Village Sex Story : उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव में, जहाँ हरे-भरे खेत और तालाब की ठंडी हवा गर्मी की तपिश को हल्का करती थी, मैं, अर्जुन, अपनी गर्मी की छुट्टियों में भाई के गाँव आया था। वहाँ मेरी मुलाकात अंजलि भाभी से हुई, जो गाँव की सबसे खूबसूरत और कामुक औरत थी। अंजलि, 28 साल की, अपनी स्लिम फिगर और कामुक आँखों में एक ऐसी आग लिए थी, जो किसी का भी दिल धड़का दे। उनकी साड़ी में उनकी चूची उभरी हुई दिखती थीं, और उनकी कमर का मादक घुमाव मेरे लंड को उत्तेजित करता था। मैं, 22 साल का, अपने कॉलेज की छुट्टियों में गाँव आया था, और अंजलि भाभी की कामुक मुस्कान ने मुझे उनका दीवाना बना दिया।
एक दोपहर, जब गाँव में सब लोग खेतों में या छाँव में आराम कर रहे थे, मैं और अंजलि भाभी तालाब के पास टहलने गए। तालाब के किनारे बने एक पुराने मंदिर के पास, जहाँ कोई नहीं आता था, हम रुक गए। चिलचिलाती धूप में अंजलि भाभी की साड़ी उनके पसीने से भीग गई थी, और उनकी चूची साड़ी के पल्लू से झाँक रही थीं। उनकी आँखों में एक कामुक चमक थी। “अर्जुन, इतनी गर्मी में तुझे मुझसे बात करने का मन कैसे करता है?” उन्होंने शरारती अंदाज में पूछा। मैंने हँसते हुए कहा, “भाभी, आपकी खूबसूरती और चूची मेरे लंड को गर्मी भुला देती हैं।” अंजलि भाभी हँस पड़ीं और बोलीं, “तो आज मेरी चूत को ठंडा कर दे, अर्जुन।”
हम मंदिर के पीछे एक घने पेड़ की छाँव में चले गए, जहाँ नरम घास और ठंडी हवा थी। अंजलि भाभी ने अपनी साड़ी का पल्लू गिरा दिया, और उनकी चूची ब्लाउज में कसी हुई दिख रही थीं। मैंने अपनी शर्ट उतारी, और मेरा लंड पैंट में तन गया। “भाभी, आपकी चूत मेरे लंड की रानी है,” मैंने कामुक आवाज में कहा। अंजलि भाभी ने मेरी ओर देखा और बोलीं, “तो देर मत कर, अर्जुन। मेरी चूत तेरे लंड की भूखी है।”
अंजलि भाभी घास पर लेट गईं, और मैं उनके ऊपर झुक गया। मैंने उनके ब्लाउज के बटन खोले, और उनकी चूची आजाद होकर उछल पड़ीं। मैंने उनकी चूची पर चुंबन शुरू किए, मेरी जीभ उनके निप्पल के इर्द-गिर्द घूमने लगी। अंजलि भाभी की सिसकारियाँ हवा में गूँजने लगीं, “अर्जुन, तेरा चुंबन मेरी चूची को आग लगा रहा है।” मैंने अपना हाथ उनकी साड़ी के नीचे डाला, और मेरी उंगलियाँ उनकी चूत की नाजुक पंखुड़ियों को सहलाने लगीं। भाभी का शरीर सिहर उठा, “अर्जुन, तेरी उंगलियाँ मेरी चूत को पागल कर रही हैं।”
मैंने अंजलि भाभी की साड़ी और पेटीकोट ऊपर उठाया, और उनकी चूत धूप और छाँव में चमक रही थी, हल्के गीलेपन के साथ। मैंने अपनी पैंट उतारी, और मेरा लंड पूरी तरह तनकर खड़ा था। मैंने अपना लंड उनकी चूत के पास लाया और धीरे-धीरे अंदर धकेला। अंजलि भाभी की सिसकारियाँ तेज हो गईं, “अर्जुन, तेरा लंड मेरी चूत को पूरा भर रहा है।” मैंने धीरे-धीरे चुदाई शुरू की, हर धक्के के साथ उनकी चूची लयबद्ध तरीके से हिल रही थीं।
