मुंह बोला भाई ने मुझे पूरी रात चोदा ट्रेन में

Hindi Train Sex Story मैं चालीस साल की हु, मेरा नाम रम्भा है, पति नहीं है वो शहीद हो गए है. मैं बर्धमान में रहती हु, और मेरी मम्मी और मेरा भाई दिल्ली में रहते है, मैं अपने एक बेटे और एक बेटी के साथ आसनसोल में ही रहती हु, आज मैं आपको अपनी एक चुदाई की सच्ची कहानी सुनाने जा रही हु, ये मेरी कहानी सच्ची है, आज मैं आपको बताउंगी की कैसे एक मुह्बोला भाई मुझे पूरी रात ट्रेन में चोदा था.

सुनील जो मेरी मम्मी का पडोसी है, मेरी मम्मी से बहूत बनता है, दोनों में अच्छी जान पहचान है, सुनील मेरी मम्मी को चाची कहता है और मेरी मम्मी बेटा की तरह मानती है, यानी की रिश्ता अपना नहीं होते हुए भी अपने से बढ़कर है, मेरी मम्मी मुझे बहोत दिनों से अपने पास बुला रही थी, की रम्भा आ जाओ थोड़े दिन के लिए, तुम्हारा मन भी बहल जायेगा. पर मैं प्लान नहीं बना पा रही थी, जाने का मन मुझे भी कर रहा था. पर अचानक मम्मी का फ़ोन आया की रम्भा, सुनील कोल्कता गया है, वो परसों वापस हो रहा है, तो तू भी साथ ही चली आओ. मुझे भी लगा की ठीक है, और मैं भी तैयार हो गई.

एक दिन पहले ही फ़ोन आ गया था सुनील का की दीदी तुम तैयार रहना, करीब साढ़े दस बजे के करीब स्टेशन आ जाना, मैं तुम्हारा टिकेट भी बनवा दिया हु, तो बी १ में आ जाना सेकंड एसी में, मैं टाइम से पहुच गई. वो मुझे गेट पर ही मिला वो खड़ा था, मैं खुश हो गई, और ट्रेन रुकते ही वो मुझे प्रणाम किया, और मैं भी ट्रेन में सवार हो गई. साइड ऊपर और लोअर बर्थ था, हम दोनों निचे बर्थ पर ही बैठ गए, करीब ९ बजे रात को हम दोनों ने खाना खाया और फिर बात चीत करने लगे, एक ही बेड पर होने की वजह से हम दोनों पैर को एक दुसरे से सटा कर बैठ गए, पर सुनील मेरे
जांघ को अपने पैर से सहला रहा था, पहले तो थोड़ा ठीक नहीं लगा, फिर धीरे धीरे मुझे अच्छा लगने लगा, अब मैं अपना आँचल निचे कर दी, मेरी दोनों चूचियां ब्लाउज से बाहर आ रही थी क्यों की ब्लाउज का गला ज्यादा था, उसपर से मेरी चुचिया बड़ी बड़ी और गोल गोल और बहूत ही ज्यादा सेक्सी है, किसी २२ साल की लड़की की तरह, ऐसे मैं ३८ साल की हु, आप ये कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है, उसके बाद खेल शुरू हुआ!

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सुनील बोला दीदी आप बहूत ही हॉट हो, कोई नहीं कह सकता की आप अड़तीस साल की हो. आपकी बॉडी इतनी फिट है जैसे की कोई लड़की हो, और वो भी गदराई हुई, मैं बोली हां मेंटेन करके रखती हु, क्यों की मैं वो पेड़ हु जिसपर कोई पत्थर नहीं मार रहा है, और मैं हसने लगी, वो पूछा ये पत्थर मारना क्या मुहावरा है दीदी, तो मैं बोली की मेरा बदन १० साल से अन टच है, जब से मेरे पति……. तब से आज तक किसी ने छुआ नहीं है, अब वो अपने जीभ को लपलपाने लगा और मेरी चुचिओं को घुर घुर देखने लगा, मैं समझ गई की आज मेरी दस साल की प्यास बुझने वाली है, मैं एक सेक्सी स्माइल दी, और उसके करीब आ गई और वो भी कपकपाते हाथ से मुझे पकड़ा और अपना होठ मेरे होठ पर रख दिया, फिर क्या था मेरे तन बदन में आग लग गई, मैं भी मर मिट गई और अपने आप को सौंप दी, फिर क्या था वो लगा मेरी चुचियों को मसलने, ट्रेन अपनी रफ़्तार से भाग रही थी, लोग कम्बल तान के और पर्दा लगा कर सो रहे थे, और हम दोनों एक दुसरे के प्यास को बुझा रहे थे,

पहले तो वो मुझे बहूत चूसा, फिर मैं अपना ब्लाउज उतार दी और फिर ब्रा भी, मैं बर्थ पर ही लेट गई वो ऊपर चढ़ गया, पहले तो वो मेरी चुचियों को खूब पिया, होठ को चूसा, चूत में ऊँगली किया, गांड में ऊँगली किया मेरी नाभि में ऊँगली किया, फिर अपना लौड़ा मेरे मुह में डाला मैं भी खूब मजे से चुसी, और फिर दोनों एक दुसरे के प्राइवेट पार्ट को खूब छुए और चाटा, फिर सुनील ने मेरे टांगो को फैलाकर, मुह मेरी चूत में घुसेड दिया और मेरी चूत को चाटने लगा. मैं दो तिन बार पानी छोड़ चुकी थी, और वो मेरी चूत की पानी को चाट रहा था, फिर उसने अपना मोटा लंड मेरी चूत पर रखा और जोर से पेल दिया, मैं मर गई ऐसी आवाज निकाली और फिर वो आगे पीछे करने लगा. मैं ह्या हाय हाय हाय हाय कर रही थी, वो जोर जोर से पेल रहा था, कभी चूची को पीता, कभी दबाता कभी होठ चूसता और जोर जोर से लंड का धक्का दे रहा था,

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करीब वो मुझे तिस मिनट तक चोदा, फिर हम दोनों झड गए, वो मेरे ऊपर ही पडा रहा कुछ देर तक, फिर वो मुझे अपने गोद में सुलाया और चुचियों को सहलाता रहा, करीब एक घंटे बाद वो फिर से मुझे चोदने लगा, मैं दस साल बाद चुद रही थी, ऐसा लग रहा था की पहली बार चुद रही हु, रात भर वो चोदते रहा, सुबह सुबह आठ बजे दिल्ली पहुची मेरी ट्रेन, मैं चल नहीं पा रही थी, मेरी चूत काफी सूज गई थी, पर वो मुझे खुश कर दिया था, फिर क्या था, दिल्ली में भी दो बार उससे चुद चुकी हु, जी तो करता है उसके साथ कभी भाग जाऊं उसके लंड की दीवानी हो गई हु, मुझे अब बिना चुदे लगता है की जिंदगी ही नहीं है, दोस्तों आशा करती हु की आपको मेरी ये कहानी अछि लगी होगी, मैं जल्द ही अपनी दूसरी कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट पर ले के आउंगी, तब तक ले किये बहूत प्यार

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