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रात में भैया को पति बनाती हूँ चुदने के लिए

Bhai Bahan Sex, Ek Sex Story Bhai aur Behn ki : जब बहन खुद ही अपने भाई को अपने जाल में फंसा ले और उससे चुदने लगे तो आप क्या कहेंगे। आजकल मैं भी यही कर रही हूँ। मैं अपने भाई से चुद रही हूँ और मेरा भाई मेरी चुदाई में कोई कसर नहीं छोड़ता है। आज मैं आपको अपनी घर की कहानी यानी भाई बहन की सेक्स कहानी इस वेबसाइट पर यानी की नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर सुनाने जा रही हु। ये सेक्स कहानी मेरे और मेरे बड़े भाई के बिच में है मेरा भाई मेरे से मात्र 10 महीना बड़ा है और मैंने उसको ऐसे फांसा की वो मुझे रोज चोदता है।

ये सब कैसे हुआ आपको बताउंगी। अब देर किया बिना अपना परिचय दे देती हूँ। मेरा नाम लवली है और मेरे भाई का नाम संदीप है। मैं उसको संदीप ही कहती हूँ भैया नहीं कहती। मैं बहुत ही सेक्सी हूँ। हॉट हूँ और लम्बी हूँ, मेरा गोरा बदन और बड़ी बड़ी चूचियां किसी को भी पागल बनाने के लिए काफी है। मेरे गांड का उभार देखकर तो किसी का भी मन डोल जाये। मैं हूँ बहुत जबरदस्त माल हूँ। मुझे चुदने का बहुत शौक है। स्कूल टाइम से ही मैं सेक्स कर रही हूँ। मुझे चुद्वाना बेहद पसंद है। जब आदत ही चुदाई की लगी हुई है तो चुदुँगी चाहे घर में चाहे बाहर में। घर में चुदना सेफ होता है ऐसा मेरा मानना है।

आखिर मैंने कैसे अपनी भाई को फँसाई इसके बारे में आपको बता रही हूँ। असल में मैं शादी शुदा हूँ। और मेरा भाई भी शादी शुदा है। मेरी भाभी मेरे भाई को छोड़कर एक लड़के के साथ भाग गयी है। इसका कारण ये था की मेरा भाई बहुत ज्यादा चुदाई करता था। भाभी का कहना था की वो तीन तीन घंटे तक अपने दस इंच के लंड से चोदता है। और मेरी भाई उसके बड़े और मोटे लंड को बर्दास्त नहीं कर पा रही थी। इसलिए वो मेरे भाई को छोड़कर चली गयी छोटे लंड ही उसको पसंद था इसलिए एक लड़के के साथ।

और मैं अपने पति को इसलिए छोड़ आई क्यों की वो मुझे चोद नहीं पाता था। उसका लंड बहोत छोटा था जल्दी वीर्य भी निकल जाता था तो करती क्या? मुझे चुदाई बहुत पसंद है पर भगवान् को मेरे किस्मत में ये कमजोर आदमी ही लिखा था जो मेरी जिस्म की गर्मी को शांत नहीं कर पा रहा था। तो एक तरफ मेरा भाई जो एक नम्बर का चोदू इंसान जिसको छोड़कर बीवी भाग गयी और एक मैं एक नंबर का चुड़क्कड़ जिसकी चूत की गर्मी शांत ही नहीं होती।

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तो मैं वापस मायके आ गयी। मम्मी पापा से मनमुटाव हुआ तो मैं अपने भाई के पास नोएडा आ गयी। मेरा भाई नोएडा की एक कंपनी में काम करता है। और मैं भी यहाँ आकर जॉब ढूंढ रही हूँ। तो भाई को भी सहारा मिल गया और मेरा भी मन लगने लगा। फ्लैट में मैं और मेरा भाई ही रहता है। दिन भर वो ऑफिस जाता है और मैं दिन भर घर के काम काज कर के नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर सेक्स कहानियां पढ़ लेती हूँ और अपने जिस्म को सहला लेती हूँ।

पर मुझे तो लंड चाहिए था। पहले लगाए की किसी को पटा लूँ और उसी से चुद लूँ पर लगा की इसमें बदनामी हो सकती है और अगला इंसान क्या पता कैसा निकलेगा। इसलिए मैं भैया को ही यानी की संदीप पर ही डोरे डालने की सोच ली थी। तो एक दिन की बात है मैं उसके बर्थडे पर अच्छे अच्छे खाना बनाई और रात में दारू पीने का प्लान बनाया। भैया को भी पता है मैं कभी कभी पीती हूँ और वो भी कभी कभी ही पेग लेता है। तो शाम से ही हम दोनों की शाम रंगीन होना शुरू हो गया और रात के ग्यारह बजते बजते हम दोनों टूल हो गए खाना पीना खाकर और दारु पीकर।

