कहानी, जिसमें अमीर औरत मालती एक गरीब लड़के रवि को अपनी कोठी में बुलाकर अपनी चूत की प्यास बुझाती है। चूचियां, गांड, चूत, लंड जैसे बोल्ड शब्दों और रूमानी जुनून से सजी ये देसी चुदाई की कहानी तुम्हें वासना के चरम तक ले जाएगी। कामुक सुख और तीव्र चुदाई का लुत्फ उठाएं!
मैं रवि, 22 साल का एक गरीब लड़का, जो गाँव की तंग गलियों में मजदूरी करके पेट भरता था। मेरी मांसल देह, सांवला रंग, और जवान मर्दानगी गाँव की औरतों की नजरों को ललचाती थी, मगर मेरी जिंदगी में सिर्फ मेहनत और भूख थी। गाँव में एक अमीर कोठी थी, जहां मालती मैडम रहती थीं। मालती, 35 साल की एक ऐसी औरत, जिसकी जवानी शराब की तरह नशीली थी। उसकी गोरी चमकती त्वचा, भारी-भरकम चूचियां, मटकती गांड, और काजल वाली आंखें किसी का भी लंड तनवा देती थीं। मालती का पति विदेश में रहता था, और वो कोठी में अकेली अपनी जवानी की आग में जलती थी।
मैं अक्सर मालती की कोठी में बगीचे का काम करता था। वो मुझे टाइट साड़ी में देखती, मेरी छाती पर पसीना चमकता देखकर मुस्कुराती, और मेरे लंड पर नजरें टिकाती। मैं उसकी चूचियों को निहारता, मगर अपनी औकात याद करके चुप रहता। एक दिन, मालती ने मुझे कोठी के अंदर बुलाया। “रवि, आज रात कोठी में रुकना, कुछ खास काम है,” उसने रूमानी लहजे में कहा। मेरी चूत में सनसनी दौड़ गई। मैंने हिम्मत करके हामी भरी, और रात का इंतजार करने लगा।
रात को बिजली गुल थी, और कोठी की छत पर चांदनी बिछी थी। मैं छत पर गया, जहां मालती एक पतली, पारदर्शी नाइटी में चारपाई पर लेटी थी। उसकी चूचियां नाइटी में उभर रही थीं, और उसकी नंगी जांघें चांदनी में चमक रही थीं। “रवि, पास आ, गर्मी मुझे तड़पा रही है,” उसने कामुक लहजे में कहा, और मुझे अपने पास बुलाया। मैं उसके पास बैठ गया, मेरा लंड पायजामे में तन गया। “मालती मैडम, आपकी जवानी तो आग है,” मैंने हिम्मत करके कहा, और उसकी जांघ पर हाथ रख दिया।
मालती की सांसें तेज हो गईं। “रवि, तू गरीब है, मगर तेरा लंड अमीरों से ज्यादा ताकतवर है,” उसने शरारती मुस्कान के साथ कहा, और मेरे लंड को पायजामे के ऊपर से सहलाया। मेरी चूत में रस की बूंदें टपकने लगीं। “मैडम, ये गलत है, मैं आपका नौकर हूं,” मैंने सिसकते हुए कहा, मगर मेरी नजरें उसकी चूचियों पर थीं। “नौकर नहीं, रवि, आज तू मेरी चूत का मालिक है,” उसने काव्यात्मक लहजे में कहा, और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए। उसका चूमन एक समंदर था, जिसमें मैं डूब गया।
मालती ने मेरी कमीज को फाड़ दिया, और मेरी सांवली छाती को सहलाने लगी। “रवि, तेरा जिस्म तो पत्थर की मूर्ति है,” उसने रूमानी लहजे में कहा, और मेरे निप्पल्स को चूमा। मैंने उसकी नाइटी को एक झटके में उतार दिया। उसकी गोरी चूचियां नंगी हो गईं, उनके गुलाबी निप्पल्स तनकर खड़े थे। “मैडम, आपकी चूचियां तो अमृत के घड़े हैं,” मैंने कामुक लहजे में कहा, और उसकी चूचियों को अपने रूखे हाथों में भरा। मैंने उन्हें जोर-जोर से मसला, और मालती की सिसकियां चीखों में बदल गईं।