हमने काउगर्ल पोजीशन ली। अंजलि भाभी मेरे ऊपर चढ़ गईं, और उनकी चूत ने मेरे लंड को पूरी तरह निगल लिया। उनकी चूची उछल रही थीं, और मैंने उनकी कमर पकड़कर उन्हें और जोर से चुदाई करने में मदद की। “अर्जुन, तेरा लंड मेरी चूत को स्वर्ग में ले जा रहा है,” भाभी चीख पड़ीं। मैंने उनकी चूची को दबाते हुए कहा, “भाभी, आपकी चूत मेरे लंड को नशे में डुबो रही है।”
अंजलि भाभी ने डॉगी स्टाइल पोजीशन ली। वे घास पर घुटनों के बल बैठ गईं, उनकी चूची लटक रही थीं, और उनकी चूत मेरे लंड के लिए तैयार थी। मैंने पीछे से उनकी चूत में अपना लंड घुसेड़ा और तेजी से चुदाई शुरू की। हर धक्के के साथ उनकी चूची हिल रही थीं, और उनकी सिसकारियाँ तालाब की हवा में गूँज रही थीं। “अर्जुन, मेरी चूत को और जोर से चोद,” भाभी चीखीं।
हमने 69 पोजीशन ली। मैंने अंजलि भाभी की चूत पर अपनी जीभ फेरनी शुरू की, और उन्होंने मेरा लंड मुँह में लेकर चूसना शुरू किया। हमारे चुंबन और चूसने की आवाजें पेड़ों की छाँव में एक कामुक माहौल बना रही थीं। “अर्जुन, तेरी जीभ मेरी चूत को नशे में डुबो रही है,” भाभी सिसकते हुए बोलीं। मैंने जवाब दिया, “और तेरा मुँह मेरे लंड को स्वर्ग में ले जा रहा है, भाभी।”
अंजलि भाभी ने फिर रिवर्स काउगर्ल पोजीशन ली। उनकी चूत मेरे लंड पर लयबद्ध तरीके से उछल रही थी, और उनकी चूची हिल रही थीं। मैंने उनकी पीठ पर हल्का-सा थप्पड़ मारा और उनकी चूची दबाई। “अंजलि भाभी, तेरी चूत मेरे लंड को फाड़ रही है,” मैं चीखा। भाभी ने सिसकते हुए कहा, “और तेरा लंड मेरी चूत को नशे में डुबो रहा है।”
हमने मिशनरी पोजीशन ली। अंजलि भाभी ने अपने पैर ऊपर किए, और मैंने उनकी चूत में अपना लंड घुसेड़ा। हर धक्के के साथ उनकी चूची मेरी छाती से टकरा रही थीं, और उनकी सिसकारियाँ हवा में गूँज रही थीं। “अर्जुन, तेरा लंड मेरी चूत को पूरा भर रहा है,” भाभी चीखीं। मैंने उनके निप्पल चूसे और तेजी से चुदाई जारी रखी।
हमने फिर डॉगी स्टाइल में वापसी की। अंजलि भाभी घास पर वही पोजीशन लेते हुए मेरे लंड के लिए अपनी चूत खोल दीं। मैंने उनकी कमर पकड़ी और तीव्रता से चुदाई शुरू की। उनकी सिसकारियाँ और मेरे धक्कों की आवाज ने एक जुनूनी तूफान खड़ा कर दिया। “अर्जुन, मेरी चूत को फाड़ दे,” भाभी चीखीं।
दोपहर ढलते-ढलते हम एक-दूसरे की बाहों में लिपट गए। अंजलि भाभी की चूची मेरी छाती से सटी थी, और उनकी चूत अभी भी मेरे लंड की उत्तेजना में काँप रही थी। मैंने उनके माथे पर एक चुंबन किया और बोला, “भाभी, आपकी चूत मेरे लंड की रानी है।” अंजलि भाभी ने हँसते हुए जवाब दिया, “और तेरा लंड मेरी चूत का राजा है, अर्जुन।”
कुछ दिन बाद, अंजलि भाभी ने मुझे फिर तालाब के पास बुलाया। उन्होंने मुझे एक फूल दिया, जिसमें एक चिट थी: “अर्जुन, मेरी चूत की आग, मेरी गर्मी की छुट्टियों का राजा, फिर से मेरी चूत को अपने लंड से ठंडा करेगा?” मैंने हँसते हुए उन्हें बाहों में लिया, और हमारा प्यार गाँव की हवा में चमक उठा। उस दोपहर से शुरू हुई हमारी कामुक कहानी अब मेरी गर्मी की छुट्टियों की सबसे हॉट, सेक्सी, और इरॉटिक याद बन चुकी थी।