हथौड़े जैसा लंड और मेरी टाइट चूत की चुदाई

मैं, रीना, 27 साल की थी, और मेरा जिस्म ऐसा था कि मोहल्ले के सारे मर्द मेरी एक झलक के लिए तरसते थे। मेरे रसीले बूब्स, पतली कमर और गोल नितंब मेरी टाइट ड्रेस में उभरकर हर लंड में आग लगा देते थे। मेरी गहरी आँखें और गुलाबी होंठ जैसे चूमने की खुली दावत दे रहे हों। मैं जयपुर की एक पॉश कॉलोनी में अपने किराए के फ्लैट में अकेली रहती थी। मेरा पड़ोसी, विक्रम, 30 साल का जवान और मस्कुलर मर्द था। उसका साँवला जिस्म, चौड़ा सीना और गहरी आवाज मेरे जिस्म में सिहरन पैदा कर देती थी। मैंने कई बार नोटिस किया कि जब मैं बालकनी में कपड़े सुखाती, तो विक्रम की नजरें मेरे बूब्स और नितंबों पर ठहर जाती थीं। उसकी वो भूखी नजरें मेरी चूत को गीला कर देती थीं, और मुझे यकीन था कि उसका हथौड़े जैसा लंड मेरी टाइट चूत की भूख मिटाने को बेताब था।

वो एक अगस्त की उमस भरी रात थी। जयपुर में बारिश की फुहारें पड़ रही थीं, और मेरे फ्लैट का माहौल मंद रोशनी और सॉफ्ट म्यूजिक से गर्म हो गया था। मैंने एक पतली सी काली नाइटी पहनी थी, जो मेरे जिस्म से चिपक रही थी। मेरे बूब्स नाइटी में साफ उभर रहे थे, और मेरी टाइट चूत की शेप मेरी लाल पैंटी में दिख रही थी। तभी मेरे फ्लैट की डोरबेल बजी। मैंने दरवाजा खोला तो विक्रम खड़ा था, एक टाइट टी-शर्ट और शॉर्ट्स में। उसका मस्कुलर जिस्म पसीने से चमक रहा था, और उसकी आँखें मेरे बूब्स पर टिक गईं।

“रीना, तुम्हारा इंटरनेट राउटर खराब हो गया है। मैं ठीक कर दूँ?” उसने शरारत भरे लहजे में कहा। मैंने हँसते हुए जवाब दिया, “विक्रम, राउटर तो बहाना है। तेरा हथौड़ा लंड मेरी टाइट चूत को ठीक करने आया है, ना?” मेरी बात सुनकर उसकी आँखें चमक उठीं। “रीना, तेरी चूत मेरे लंड की भूखी है, तो आज उसे पूरा मजा दूँगा,” उसने फुसफुसाते हुए कहा। मैंने उसे अंदर बुलाया और दरवाजा बंद कर दिया।

विक्रम ने मुझे अपनी बाहों में खींच लिया और मेरे रसीले होंठों को अपने होंठों से चूस लिया। वो चुंबन इतना गहरा और गर्म था कि मेरे जिस्म में बिजली सी दौड़ गई। मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दी और उसके मस्कुलर सीने पर अपने नाखून फिराए। “विक्रम, तेरा जिस्म तो पत्थर जैसा है,” मैंने फुसफुसाया, और उसके सीने पर अपने होंठ फिराए। उसने मेरी नाइटी का स्ट्रैप नीचे खींचा, और मेरे बूब्स मेरी काली लेस ब्रा में कैद थे, जैसे बाहर निकलने को बेताब हों। उसने मेरी ब्रा उतार दी, और मेरे रसीले बूब्स उसके सामने थे, गोल और टाइट।

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विक्रम ने मेरे निप्पल्स को अपने मुँह में लिया, उन्हें चूसते और हल्के से काटते हुए। मेरी सिसकारियाँ फ्लैट में गूँज उठीं। “हाँ, विक्रम… और जोर से… मेरे बूब्स को दबा,” मैंने चीखते हुए कहा। उसने मेरे बूब्स को अपने बड़े-बड़े हाथों में लिया और जोर-जोर से दबाने लगा, जैसे मेरी सारी वासना उसके हाथों में समा रही हो। मैंने उसकी शॉर्ट्स उतार दी, और उसका हथौड़े जैसा मोटा लंड मेरे सामने तनकर खड़ा था। उसका लंड इतना बड़ा और सख्त था कि मेरी चूत में सिहरन दौड़ गई। “विक्रम, तेरा लंड तो सचमुच हथौड़ा है,” मैंने शरारत से कहा, और उसके लंड को अपने हाथ में लेकर सहलाने लगी।

मैंने उसके लंड को अपने मुँह में लिया, और मेरी जीभ उसके लंड पर लपलपाती रही। विक्रम की सिसकारियाँ तेज हो गईं। “रीना, तेरा मुँह मेरे लंड को पागल कर रहा है,” उसने सिसकते हुए कहा, और मेरे बालों को कसकर पकड़ लिया। मैंने उसके लंड को गहराई तक चूसा, और उसकी टिप को अपनी जीभ से चाटा। उसकी सिसकारियाँ और तेज हो गईं, और मुझे लगा कि उसका रस मेरे मुँह में आने वाला है। मैंने धीरे-धीरे चूसना जारी रखा, और उसका लंड मेरे मुँह में और सख्त हो गया।

