love and sex stories in hindi : मेरा नाम अक्षय है, 24 साल का हूँ, और मैं मुंबई में एक स्टार्टअप में काम करता हूँ। जिंदगी की भागदौड़ में मोहब्बत का नाम तो सुना था, लेकिन कभी महसूस नहीं किया। तब तक मेरी मुलाकात नहीं हुई थी नेहा से। नेहा 22 साल की थी, कॉलेज में आखिरी साल की स्टूडेंट, और मेरी एक दोस्त की सहेली। वो पहली नजर में ही दिल चुरा ले गई – उसकी हँसी में एक मासूमियत थी, आँखों में चमक, और चेहरा ऐसा कि बस देखते ही मन शांत हो जाए। लेकिन वो मासूमियत के पीछे एक जुनून छिपा था, जो सिर्फ मोहब्बत में ही सामने आया। ये कहानी हमारी पहली मोहब्बत की है, जो धीरे-धीरे सेक्स की आग में बदल गई। सच्ची भावनाओं वाली, देसी अंदाज में, जहाँ प्यार और वासना साथ-साथ नाचते हैं।
ये मेरी दूसरी कहानी है नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर। हमारी पहली मुलाकात एक कॉफी शॉप में हुई। मेरी दोस्त ने पार्टी रखी थी, और नेहा वहाँ आई। वो सफेद कुर्ते में थी, बाल खुले, और चेहरे पर हल्की सी लिपस्टिक। “हाय, अक्षय, नेहा हूँ,” उसने हाथ बढ़ाया। उसका हाथ छूते ही जैसे बिजली दौड़ गई। हम बात करने लगे – कॉलेज, जॉब, सपने। वो बोली, “अक्षय, तू तो बहुत सीरियस लगता है। जिंदगी में थोड़ा रोमांस तो होना चाहिए ना?” मैं हँसा, “रोमांस? वो तो तुझ जैसी लड़की मिलेगी, तब आएगा।” वो शरमाई, लेकिन आँखों में चमक आ गई। उसी शाम से हमारी चैट्स शुरू हो गईं। रात-रात भर मैसेज, कॉल्स। वो मुझे अपनी जिंदगी के छोटे-छोटे राज बताती – गाँव की यादें, माँ की डाँट, और अपने सपनों की उड़ान। मैं उसे अपनी बोरिंग रूटीन सुनाता। धीरे-धीरे वो भावनाएँ गहरी होने लगीं।
एक महीने बाद, मैंने हिम्मत की और उसे डेट पर बुलाया। मरीन ड्राइव पर, सूरज डूबते हुए। हम समंदर किनारे बेंच पर बैठे, हाथों में आइसक्रीम। “नेहा, तू जानती है, तुझे देखकर लगता है जैसे जिंदगी रंगीन हो गई,” मैंने कहा। वो मेरी तरफ मुड़ी, “अक्षय, मैं भी यही सोचती हूँ। तू मेरी पहली मोहब्बत है।” और फिर वो मेरे करीब आई। हमारा पहला किस – हल्का सा, होंठों का स्पर्श। उसके होंठ नरम थे, साँसें गर्म। वो पल ऐसा था कि दुनिया रुक गई। उसी शाम मैंने कहा, “नेहा, मैं तुझसे प्यार करता हूँ।” वो बोली, “मैं भी, अक्षय। हम साथ रहेंगे।”
लेकिन मोहब्बत में वो आग भी थी, जो धीरे-धीरे सुलगने लगी। हमारी चैट्स में अब थोड़े-थोड़े फ्लर्ट आ गए। वो भेजती, “आज ड्रेस पहनी है, तुझे कैसी लगेगी?” मैं जवाब देता, “बिना देखे ही हॉट लग रही होगी।” एक रात, कॉल पर वो बोली, “अक्षय, तू कभी सोचता है ना, हम साथ हों तो क्या होगा?” मेरी साँसें तेज हो गईं। “हाँ नेहा, बहुत सोचता हूँ। तुझे छूना चाहता हूँ, करीब लाना।” वो हँसी, “तो आ जा ना मेरे पास। मम्मी-पापा बाहर गए हैं।”
वो रात थी – हमारी पहली इंटीमेट नाइट। मैं उसके घर पहुँचा, दिल धड़क रहा था। नेहा ने दरवाजा खोला, लाल सलवार कमीज में। “आ गया तू,” उसने मुस्कुराकर कहा। हम कमरे में गए, लाइट्स डिम कीं। वो मेरे पास बैठी, हाथ मेरे हाथ में। “अक्षय, डर लग रहा है थोड़ा,” वो बोली। मैंने कहा, “मुझे भी, लेकिन प्यार है ना, सब ठीक हो जाएगा।” मैंने उसे गले लगाया। उसका बदन गर्म था, साँसें तेज। मैंने उसके गाल चूमे, फिर गर्दन। वो सिहर उठी, “आह… अक्षय…” मेरे हाथ उसकी कमर पर गए, फिर ऊपर। उसकी सलवार कमीज के नीचे उसके स्तन महसूस हो रहे थे।
