल हो गया। “मम्मी, तेरी गांड तो जन्नत का दरवाजा है,” मैंने रूमानी लहजे में कहा, और उसकी गांड पर थप्पड़ मारे। मैंने उसकी चूत का रस अपनी उंगलियों से लिया, और उसकी टाइट गांड के छेद को गीला किया। “रवि, मेरी गांड में मत डाल, मैं मर जाऊंगी!” रानी ने सिसकते हुए कहा, मगर उसकी गांड अब मेरे मोटे लंड की प्यासी थी।
मैंने अपने लंड को रानी की चूत के रस से गीला किया, और धीरे से उसकी टाइट गांड में डाला। रानी की चीख रात को चीर गई। “हाय राम! तेरा मोटा लंड मेरी गांड चीर देगा!” उसने चिल्लाया, मगर उसकी गांड अब मेरे लंड को लय में ले रही थी। मैंने रानी की चूचियों को पीछे से पकड़ा, और उसकी गांड को जोर-जोर से चोदा। हर धक्के के साथ उसकी चूत रस टपका रही थी, और उसकी गांड मेरे लंड को निगल रही थी। “चोद मेरी गांड, रवि! मेरी चूत और गांड दोनों तेरे मोटे लंड की गुलाम हैं!” रानी चिल्ला रही थी।
रात के 3 बज चुके थे, और चांदनी हमारी चुदाई का गवाह थी। मैंने रानी को अपनी गोद में उठाया, और चारपाई के किनारे चोदने लगा। उसकी चूचियां उछल रही थीं, और उसकी चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी। “रवि, तू मेरी चूत और गांड का राजा है,” रानी ने सिसकते हुए कहा, और मेरे होंठों को चूसने लगी। मेरा लंड अब फटने को था। मैंने उसकी चूत में आखिरी धक्का मारा, और अपना गर्म माल उसकी चूत में उड़ेल दिया। रानी की चूत और गांड रस और माल से लबालब हो गईं, और उसकी सिसकियां चरम सुख में बदल गईं।
हम दोनों पसीने से तर-बतर चारपाई पर गिर पड़े, हमारी सांसें एक-दूसरे में उलझी हुई थीं। मैंने रानी की चूचियों को फिर से सहलाया, और बोला, “मम्मी, तेरी चूत और गांड ने मुझे वो सुख दिया जो मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा।” रानी ने मेरे लंड को चूमा, और कहा, “रवि, तू मेरा असली मर्द है। जब तक तू है, मेरी चूत और गांड की प्यास बुझाएगा।”
कुछ दिन बाद, पापा हवेली लौटे। एक रात, जब मैं और रानी चुदाई कर रहे थे, पापा ने हमें देख लिया। मैं डर गया, मगर पापा ने मुस्कुराते हुए कहा, “रवि, अगर तू रानी को सुख दे सकता है, तो मैं भी कोशिश करूंगा।” उन्होंने अपना लंड निकाला, और रानी की चूत में डाल दिया। मैंने रानी की गांड में अपना मोटा लंड डाला, और दोनों ने उसे एक साथ चोदा। रानी की चीखें रात में गूंज रही थीं। “चोदो मुझे, तुम दोनों! मेरी चूत और गांड दोनों ले लो!” रानी चिल्ला रही थी। उस रात, रानी ने वो सुख पाया जो उसने कभी नहीं सोचा था।
अब रानी दिन में पापा की बीवी थी, और रात में मेरी रानी। मेरी चूत और गांड की प्यास हर रात बुझती थी, और वो अपनी जवानी का पूरा मजा ले रही थी।