दीदी को अपने लंड का गुलाम बनाया

मैं अर्जुन, 22 साल का, अपने परिवार के साथ रहता हूँ। मेरी बड़ी दीदी, 25 की, मुझे हमेशा उत्तेजित करती थी। एक गर्म दोपहर, जब घर खाली था, मैंने दीदी को अपने लंड का गुलाम बना लिया। उस चुदाई ने हमारा रिश्ता बदल दिया, और हम एक निषिद्ध आग में जलने लगे। उस दिन की हर बात मेरे दिमाग में बसी है, और मैं जब भी उस पल को याद करता हूँ, मेरा लंड फिर से तन जाता है। दीदी की वो सिसकियाँ, उनकी चूत की गर्मी, और मेरे लंड का उनका गुलाम बनना—ये सब मेरे लिए एक नशा बन गया।

उस दिन घर में सिर्फ मैं और दीदी थे। मैं अपने कमरे में शॉर्ट्स में लेटा था, गर्मी से परेशान। दीदी टैंक टॉप और हॉट पैंट्स में मेरे कमरे में आईं, उनके हाथ में जूस का गिलास था। “अर्जुन, ले, पी ले, गर्मी में राहत मिलेगी,” वो बोलीं और मेरे बगल में बेड पर बैठ गईं। उनकी नंगी जांघ मेरी जांघ से टकराई, और मेरा लंड शॉर्ट्स में तनने लगा। मैंने जूस लिया, लेकिन मेरी नजरें उनके चूचों पर टिकी थीं, जो टॉप से बाहर आने को बेताब थे। मैंने खुद को रोकने की कोशिश की, लेकिन दीदी का वो हॉट अवतार मुझे पागल कर रहा था।

“क्या देख रहा है, शैतान?” दीदी ने मजाक में कहा, लेकिन उनकी आँखों में एक अजीब सी चमक थी। मैंने हिम्मत जुटाई और बोला, “दीदी, तुम बहुत हॉट लग रही हो।” वो हँस पड़ीं, लेकिन उनकी हँसी में कुछ और था। “अच्छा? तेरा मन तो नहीं डोल रहा?” उन्होंने मेरी जांघ पर हाथ रखा और धीरे से दबाया। उनका गर्म स्पर्श मेरे शरीर में आग लगा रहा था। मैंने कहा, “दीदी, तुम्हें देखकर कोई भी पागल हो जाए।” वो मेरे और करीब आईं, उनका चेहरा मेरे चेहरे के इतना पास था कि उनकी साँसें मेरे होंठों पर महसूस हो रही थीं। “तो फिर दिखा, कितना पागलपन है,” वो फुसफुसाईं।

मैंने दीदी का चेहरा पकड़ा और उनके होंठों पर किस कर दिया। उनके होंठ इतने गर्म और नरम थे कि मैं खो सा गया। वो भी मुझे जोश में किस करने लगीं, उनकी जीभ मेरी जीभ से खेल रही थी। मेरे हाथ उनके टॉप में घुसे, और मैंने उनके चूचे दबाए। वो सिसकारी, “अर्जुन, ये क्या कर रहा है?” लेकिन उनके हाथ मेरे शॉर्ट्स में चले गए, और मेरा लंड पकड़ लिया। “हाय, इतना बड़ा!” वो बोलीं, और मेरे लंड को सहलाने लगीं। मैंने उनके टॉप को खींचकर उतार दिया, और उनके गोरे चूचे मेरे सामने थे, निप्पल कड़क और तैयार।

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मैंने दीदी के निप्पल चूसने शुरू किए, और वो सुख से सिसकने लगीं। “आह, अर्जुन, कितना अच्छा लग रहा है, और चूस!” उनके सिसकने की आवाज मुझे और उत्तेजित कर रही थी। मेरे हाथ उनकी हॉट पैंट्स में गए, और उनकी चूत गीली थी। मैंने उनकी चूत में उंगली डाली, और वो चिल्लाईं, “अर्जुन, हाय, और कर, मुझे और चाहिए!” मैंने उनकी पैंट्स उतारी, और उनकी चूत मेरे सामने थी, गीली और गर्म। मैंने उनकी जांघें फैलाईं और उनकी चूत को चूम लिया। दीदी की सिसकियाँ और तेज हो गईं, “अर्जुन, तू मुझे मार डालेगा!”

मैंने दीदी की चूत चाटना शुरू किया, उनका रस मेरे मुँह में आ रहा था। वो मेरे सिर को अपनी चूत पर दबा रही थीं, “आह, अर्जुन, चाट, मत रुक, मुझे स्वर्ग दिखा दे!” मैंने उनकी चूत में दो उंगलियाँ डालीं और तेजी से अंदर-बाहर करने लगा। दीदी सुख से तड़प रही थीं, उनकी चूत मेरी उंगलियों को जकड़ रही थी। “अर्जुन, अब मुझे तेरा लंड चाहिए,” वो चिल्लाईं। मैंने अपना शॉर्ट्स उतारा, और मेरा तना हुआ लंड उनके सामने था। मैंने लंड उनकी चूत पर रखा और धीरे से अंदर डाला। उनकी चूत इतनी टाइट थी कि मैं सिसकारी उठा।

