Ek Raat Pati ke Dost Ke saath Hindi Sex Story – मुंबई की बारिश भरी रात में, अनुश्री अपने पति रवि के साथ अपने आलीशान अपार्टमेंट में थी। अनुश्री, 29 साल की, गोरी, लंबे रेशमी बालों वाली, और कातिलाना फिगर वाली औरत थी। उसकी टाइट काली ड्रेस उसके भरे हुए बूब्स और गोल गांड को उभार रही थी, और उसकी आँखों में एक कामुक चमक थी। रवि, 34 साल का, एक बिज़नेसमैन था, जो अक्सर काम में व्यस्त रहता था। उस रात रवि का दोस्त, करण, उनके घर पर रुका था। करण, 32 साल का, मज़बूत जिस्म और आकर्षक मुस्कान वाला मर्द था, जिसकी नज़रें अनुश्री की हॉटनेस पर टिक गई थीं।
रवि को एक इमरजेंसी कॉल आया, और उसे रात में ही ऑफिस जाना पड़ा। “करण, तुम यहीं रुको, मैं सुबह तक आ जाऊँगा,” रवि ने कहा और जल्दी से निकल गया। अनुश्री और करण अकेले रह गए। बारिश की बूँदें खिड़कियों पर थपथपा रही थीं, और माहौल में एक अजीब सी कामुकता थी। अनुश्री ने करण को वाइन ऑफर की, और दोनों सोफे पर बैठकर बातें करने लगे। “तुम्हारी ड्रेस बहुत हॉट है, अनुश्री,” करण ने हँसते हुए कहा, और उसका लंड उसकी जीन्स में हलचल करने लगा। अनुश्री ने अपने होंठ चाटे और जवाब दिया, “तो तुम भी तो कुछ करो, मेरी चूत बेकरार हो रही है।”
करण की आँखें चमक उठीं। उसने अपनी वाइन का ग्लास साइड में रखा और अनुश्री के पास सरक गया। उसने अनुश्री का हाथ पकड़ा और उसे अपनी ओर खींच लिया। “तेरी चूचियाँ देखकर मेरा लंड काबू में नहीं है,” उसने फुसफुसाया। अनुश्री ने एक सेक्सी मुस्कान दी और अपनी ड्रेस का गला थोड़ा नीचे खींचा, जिससे उसके बूब्स की गहरी लकीर दिखने लगी। करण ने अनुश्री को दीवार से सटा लिया और उसके होंठों को चूमा, पहले धीरे, फिर गहराई से, उसकी जीभ को चूसते हुए। अनुश्री की चूत में एक सिहरन दौड़ गई, और उसने करण की शर्ट में उंगलियाँ डालकर उसे और करीब खींच लिया।
“तेरे होंठ कितने रसीले हैं,” करण ने कहा, और अनुश्री ने जवाब दिया, “तो मेरी चूत का स्वाद भी ले लो।” उसकी बात ने करण के लंड को और सख्त कर दिया। उसने अनुश्री की ड्रेस का ज़िप खोला, और उसकी काली ब्रा में कैद भारी चूचियाँ देखकर उसका लंड जीन्स में उछलने लगा। करण ने ब्रा का हुक खोला, और अनुश्री के बूब्स आज़ाद हो गए। उसने उन्हें कस के दबाया, उनके निप्पल्स को चूसा, और हल्के से काटा। “तेरी चूचियाँ कितनी मस्त हैं,” करण ने कराहते हुए कहा, और अनुश्री की सिसकियाँ कमरे में गूंजने लगीं।
अनुश्री ने करण को सोफे पर धकेल दिया और उसकी जीन्स खोली। उसका सख्त लंड बाहर आया, और अनुश्री ने उसे अपने हाथों में लिया। “वाह, तेरा लंड तो मोटा है,” उसने सेक्सी अंदाज़ में कहा, और उसे अपने होंठों से चूमा। उसने करण के लंड को धीरे-धीरे चूसना शुरू किया, अपनी जीभ से उसे सहलाते हुए। करण की सिसकियाँ निकलने लगीं, और उसने अनुश्री के बाल पकड़कर उसे और गहरे तक चूसने को कहा। अनुश्री की चूत में चुदाई की प्यास बढ़ रही थी, और उसने अपनी जांघें चौड़ी कर दीं।
करण ने अनुश्री को बिस्तर पर ले गया और उसकी ड्रेस पूरी तरह उतार दी। उसकी काली पैंटी पहले ही उसकी गीली चूत से चिपक चुकी थी। उसने पैंटी उतारी और अपनी उंगलियाँ अनुश्री की चूत में डालीं, उसे धीरे-धीरे रगड़ते हुए। “तेरी चूत कितनी गर्म और टाइट है,” करण ने फुसफुसाया, और अनुश्री ने कराहते हुए कहा, “तो अपने मोटे लंड से इसे चोद दे।” करण ने अपने लंड को अनुश्री की चूत पर रगड़ा और धीरे से अंदर डाल दिया। अनुश्री की एक हल्की सी चीख निकली, क्योंकि करण का लंड उसकी चूत को पूरा भर रहा था।