“हाय, रवि, मेरी चूचियां तेरे हाथों में पिघल रही हैं,” उसने सिसकिया, और मेरी पीठ को नाखूनों से खरोंचा। मैंने उसके निप्पल्स को अपनी जीभ से चाटा, और उन्हें चूसने लगा। “रवि, मेरी चूचियां चूस, और जोर से!” मालती ने चिल्लाया, और मेरे बालों में उंगलियां फंसाईं। मैंने उसकी पैंटी को फाड़कर फेंक दिया। उसकी सांवली, गीली चूत चांदनी में चमक रही थी। “मैडम, आपकी चूत तो रस का झरना है,” मैंने कहा, और अपनी उंगलियां उसकी चूत में डाल दीं। उसकी चूत इतनी गर्म थी कि मैं चीख पड़ा।
“हाय, रवि, मेरी चूत तेरे लिए तड़प रही है!” मालती ने चिल्लाया, और उसकी मोटी गांड उछलने लगी। मैंने उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटा, मेरी जीभ उसके चूत के दाने को सहला रही थी। उसकी चीखें कोठी में गूंज रही थीं। “रवि, मेरी चूत चाट, इसे अपने प्यार से भिगो दे!” मालती चिल्ला रही थी, और उसकी चूत रस से लबालब हो गई। मैंने दो उंगलियां उसकी चूत में डालीं, और उसे जोर-जोर से चोदा। उसकी सिसकियां चरम सुख में बदल गईं।
मैंने अपना पायजामा उतारा, और मेरा मोटा, 9 इंच का लंड चांदनी में चमक उठा। मालती ने मेरे लंड को देखा, और उसकी आंखें चमक उठीं। “उफ्फ, रवि, तेरा लंड तो मेरी चूत का राजा है,” उसने कहा, और मेरे लंड को अपने नाजुक हाथों में लिया। उसने मेरे लंड को प्यार से सहलाया, और फिर अपने होंठों से उसे चूसने लगी। मेरी जीभ मेरे लंड के टिप पर घूम रही थी, और मेरी सांसें रुक रही थीं। “मालती, तू मेरे लंड को स्वर्ग दिखा रही है,” मैंने गुर्राया, और उसके बालों को जकड़ लिया।
मालती ने मेरे लंड को चूसकर गीला कर दिया, और फिर चारपाई पर लेट गई। उसकी चूत रस टपका रही थी, और उसकी गांड मेरे सामने थी। “रवि, मेरी प्यासी चूत में अपना लंड डाल, और मुझे चोद!” उसने चिल्लाया, और अपनी गांड को ऊपर उठाया। मैंने मालती की चूतड़ों पर थप्पड़ मारे, और अपनी उंगलियां उसकी चूत में डालकर उसे और गीला किया। “मैडम, तेरी चूत मेरे लंड की रानी है,” मैंने कहा, और अपना मोटा लंड उसकी चूत में एक झटके में डाल दिया।
मालती की चीख रात को चीर गई। “हाय मर गई! तेरा लंड मेरी चूत फाड़ देगा!” उसने चिल्लाया, मगर उसकी चूत अब मेरे लंड को लय में ले रही थी। मैंने मालती की चूचियों को पकड़ा, और उसकी चूत को जोर-जोर से चोदने लगा। हर धक्के के साथ उसकी चूत रस छोड़ रही थी, और उसकी चीखें छत पर गूंज रही थीं। “चोद मुझे, रवि! मेरी चूत को अपने लंड का गुलाम बना दे!” मालती चिल्ला रही थी, और मेरा लंड उसकी चूत में तूफान मचा रहा था।