मैंने दीदी को जोर-जोर से चोदा, उनके चूचे मेरे हर धक्के के साथ उछल रहे थे। “अर्जुन, चोद मुझे, और जोर से, फाड़ दे मेरी चूत!” वो चिल्ला रही थीं। मैंने उनकी टाँगें उठाईं और गहरा चोदा, मेरा लंड उनकी चूत की गहराई तक जा रहा था। उनकी सिसकियाँ और चीखें कमरे में गूँज रही थीं। मैंने दीदी को उल्टा किया, और उनकी गांड मेरे सामने थी। मैंने उनकी गांड पर थप्पड़ मारा, और वो बोलीं, “हाँ, अर्जुन, मेरी गांड चोद, मुझे सब कुछ दे दे!” उनकी गांड देखकर मेरा लंड और तन गया।

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मैंने कुछ तेल लिया और अपना लंड उनकी गांड में डाला। उनकी गांड बहुत टाइट थी, और वो सिसकारीं, “आह, धीरे, मगर अच्छा लग रहा है।” मैंने धीरे-धीरे उनकी गांड चोदी, फिर जोर-जोर से धक्के मारने लगा। दीदी सुख से चिल्ला रही थीं, “अर्जुन, तू मुझे पागल कर देगा, और जोर से!” मैंने उनकी गांड में गहरे धक्के मारे, और वो सुख से काँप रही थीं। उनकी गांड मेरे लंड को जकड़ रही थी, और मैंने उनके चूतड़ों को दबाते हुए और तेज चोदा। दीदी की चीखें मुझे और उत्तेजित कर रही थीं।

मैंने दीदी को फिर से सीधा किया और उनकी चूत में लंड डाला। इस बार मैंने उनके होंठों को चूमा, उनकी जीभ मेरी जीभ से लिपट रही थी। “अर्जुन, तू मेरा मालिक है, तेरा लंड मेरा सब कुछ है,” वो बोलीं। मैंने और जोर से चोदा, उनकी चूत मेरे लंड को चूस रही थी। वो चिल्लाईं, “मैं झड़ने वाली हूँ!” उनकी चूत ने रस छोड़ा, और मैंने भी उनकी चूत में अपना वीर्य छोड़ दिया। हम दोनों सुख के समंदर में डूब गए, हमारी साँसें तेज थीं, और हमारे शरीर एक-दूसरे से चिपके थे।

हम हाँफते हुए बेड पर लेट गए। “अर्जुन, ये गलत है, लेकिन इतना सुख कभी नहीं मिला,” दीदी बोलीं। मैंने उन्हें बाहों में लिया और कहा, “दीदी, ये हमारा राज है।” वो मुस्कुराईं और मेरे लंड को फिर से सहलाने लगीं। “मैं तेरे लंड की गुलाम हूँ,” वो बोलीं, और मेरे लंड को चूसने लगीं। उनकी गर्म जीभ मेरे लंड पर फिर रही थी, और मैं फिर से तन गया। मैंने उनके मुँह में धक्के मारे, और वो मेरा लंड गले तक ले रही थीं।

मैंने दीदी को फिर चोदा, इस बार उन्हें मेरे ऊपर बिठाया। वो मेरे लंड पर उछल रही थीं, उनके चूचे मेरे सामने नाच रहे थे। “अर्जुन, तेरा लंड मेरे लिए बना है,” वो सिसक रही थीं। मैंने उनके चूचे पकड़े और जोर-जोर से धक्के मारे। वो फिर से झड़ीं, और मैंने उनके चूचों पर अपना वीर्य छोड़ा। वो हाँफते हुए मेरे ऊपर गिर पड़ीं, और हम दोनों सुख से थरथरा रहे थे। मैंने उनके होंठों को चूमा, और वो मेरी बाहों में सिमट गईं।

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हमने उस दिन कई बार चुदाई की। मैंने उनकी चूत, गांड, और मुँह को बार-बार चोदा। “अर्जुन, तू मेरा राजा है,” दीदी बार-बार बोल रही थीं। मैंने उनकी चूत चाटी, उनके चूचे चूसे, और हर बार उन्हें सुख के शिखर पर पहुँचाया। हमारी सिसकियाँ और चीखें कमरे में गूँज रही थीं। मैंने दीदी को अलग-अलग पोजीशन में चोदा—उन्हें दीवार के सहारे, बेड के किनारे, और यहाँ तक कि फर्श पर। हर बार वो मेरे लंड की दीवानी होती गईं।

रात होने तक हम थक गए, लेकिन हमारी भूख नहीं मिटी। “अर्जुन, ये हमारा गुप्त खेल है,” दीदी ने कहा, और मैंने उनके होंठों को चूमा। “हाँ, दीदी, सिर्फ हमारा,” मैंने कहा। हम एक-दूसरे की बाहों में सो गए, हमारे शरीर अभी भी उस चुदाई की गर्मी में तप रहे थे। मैंने दीदी की चूत को फिर से सहलाया, और वो सिसकारीं, “अर्जुन, तू मुझे कभी छोड़ना मत।” मैंने उन्हें गले लगाया और वादा किया कि ये सुख हमेशा हमारा रहेगा।

अगली सुबह हमने सामान्य व्यवहार किया। जब मम्मी-पापा लौटे, हम वही भाई-बहन थे, लेकिन हमारी नजरें उस रात का राज छुपाए थीं। जब भी मौका मिलता है, दीदी मेरे लंड की गुलाम बन जाती हैं। वो मेरा लंड चूसती हैं, और मैं उनकी चूत और गांड को चोदता हूँ। हमारा रिश्ता अब एक नई आग में जलता है, और दीदी मेरे लंड की हर बार दीवानी हो जाती हैं।

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