करण ने अनुश्री की चूत में अपने लंड को धीरे-धीरे अंदर-बाहर करना शुरू किया। हर धक्के के साथ अनुश्री की चूचियाँ उछल रही थीं, और उसकी सिसकियाँ कमरे में गूंज रही थीं। “हाँ, मेरी चूत को चोद,” अनुश्री ने फुसफुसाया, और करण ने अपनी रफ्तार बढ़ा दी। उसका लंड अनुश्री की चूत की गहराई को छू रहा था, और उसकी गांड हर धक्के के साथ बिस्तर पर रगड़ रही थी। अनुश्री ने अपनी जांघें और चौड़ी कीं, जैसे करण के लंड को और गहरे तक बुला रही हो।
तभी रवि का दूसरा दोस्त, आदित्य, 30 साल का, मज़बूत जिस्म और शरारती मुस्कान वाला मर्द, अपार्टमेंट में आया। उसने दरवाज़ा खुला देखा और अंदर आ गया। अनुश्री की नंगी चूचियाँ और चुदाई देखकर उसका लंड तन गया। “अनुश्री, मुझे भी मज़ा चाहिए,” आदित्य ने हँसते हुए कहा, और अनुश्री ने एक सेक्सी मुस्कान के साथ जवाब दिया, “आ जा, मेरी चूत और गांड दोनों तैयार हैं।” करण ने हँसते हुए आदित्य को पास बुलाया, और दोनों ने अनुश्री को अपनी भूख का शिकार बनाया।
आदित्य ने अनुश्री की गांड को कस के पकड़ा और उसे थप्पड़ मारा। “तेरी गांड कितनी मस्त है,” उसने कहा, और अपनी उंगलियाँ अनुश्री की गांड के छेद पर फेरी। उसने धीरे से अपनी उंगली अंदर डाली, और अनुश्री की सिसकी और तेज़ हो गई। “मेरी गांड भी चोद,” उसने कराहते हुए कहा। करण ने अनुश्री की चूत में अपने लंड को और तेज़ी से चलाया, जबकि आदित्य ने अपने लंड को अनुश्री की गांड पर रगड़ा और धीरे से अंदर डाला। अनुश्री की चीख अब एक कामुक संगीत बन चुकी थी।
अनुश्री के जिस्म में दो लंड एक साथ थे—करण का लंड उसकी चूत चोद रहा था, और आदित्य का लंड उसकी गांड। उसकी चूचियाँ हवा में उछल रही थीं, और उसने दोनों को कस के पकड़ लिया। “हाँ, मेरी चूत और गांड को चोदो,” उसने सिसकते हुए कहा। करण ने अनुश्री के होंठों को फिर से चूमा, उसकी जीभ को चूसते हुए, जबकि आदित्य ने उसकी चूचियाँ दबाईं और उन्हें चूसा। अनुश्री का जिस्म पसीने और चुदाई की गर्मी से गीला हो चुका था।
तभी रवि का एक और दोस्त, सूरज, 35 साल का, अनुभवी और मज़बूत मर्द, अपार्टमेंट में आया। उसने अनुश्री की चुदाई देखकर अपना मोटा लंड पकड़ लिया। “अनुश्री, मुझे भी बुला ले,” उसने गहरी आवाज़ में कहा, और अनुश्री ने उसे एक सेक्सी नज़र दी। “सूरज, मेरे बूब्स और मुँह बाकी हैं,” उसने कहा। सूरज ने अपनी पैंट उतारी और अपना मोटा लंड अनुश्री के मुँह में डाल दिया। अनुश्री ने उसे चूसना शुरू किया, उसकी जीभ से उसके मोटे लंड को सहलाते हुए।
करण अब अनुश्री की चूत को ज़ोर-ज़ोर से चोद रहा था, उसका लंड हर धक्के में उसकी चूत की गहराई को छू रहा था। आदित्य ने उसकी गांड में अपने लंड को और गहरे तक धकेला, और अनुश्री की सिसकियाँ चीखों में बदल गईं। सूरज ने अनुश्री के बाल पकड़कर अपने मोटे लंड को उसके मुँह में और गहरे तक डाला, और अनुश्री ने उसे चूसते हुए सिसकियाँ भरीं। “तेरे मुँह में मेरा मोटा लंड कितना अच्छा लग रहा है,” सूरज ने कराहते हुए कहा।
चुदाई का ये खेल घंटों चला। अनुश्री की चूत, गांड, और मुँह तीनों मर्दों के लंड से भरे थे। करण ने अनुश्री की चूत में अपने लंड को और तेज़ी से चलाया, और आखिरकार उसकी चूत में अपनी गर्मी छोड़ दी। आदित्य ने उसकी गांड को चोदते हुए अपने लंड का रस उसकी गांड में छोड़ा। सूरज ने अनुश्री के मुँह से अपना मोटा लंड निकाला और उसकी चूचियों पर अपनी गर्मी बिखेर दी। अनुश्री का जिस्म पसीने, चुदाई, और तृप्ति से गीला था।
उस रात अनुश्री ने तीनों को एक सेक्सी मुस्कान दी और फुसफुसाया, “तुम्हारे लंडों ने मेरी चूत और गांड को यादगार बना दिया।” करण, आदित्य, और सूरज ने उसे अपनी बाहों में लिया, और बारिश की ठंडी रात में उनकी चुदाई की गर्मी सुबह तक बाकी थी।