मैंने मालती को चारपाई से उठाया, और छत की रेलिंग के सहारे खड़ा किया। मैंने उसकी एक टांग उठाई, और उसकी चूत में फिर से अपना लंड डाला। उसकी चूचियां उछल रही थीं, और उसकी चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी। “रवि, तेरा लंड मेरी चूत की जिंदगी है!” उसने चीखा, और मेरे होंठों को चूसने लगी। मैंने उसकी चूत में गहरे धक्के मारे, और उसकी चूतड़ों को जोर-जोर से दबाया। “मालती, तेरी चूत मेरे लंड की जन्नत है,” मैंने गुर्राया, और उसकी चूत में और गहरा धक्का मारा।
अब मेरी नजर मालती की मोटी गांड पर थी। मैंने उसे चारपाई पर उल्टा लिटाया, और उसकी गांड को अपने सामने देखकर पागल हो गया। “मालती, तेरी गांड तो चांद का टुकड़ा है,” मैंने काव्यात्मक लहजे में कहा, और उसकी गांड पर थप्पड़ मारे। मैंने उसकी चूत का रस अपनी उंगलियों से लिया, और उसकी टाइट गांड के छेद को गीला किया। “रवि, मेरी गांड में मत डाल, मैं टूट जाऊंगी!” मालती ने सिसकते हुए कहा, मगर उसकी गांड अब मेरे लंड की प्यासी थी।
मैंने अपने लंड को मालती की चूत के रस से गीला किया, और धीरे से उसकी टाइट गांड में डाला। मालती की चीख रात को चीर गई। “हाय राम! तेरा लंड मेरी गांड चीर देगा!” उसने चिल्लाया, मगर उसकी गांड अब मेरे लंड को लय में ले रही थी। मैंने मालती की चूचियों को पीछे से पकड़ा, और उसकी गांड को जोर-जोर से चोदा। हर धक्के के साथ उसकी चूत रस टपका रही थी, और उसकी गांड मेरे लंड को निगल रही थी। “चोद मुझे, रवि! मेरी गांड और चूत दोनों तेरे लंड की गुलाम हैं!” मालती चिल्ला रही थी।
रात के 3 बज चुके थे, और चांदनी हमारी चुदाई का गवाह थी। मैंने मालती को अपनी गोद में उठाया, और चारपाई के किनारे चोदने लगा। उसकी चूचियां उछल रही थीं, और उसकी चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी। “रवि, तू मेरी चूत का राजा है,” मालती ने सिसकते हुए कहा, और मेरे होंठों को चूसने लगी। मेरा लंड अब फटने को था। मैंने उसकी चूत में आखिरी धक्का मारा, और अपना गर्म माल उसकी चूत में उड़ेल दिया। मालती की चूत रस और माल से लबालब हो गई, और उसकी सिसकियां चरम सुख में बदल गईं।
हम दोनों पसीने से तर-बतर चारपाई पर गिर पड़े, हमारी सांसें एक-दूसरे में उलझी हुई थीं। मैंने मालती की चूचियों को फिर से सहलाया, और बोला, “मालती मैडम, तुमने मेरी गरीबी को अमीर सुख दे दिया।” मालती ने मेरे लंड को चूमा, और कहा, “रवि, तू मेरा असली मालिक है। जब तक तू है, मेरी चूत और गांड की प्यास बुझाएगा।”
एक अनोखा ट्विस्ट
कुछ दिन बाद, मालती का पति, राजेश, विदेश से लौटा। एक रात, जब मैं और मालती चुदाई कर रहे थे, राजेश ने हमें देख लिया। मैं डर गया, मगर राजेश ने हंसते हुए कहा, “मालती, अगर ये गरीब लड़का तुझे सुख दे सकता है, तो मैं भी कोशिश करूंगा।” उसने अपना लंड निकाला, और मालती की चूत में डाल दिया। मैंने मालती की गांड में अपना लंड डाला, और दोनों ने उसे एक साथ चोदा। मालती की चीखें रात में गूंज रही थीं। “चोदो मुझे, तुम दोनों! मेरी चूत और गांड दोनों ले लो!” मालती चिल्ला रही थी। उस रात, मालती ने वो सुख पाया जो उसने कभी नहीं सोचा था।