एसी ठीक करने वाले ने मुझे जमकर चोदा

दिल्ली की चिलचिलाती गर्मी थी, और मेरा एसी खराब हो गया था। मैं, नेहा, 25 साल की एक जवान और सेक्सी लड़की, अपने छोटे से फ्लैट में अकेली रहती थी। मेरे लंबे बाल, गोरी त्वचा और टाइट फिगर की वजह से मोहल्ले के लड़के अक्सर मुझे घूरते थे। उस दिन दोपहर को मैंने एक लोकल सर्विस सेंटर को फोन किया और एसी ठीक करने के लिए किसी को बुलाया। कुछ घंटों बाद, दरवाजे की घंटी बजी। मैंने दरवाजा खोला तो सामने एक 30 साल का मज़बूत और हैंडसम लड़का, राहुल, खड़ा था। उसकी मस्कुलर बाहें और टाइट टी-शर्ट में दिखती छाती मुझे एक पल के लिए देखते ही बन गई।

“मैडम, आपका एसी खराब है ना? मैं ठीक करने आया हूँ,” राहुल ने अपनी गहरी आवाज़ में कहा। मैंने उसे अंदर बुलाया। मैंने उस दिन एक टाइट टैंक टॉप और शॉर्ट्स पहने थे, जो मेरी जांघों और उभरे हुए चूचों को और सेक्सी बना रहे थे। राहुल की नज़रें बार-बार मेरी तरफ उठ रही थीं, और मुझे उसका वो घूरना अच्छा लग रहा था। मैंने उसे किचन में पानी लाने का बहाना बनाया और जानबूझकर उसके सामने झुकी, ताकि मेरी क्लीवेज उसे दिखे। “पानी पियोगे?” मैंने शरारती मुस्कान के साथ पूछा।

राहुल ने पानी का ग्लास लिया और मेरी आँखों में देखते हुए कहा, “मैडम, आप इतनी हॉट हैं कि मुझे पानी की नहीं, कुछ और की प्यास लग रही है।” उसकी बात सुनकर मेरी साँसें तेज़ हो गईं। मैंने हँसते हुए कहा, “तो फिर वो प्यास बुझा लो, राहुल।” ये सुनते ही उसकी आँखों में एक जंगली चमक आ गई। उसने ग्लास साइड में रखा और मेरे करीब आ गया। उसका गर्म साँस मेरे चेहरे पर पड़ रहा था। “नेहा, तुम सचमुच चाहती हो ये?” उसने मेरी कमर पकड़ते हुए पूछा।

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मैंने जवाब देने की बजाय अपने होंठ उसके होंठों से मिला दिए। हमारा चुम्बन इतना गहरा और जुनूनी था कि कमरे की गर्मी और बढ़ गई। मेरी जीभ उसकी जीभ से उलझी, और मेरे हाथ उसकी टी-शर्ट के नीचे चले गए। उसकी छाती की गर्मी और मांसपेशियाँ मुझे पागल कर रही थीं। “राहुल, मुझे तेरे लंड की सैर चाहिए… आज मेरी चूत को चोद दे,” मैंने बेशर्मी से कहा। राहुल ने मेरी टैंक टॉप को एक झटके में उतार दिया। मेरी काली ब्रा में कैद चूचे उसके सामने थे, और उसने बिना देर किए मेरी ब्रा खींचकर फेंक दी।

मेरे सख्त निप्पल अब उसके मुँह में थे, और वह उन्हें ज़ोर-ज़ोर से चूस रहा था। मैं सिसकारियाँ ले रही थी, “आह… राहुल, मेरी चूत को छू… इसे गीला कर दे।” उसने मेरी शॉर्ट्स और पैंटी को एक साथ नीचे सरकाया, और मेरी चिकनी, गीली चूत उसके सामने थी। उसकी उंगलियाँ मेरी चूत पर फिसलने लगीं, और मेरा रस उसके हाथों पर चिपक गया। “नेहा, तेरी चूत तो पहले से ही टपक रही है,” उसने कहा और अपनी जीभ मेरी चूत के दाने पर रख दी। मैं चीख पड़ी, “आह… चाट ले इसे… और ज़ोर से!”