विक्रम ने मुझे लिविंग रूम के सोफे से उठाया और बेडरूम में ले गया। मेरा बेडरूम मखमली चादरों, मंद रोशनी और बारिश की फुहारों से सजा था, जो माहौल को और कामुक बना रहा था। उसने मेरी नाइटी और पैंटी उतार दी, और मेरी टाइट चूत उसके सामने थी, गीली और गुलाबी, जैसे कोई नशीला फूल। उसने अपनी जीभ मेरी चूत पर फिराई, और मेरी चीखें कमरे में गूँज उठीं। “विक्रम, मेरी चूत को चाट… और गहरा,” मैंने चिल्लाया, और अपनी टाँगें उसके कंधों पर रख दीं। उसने अपनी जीभ मेरी चूत की गहराइयों में डाली, और मेरा रस उसके मुँह में बहने लगा। मैंने उसका सिर पकड़कर अपनी चूत पर दबाया, और मेरी सिसकारियाँ बारिश की आवाज को दबाने लगीं।

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विक्रम ने मुझे बेड पर लिटाया और मेरी टाँगें फैलाकर अपने हथौड़े जैसे मोटे लंड को मेरी टाइट चूत में डाला। मैं चीख पड़ी, “विक्रम, तेरा लंड मेरी चूत को चीर रहा है!” उसने धीरे-धीरे धक्के मारना शुरू किया, और मेरी सिसकारियाँ तेज हो गईं। “और जोर से, विक्रम… मेरी चूत को फाड़ दे,” मैंने चीखते हुए कहा। उसने अपनी रफ्तार बढ़ाई, और हर धक्के के साथ मेरे बूब्स उछल रहे थे। उसने मेरे निप्पल्स को अपने मुँह में लिया, उन्हें चूसते और काटते हुए, और मेरी चीखें और तेज हो गईं। मैंने उसके कंधों पर अपने नाखून गड़ा दिए, और उसकी पीठ पर गहरे निशान छोड़ दिए।

उसने मुझे पलट दिया और डॉगी स्टाइल में चोदना शुरू किया। उसका हथौड़ा लंड मेरी टाइट चूत में इतनी गहराई तक जा रहा था कि मेरे जिस्म में बिजली सी दौड़ रही थी। “हाँ, विक्रम… और गहरा… मेरी चूत को रगड़ दे,” मैं चिल्ला रही थी। उसने मेरे नितंबों को थपथपाया, और मेरी चीखें और तेज हो गईं। उसने मेरे बाल पकड़े और मुझे और जोर से चोदा, जैसे उसकी सारी वासना मेरी चूत में उतर रही हो। मैंने अपनी कमर को उसकी रफ्तार के साथ मिलाया, और हम दोनों की सिसकारियाँ फ्लैट में गूँज रही थीं।

पूरी रात, हमने एक-दूसरे के जिस्म को चखा। विक्रम ने मुझे बेड के हर कोने में चोदा—कभी मेरी चूत को, कभी मेरे बूब्स को चूसते हुए, और कभी मेरे नितंबों को सहलाते हुए। मैंने उसके हथौड़े जैसे लंड को बार-बार अपने मुँह में लिया, और मेरी जीभ ने उसे पागल कर दिया। “विक्रम, तेरा लंड मेरी चूत का राजा है,” मैंने सिसकारी भरे लहजे में कहा, और उसे और जोर से चोदने के लिए उकसाया। हमने बेडरूम से लिविंग रूम तक, और फिर बाथरूम में शावर के नीचे भी चुदाई की। शावर में उसने मुझे दीवार से सटाकर मेरी चूत को चोदा, और मेरी चीखें पानी की फुहारों के साथ मिलकर गूँज रही थीं।

रात के चार बजे, जब बारिश और तेज हो गई, मैंने विक्रम के लंड को फिर से अपने हाथ में लिया। “ये अभी भी तना हुआ है,” मैंने शरारत से कहा, और उसे फिर से चूसने लगी। विक्रम ने मुझे अपनी गोद में बिठाया और फिर से चोदना शुरू किया। इस बार, मैं ऊपर थी, और मेरी कमर हर धक्के के साथ लय में हिल रही थी। “तेरी टाइट चूत मेरे लंड को निचोड़ रही है, रीना,” विक्रम ने कहा, और मैंने अपनी रफ्तार और बढ़ा दी। मेरे बूब्स उसके चेहरे के सामने उछल रहे थे, और उसने उन्हें चूसते हुए मुझे और जोर से चोदा।

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जब सुबह की पहली किरण खिड़की से छनकर आई, हम दोनों नंगे, पसीने से लथपथ, एक-दूसरे की बाहों में लिपटे थे। मैंने विक्रम के सीने पर सिर रखा और फुसफुसाया, “विक्रम, तेरे हथौड़े जैसे लंड ने मेरी टाइट चूत को रगड़कर रंगीन कर दिया।” उसने मेरी आँखों में देखा और कहा, “रीना, तेरी टाइट चूत ने मेरे लंड को अपना दीवाना बना लिया।”

मैंने उसके होंठों पर एक गहरा चुंबन लिया, अपनी नाइटी पहनी, और एक मादक मुस्कान के साथ बोली, “विक्रम, जब भी बारिश होगी, मेरी चूत तेरा हथौड़ा लंड माँगेगी।” उसने मेरी कमर पकड़ी और कहा, “तो मेरा लंड हर बारिश में हाजिर रहेगा, रीना।”

जैसे ही मैं बेडरूम से बाहर निकली, मैंने पलटकर देखा और एक शरारती पलक झपकी। “ये रात हमारी थी, विक्रम। लेकिन ये खेल कभी खत्म नहीं होगा।” मैं जानती थी, विक्रम का हथौड़ा लंड मेरी टाइट चूत की आग को हर रात सुलगाता रहेगा, और हमारी ये वासना फ्लैट की दीवारों में हमेशा गूँजती रहेगी।