मैंने धीरे से उसकी कमीज उतारी। अंदर गुलाबी ब्रा, उसके स्तन भरे हुए, निप्पल्स उभरे। “नेहा, तू कितनी खूबसूरत है,” मैंने कहा। वो शरमाई, “प्यार से देख रहे हो तू।” मैंने ब्रा का हुक खोला। उसके स्तन बाहर आए – गोल, नरम, पिंक निप्पल्स। मैंने एक स्तन को हाथ में लिया, सहलाया। फिर मुँह में लिया, निप्पल चूसा। वो सिसकारी भर आई, “हाय… अक्षय… कितना अच्छा लग रहा… चूसो… हल्के से काटो…” मैंने जीभ से निप्पल घुमाया, दूसरे स्तन को दबाया। वो मेरे बालों में उंगलियाँ फेर रही थी, कमर हिल रही थी। “उफ्फ… तेरा स्पर्श… जैसे आग लगा दी…”
मैंने उसकी सलवार खींची। पैंटी गीली थी। “नेहा, तू तो तैयार हो गई,” मैंने धीरे से कहा। वो बोली, “तेरे प्यार ने तो कर दिया।” मैंने पैंटी उतारी। उसकी योनि – साफ, गुलाबी, रस से चमकती। मैंने उंगली से छुआ, वो सिहर गई। “अक्षय… छूओ… लेकिन धीरे…” मैं नीचे झुका, जीभ से योनि चाटी। क्लिट पर जीभ घुमाई, हल्के से चूसा। “आह… क्या कर रहे हो… हाय… जीभ अंदर…” मैंने जीभ योनि में डाली, चोदने जैसे घुमाई। दो उंगलियाँ अंदर, क्लिट सहलाते हुए। वो चिल्लाई, “अक्षय… मैं… मैं झड़ रही हूँ…” उसका रस निकला, मीठा, गर्म। मैंने चाट लिया, “तेरा स्वाद… प्यार का स्वाद।”
अब नेहा ने मेरी शर्ट उतारी। “अब मेरी बारी,” वो बोली। उसने पैंट खोली। मेरा लंड बाहर आया – खड़ा, मोटा। “अक्षय, ये तो… कितना सुंदर है,” वो बोली। हाथ में लिया, सहलाया। फिर मुँह में डाला। जीभ से सुपारा चाटा, गले तक लिया। “नेहा… चूस… हाय… तेरी जीभ…” मैं सिसकार रहा था। वो थूक से गीला करके चूस रही थी, बॉल्स सहला रही थी। “तेरा लंड… मेरी मोहब्बत…” वो बोली।
मैंने उसे बेड पर लिटाया। उसके पैर फैलाए। “नेहा, पहली बार है ना?” वो बोली, “हाँ, लेकिन तुझसे तो सब ठीक।” मैंने लंड योनि पर रगड़ा। “प्यार से डालूँगा,” मैंने कहा। धीरे से सुपारा अंदर। “आह… दर्द… लेकिन मत रुक…” वो बोली। मैंने पूरा लंड डाला। योनि टाइट, गर्म। धक्के शुरू किए, धीरे-धीरे। “ले नेहा… ले मेरा लंड… तेरी योनि में…” थप-थप की आवाज, उसके स्तन उछल रहे। मैंने उन्हें दबाया। वो चिल्लाई, “अक्षय… और जोर से… चोदो मुझे… प्यार से चोदो…” मैंने स्पीड बढ़ाई, लंड गहराई तक।
पोजिशन बदली। वो ऊपर आई। लंड योनि में लिया, उछलने लगी। “अब मैं तुझे चोदूँगी,” वो हँसी। उसके स्तन मेरे चेहरे पर, मैं चूसा। “तेरा लंड… मेरी मोहब्बत का राजा…” फिर पीछे से – डॉगी। मैंने कमर पकड़ी, धक्के मारे। “हाय… पीछे से… तेरी गांड कितनी सुंदर…” मैंने हल्का थप्पड़ मारा। वो बोली, “गांड भी… लेकिन पहले योनि…” फिर उंगली गांड में, थूक से। “आह… अक्षय… सब कुछ तेरा…” मैंने लंड योनि से निकाला, गांड में डाला। टाइट था, लेकिन वो बोली, “चोद… प्यार से…”
रात भर हम लिपटे रहे। 69 में – मैंने योनि चाटी, वो लंड चूसी। आखिर में मिशनरी। “अक्षय, झड़ने वाला हूँ,” मैं बोला। “अंदर… मेरी योनि में…” वो बोली। मैं झड़ गया, गर्म वीर्य अंदर। वो भी झड़ी, आँखें बंद।
सुबह हम लिपटे सोए। नेहा बोली, “ये मोहब्बत है, अक्षय। प्यार और सेक्स, दोनों।” अब हम साथ हैं, हर रात ऐसी ही। पहली मोहब्बत की पहली रात – कभी न भूलने वाली।