कल रात ससुर जी ने अपनी हॉट बहू रिया की चूत की ऐसी चुदाई की कि उसकी कमर टूट गई! चूचियां, गांड, और मोटे लंड से भरी ये देसी सेक्स कहानी आपको जुनून की आग में झोंक देगी। रिया और ससुर जी के बीच की गर्म चुदाई की सच्ची-सी लगने वाली कहानी पढ़ें और मजा लें!
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ससुर जी ने कमर तोड़ चुदाई की कल रात
मैं रिया, 26 साल की जवान और चुलबुली औरत, जिसका गोरा रंग, भारी चूचियां, और मटकती गांड गाँव में सबकी नजरों का शिकार थी। मेरी शादी को दो साल हो चुके थे, और मेरा पति, राहुल, शहर में नौकरी करता था। गाँव की हवेली में मैं और मेरे ससुर जी, रामलाल, अकेले रहते थे। ससुर जी, 50 साल के थे, मगर उनकी तगड़ी देह, चौड़ा सीना, और गहरी आँखें किसी जवान मर्द को मात देती थीं। उनकी मूंछों और रौबीली आवाज में कुछ ऐसा जादू था कि मेरी चूत बेकरार हो उठती थी।
ससुर जी मेरे साथ हंसी-मजाक करते, कभी मेरी कमर पर हाथ रख देते, तो कभी मेरी चूचियों को घूरते। मैं उनकी नजरों को भांप लेती और जानबूझकर टाइट साड़ी पहनती, जिसमें मेरी गांड और चूचियां उभरकर सामने आतीं। मेरी चूत उनकी मर्दानगी की भूखी थी, मगर मैं शर्म और रिश्ते की मर्यादा में बंधी थी। फिर आई वो रात, जब ससुर जी ने मेरी सारी हदें तोड़ दीं।
कल रात बारिश जोरों पर थी। गाँव में बिजली गुल थी, और हवेली में सिर्फ लालटेन की रोशनी थी। मैंने एक पतली, गीली साड़ी पहनी थी, जो मेरे जिस्म से चिपककर मेरी चूचियों और गांड को नंगा कर रही थी। ससुर जी अपने कमरे में थे, और मैं रसोई में खाना बना रही थी। अचानक वो पीछे से आए और मेरी कमर को जकड़ लिया। “रिया, तू आज बहुत आग लगा रही है,” उनकी गहरी आवाज मेरे कानों में गूंजी, और मेरी चूत में सनसनी दौड़ गई।
“ससुर जी, ये क्या कर रहे हो?” मैंने शरमाते हुए कहा, मगर मेरी आवाज में वासना की हल्की सी पुकार थी। “रिया, बहू नहीं, तू मेरी रानी है,” उन्होंने गुर्राते हुए कहा, और मेरे कंधे पर अपने होंठ रख दिए। उनकी गर्म सांसें मेरी गर्दन पर पड़ीं, और मैं कांप उठी। मैंने विरोध नहीं किया। उनकी बाहों में मैं पिघल रही थी। ससुर जी ने मुझे गोद में उठाया और अपने कमरे में ले गए, जहाँ चारपाई पर एक मोटा गद्दा बिछा था।
उन्होंने मेरी साड़ी को एक झटके में खींच लिया। मेरी गोरी चूचियां पतले ब्लाउज में कैद थीं, और मेरी नाभि चांदनी में चमक रही थी। “रिया, तेरी चूचियां तो दूध की मटकी हैं,” ससुर जी ने ललचाई नजरों से कहा, और मेरा ब्लाउज फाड़ दिया। मेरी चूचियां आजाद हो गईं, उनके गुलाबी निप्पल्स तनकर खड़े थे। उन्होंने मेरी चूचियों को अपने रूखे हाथों में भरा और जोर-जोर से मसलने लगे। मेरी सिसकियां कमरे में गूंज उठीं। “हाय, ससुर जी, मेरी चूचियां दुख रही हैं!” मैंने सिसकते हुए कहा, मगर मेरी चूत रस से गीली हो रही थी।
ससुर जी ने मेरे निप्पल्स को अपनी जीभ से चाटा, और उन्हें चूसने लगे। उनकी मूंछें मेरी चूचियों पर गुदगुदी कर रही थीं, और मैं चीख उठी। “ससुर जी, मेरी चूचियां चूसो, और जोर से!” मैंने चिल्लाया, और उनके बालों को जकड़ लिया। उन्होंने मेरी पेटीकोट को फाड़कर फेंक दिया। मेरी सांवली, गीली चूत उनके सामने थी, उसका रस टपक रहा था। “रिया, तेरी चूत तो शहद की नदी है,” उन्होंने कहा, और अपनी उंगलियां मेरी चूत में डाल दीं। मेरी चूत इतनी गर्म थी कि वो गुर्रा उठे।