राहुल की जीभ मेरी चूत की गहराइयों में थी, और मेरा शरीर हर चाट पर कांप रहा था। मैंने उसके बाल पकड़ लिए और उसे और गहराई में दबाया। उसने मेरी चूत को चूसते हुए अपनी एक उंगली मेरी गांड में डाल दी। मैं सिसकारी, “राहुल… मेरी गांड भी चोद दे!” उसने अपनी जीन्स उतारी, और उसका मोटा, तना हुआ लंड मेरे सामने था। मैंने उसे अपने हाथ में लिया और उसके टोपे को चाटने लगी। उसकी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं, “नेहा, तेरा मुँह तो जन्नत है।”

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मैंने उसे बेड पर धकेला और उसकी गोद में बैठ गई। मैंने उसका लंड अपनी चूत पर रगड़ा और धीरे-धीरे उसे अंदर लिया। “आह… राहुल, तेरा लंड मेरी चूत को फाड़ रहा है,” मैं कराहते हुए बोली। उसने मेरी चूतड़ पकड़ लिए और मुझे ज़ोर-ज़ोर से ऊपर-नीचे करने लगा। हर धक्के के साथ मेरी चूत उसके लंड को निगल रही थी, और मेरे चूचे हवा में उछल रहे थे। राहुल ने मेरे निप्पल को अपने दाँतों से हल्के से काटा, और मैं चीख पड़ी, “और ज़ोर से, राहुल… मेरी चूत को रगड़ दे!”

उसने मुझे पलटकर डॉगी स्टाइल में लिटाया। मेरी गांड उसके सामने थी, और उसने उस पर एक चपत मारी। “तेरी ये सेक्सी गांड… इसे भी चोदना है,” उसने कहा। मैंने हँसते हुए जवाब दिया, “तो चोद ना… मेरी गांड तेरी है।” उसने अपनी उंगलियाँ मेरी चूत के रस से गीली कीं और मेरी टाइट गांड में डालीं। मैं सिसकारी, लेकिन अपनी गांड को और पीछे धकेला। उसने अपने लंड को मेरी गांड के छेद पर रखा और धीरे-धीरे अंदर धकेला। “आह… राहुल, तेरा लंड मेरी गांड को चीर रहा है!” मैं चीखी, लेकिन उस दर्द में सुख था।

राहुल ने धीरे-धीरे अपनी रफ्तार बढ़ाई, और उसका लंड मेरी गांड में अंदर-बाहर होने लगा। मेरी चूत से रस टपक रहा था, और मेरी चूतड़ उसकी जांघों से टकरा रही थीं। उसने मुझे फिर से पलटाया और मेरी टांगें अपने कंधों पर रख लीं। उसका लंड मेरी चूत में फिर से घुसा, और वो मुझे ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा। “नेहा, तेरी चूत इतनी टाइट है… मैं झड़ने वाला हूँ,” उसने कराहते हुए कहा। मैंने अपनी चूत को और सिकोड़ा और बोली, “मेरे अंदर झड़, राहुल… मुझे तेरा गर्म रस चाहिए!”

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उसके धक्के अब और तेज़ हो गए। मेरी चूत और गांड दोनों उसके लंड से रगड़ खा चुकी थीं। आख़िरकार, उसने एक ज़ोरदार धक्का मारा, और उसका गर्म रस मेरी चूत में भर गया। मैं भी उसी पल झड़ गई, और मेरी चूत का रस उसके लंड पर बहने लगा। हम दोनों हाँफते हुए एक-दूसरे की बाहों में गिर पड़े। हमारी देहें पसीने और रस से चिपचिपी थीं। मैंने उसकी छाती पर सिर रखा और हल्के से हँसी, “राहुल, तूने मेरा एसी तो ठीक किया, लेकिन मेरी चूत को और गर्म कर दिया।”

उसने मेरी चूतड़ पर हल्के से थपकी दी और बोला, “नेहा, जब भी एसी खराब हो, मुझे बुला लेना। तेरी चूत और गांड मेरे लिए हमेशा तैयार रहेंगी।” हम दोनों हँस पड़े। उस रात के बाद, राहुल का मेरे फ्लैट में आना-जाना बढ़ गया। हर बार जब वो आता, हमारी नज़रें एक-दूसरे को बेकरार कर देती थीं। मेरी चूत और उसका लंड एक-दूसरे के लिए तड़पने लगे थे।

उस रात की चुदाई हमारे बीच का एक गुप्त राज़ बन गई। हर बार जब गर्मी बढ़ती, मैं राहुल को बुलाती, और वो मेरी चूत और गांड को अपनी चुदाई से ठंडा करता। मेरे फ्लैट का एसी बार-बार खराब होने लगा, और हर बार राहुल की चुदाई मेरी गर्मी को और बढ़ा देती थी।