“हाय, ससुर जी, मेरी चूत में आग लग रही है!” मैंने चिल्लाया, और मेरी गांड उछलने लगी। ससुर जी ने मेरी चूत को अपनी जीभ से चाटा, उनकी जीभ मेरे चूत के दाने को रगड़ रही थी। मेरी चीखें हवेली में गूंज रही थीं। “ससुर जी, मेरी चूत चाटो, इसे अपने प्यार से भिगो दो!” मैं चिल्ला रही थी, और मेरी चूत रस से तर-बतर हो गई। उन्होंने दो उंगलियां मेरी चूत में डालीं, और मुझे जोर-जोर से चोदने लगे। मेरी सिसकियां सुख की चीखों में बदल गईं।
ससुर जी ने अपनी लुंगी उतार दी। उनका मोटा, 10 इंच का लंड मेरे सामने तनकर खड़ा था, उसकी नसें फूल रही थीं। मैंने उनके लंड को देखा, और मेरी आँखें डर और वासना से चमक उठीं। “ससुर जी, आपका लंड तो मेरी चूत का काल है!” मैंने सिसकते हुए कहा। “रिया, मेरा लंड तेरी चूत का सुख बनेगा,” उन्होंने रूमानी लहजे में कहा, और मेरे नाजुक हाथों में अपना लंड थमा दिया। मैंने उनके लंड को डरते-डरते सहलाया, और फिर अपने होंठों से उसे चूमा। मेरी जीभ उनके लंड के टिप पर घूम रही थी, और ससुर जी की सांसें रुक रही थीं।
“रिया, तू मेरे लंड को जन्नत दिखा रही है,” उन्होंने गुर्राया, और मेरे बालों को जकड़ लिया। मैंने उनके लंड को चूसकर गीला कर दिया, और फिर चारपाई पर लेट गई। मेरी चूत रस टपका रही थी, और मेरी मोटी गांड उनके सामने थी। “ससुर जी, मेरी चूत में अपना मोटा लंड डालो, और मुझे चोदो!” मैंने चिल्लाया, और अपनी टांगें फैला दीं। ससुर जी ने मेरी चूतड़ों पर थप्पड़ मारे, और अपनी उंगलियां मेरी चूत में डालकर उसे और गीला किया। “रिया, तेरी चूत मेरे लंड की मालकिन है,” उन्होंने कहा, और अपना मोटा लंड मेरी चूत में एक झटके में डाल दिया।
मेरी चीख रात को चीर गई। “हाय मर गई! आपका लंड मेरी चूत फाड़ देगा!” मैंने चिल्लाया, और मेरी चूत ने उनके लंड को जकड़ लिया। ससुर जी ने मुझे प्यार से सहलाया, और धीरे-धीरे अपना लंड मेरी चूत में डालने लगे। मेरी चूत उनके लंड को निगल रही थी, और मेरी चीखें सिसकियों में बदल गईं। “ससुर जी, अब सुख हो रहा है, चोदो मुझे!” मैंने चिल्लाया, और उन्होंने मेरी चूत को जोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया।
उन्होंने मेरी चूचियों को पकड़ा, और मेरी चूत को ऐसे चोदा जैसे कोई जंग जीत रहे हों। हर धक्के के साथ मेरी चूत रस छोड़ रही थी, और मेरी चीखें हवेली में गूंज रही थीं। “चोदो मुझे, ससुर जी! मेरी चूत को अपने मोटे लंड का गुलाम बना दो!” मैं चिल्ला रही थी, और उनका लंड मेरी चूत में तूफान मचा रहा था। ससुर जी ने मुझे चारपाई से उठाया, और दीवार के सहारे खड़ा किया। उन्होंने मेरी एक टांग उठाई, और मेरी चूत में फिर से अपना लंड डाला। मेरी चूचियां उछल रही थीं, और मेरी चूत उनके लंड को जकड़ रही थी।
“ससुर जी, आपका लंड मेरी चूत की जिंदगी है!” मैंने चीखा, और उनके होंठों को चूसने लगी। ससुर जी ने मेरी चूत में गहरे धक्के मारे, और मेरी चूतड़ों को जोर-जोर से दबाया। “रिया, तेरी चूत मेरे लंड की जन्नत है,” उन्होंने गुर्राया, और मेरी चूत में और गहरा धक्का मारा। अब उनकी नजर मेरी मोटी गांड पर थी। उन्होंने मुझे चारपाई पर उल्टा लिटाया, और मेरी गांड को अपने सामने देखकर पागल हो गए। “रिया, तेरी गांड तो सूरज का टुकड़ा है,” उन्होंने रूमानी लहजे में कहा, और मेरी गांड पर थप्पड़ मारे।
उन्होंने मेरी चूत का रस अपनी उंगलियों से लिया, और मेरी टाइट गांड के छेद को गीला किया। “ससुर जी, मेरी गांड में मत डालो, मैं टूट जाऊंगी!” मैंने सिसकते हुए कहा, मगर मेरी गांड अब उनके लंड की प्यासी थी। ससुर जी ने अपने लंड को मेरी चूत के रस से गीला किया, और धीरे से मेरी टाइट गांड में डाला। मेरी चीख रात को चीर गई। “हाय राम! आपका लंड मेरी गांड चीर देगा!” मैंने चिल्लाया, मगर मेरी गांड अब उनके लंड को लय में ले रही थी। उन्होंने मेरी चूचियों को पीछे से पकड़ा, और मेरी गांड को जोर-जोर से चोदा।
हर धक्के के साथ मेरी चूत रस टपका रही थी, और मेरी गांड उनके लंड को निगल रही थी। “चोदो मेरी गांड, ससुर जी! मेरी चूत और गांड दोनों आपके लंड की गुलाम हैं!” मैं चिल्ला रही थी। रात के 3 बज चुके थे, और बारिश की आवाज हमारी चुदाई का संगीत बन रही थी। ससुर जी ने मुझे अपनी गोद में उठाया, और चारपाई के किनारे चोदने लगे। मेरी चूचियां उछल रही थीं, और मेरी चूत उनके लंड को जकड़ रही थी। “ससुर जी, आप मेरी चूत और गांड के राजा हैं,” मैंने सिसकते हुए कहा, और उनके होंठों को चूसने लगी।
उनका लंड अब फटने को था। ससुर जी ने मेरी चूत में आखिरी धक्का मारा, और अपना गर्म माल मेरी चूत में उड़ेल दिया। मेरी चूत रस और माल से लबालब हो गई, और मेरी सिसकियां चरम सुख में बदल गईं। हम दोनों पसीने से तर-बतर चारपाई पर गिर पड़े, हमारी सांसें एक-दूसरे में उलझी हुई थीं। मैंने ससुर जी के लंड को फिर से सहलाया, और बोली, “ससुर जी, आपने मेरी कमर तोड़ दी।” उन्होंने मेरी चूचियों को चूमा, और कहा, “रिया, तू मेरी रानी है। जब तक मैं हूं, तेरी चूत और गांड की प्यास बुझाऊंगा।”
गर्मी का नया तड़का
कुछ दिन बाद, राहुल गाँव लौटा। एक रात, जब मैं और ससुर जी चुदाई कर रहे थे, राहुल ने हमें देख लिया। मैं डर गई, मगर राहुल ने मुस्कुराते हुए कहा, “रिया, अगर पिताजी तुझे सुख दे सकते हैं, तो मैं भी कोशिश करूंगा।” उसने अपना लंड निकाला, और मेरी चूत में डाल दिया। ससुर जी ने मेरी गांड में अपना मोटा लंड डाला, और दोनों ने मुझे एक साथ चोदा। मेरी चीखें हवेली में गूंज रही थीं। “चोदो मुझे, तुम दोनों! मेरी चूत और गांड दोनों ले लो!” मैं चिल्ला रही थी। उस रात, मैंने वो सुख पाया जो मैंने कभी नहीं सोचा था।
हवेली की रातों का जुनून
अब ससुर जी और राहुल दोनों मेरी प्यास बुझाते। हर रात हवेली में चुदाई का मेला लगता। एक बार, गाँव की एक और औरत, कमला, जो ससुर जी की पुरानी दोस्त थी, ने हमारी चुदाई देख ली। ससुर जी ने उसे भी शामिल कर लिया, और उस रात हम चारों ने मिलकर कमला और मेरी चूत और गांड को चोदा। उनकी चीखें और सिसकियां हवेली में गूंज रही थीं। “चोदो हमें, ससुर जी! हमारी चूत और गांड आपके मोटे लंड की भूखी हैं!” हम चिल्ला रही थीं।
ससुर जी की कमर तोड़ चुदाई ने मुझे हर रात जन्नत दिखाई। मैं दिन में उनकी बहू थी, और रात में उनकी रानी। मेरी चूत और गांड की प्यास हर रात बुझती थी, और मैं अपनी जवानी का पूरा मजा ले रही थी।