आपको तो पता होगा। दारु पीने के बाद सबसे पहले दुःख बाहर आता है। तो भैया ने कहना शुरू कर दिया देख बहन मेरा क्या दोस्त है रुपाली छोड़कर चली गयी मैं ज्यादा प्यार करता था इसलिए? क्या प्यार करना गुनाह है ? और वो रोने लगा तो मैंने भी अपनी बात कहने लगी। हम दोनों भाई बहन एक जैसे ही है। एक प्यार दे रहा है तो रुपाली भाग गयी और मैं प्यार चाहती हूँ तो मेरा पति भाग गया या मैं छोड़ दी उसे।

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तो मैंने कहा उसको एक पेग देते हुए कोई बात नहीं जाने दे। हम दोनों की एक ही दुःख है और रहते हैं दोनों साथ में। कोई देखने वाला नहीं कोई बोलने वाला नहीं। ज़िंदगी बहुत छोटी है इसलिए हम दोनों ही एक दूसरे का मदद कर दें तुम मुझे प्यार करो मैं तुम्हे प्यार करुँगी दोनों का काम हो जायेगा। उसको मेरी बात समझ आ गयी। और फिर वही से शुरू हो गया नए रिश्ते की शुरआत। उसने मुझे बाहों में भर लिया, मैं भी इसी इंतज़ार में थी की वो अपनी बाहें खोले और मैं उसमे समां जाऊ। हम दोनों का प्यार परवान चढ़ गया था। देर नहीं लगी एक दूसरे के होठ को चूसने में।

उसने तुरंत ही मेरे होठ को चूसने लगा मैं भी चूसने लगी। मैं अपनी जीभ उसके मुँह में देने लगी वो मेरे जीभ को चूसने लगा। ओह्ह्ह्ह जैसे ही उसका हाथ मेरी दोनों बड़ी बड़ी चूचियों पर पड़ा मैं मचल उठी। मैं तुरंत ही अपनी चूचियों को अपने ब्रा से आज़ाद कर दी और निप्पल उसके मुँह में दे दिया। वो चूसने लगा निप्पल को और दांतो से काटने लगा। मैंने कहा क्यों जान इतनी जल्दी क्या है। अब तो हम दोनों साथ है एक फ्लैट में तो अब बहन नहीं बीवी हो गयी हूँ मैं। अब तो जैसे रखो चाहे बहन बनाकर या बीवी बनाकर मैं हर पल तुम्हे साथ दूंगी।

इतना कहते कहते मैं उसके लंड को पकड़ ली क्यों की मुझे भी देखना था 10 इंच का लंबा और मोटा लंड जिसके डर से भाभी भाग गयी थी। .मैं तुरंत ही उसके लंड को अपनी हाथ में लेकर सोटने लगी। आगे पीछे करने लगी। फिर मुँह में ले ली। चूसने लगी आइसक्रीम की तरह। वो मेरी बाल को पकड़ कर लंड चूसने को कह रहा था। मैं कंठ तक लेती पर पूरा नहीं ले पाती। मेरी चूत अब काफी गीली हो गयी थी। मुझे उसका मोटा लंड अब अपनी चूत में लेना था।

मैं तुरंत ही पेंटी उतार दी और दोनों पैरों को अलग अलग कर दिया वो तुरंत भी आकर मेरी चूत में ऊँगली घुसाता और चाटता। ओह्ह्ह्हह क्या बताऊँ दोस्तों मैं पानी पानी हो रही थी। वो मुझे खुश कर रहा था जो मुझे चाहिए था वो सब कुछ वो कर रहा था। मैं कहा जान अब देर मत करो डाल दो अपना खंडा मेरी दरार में। उसने अपना लंड मेरी चूत पर सेट किया और जोर से धक्का दे दिया। ओह्ह्ह्हह्हह पूरा दस इंच का लंड मेरी चूत में समा गया और फिर शुरआत हुई सेक्सी आवाज की और गाली देने की।

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मैं आआह्ह्ह्ह आआह्ह्ह्हह करती वो कहता ले बहन ले छिनार मेरा लंड ले। तू भाई से चुदना चाहती है तो चुद देख मेरा मोटा लंड। एक तो भाग गयी और अब तेरी बारी है। तो मैंने कहा भागेगा तू। अभी तो जोश में आई भी नहीं हु ऐसे दो दो लंड एक साथ ले सकती हूँ या एक लंड गांड में एक चूत में एक साथ ले सकती हूँ। इतना कहते ही वो मुझे जोर जोर से चोदने लगा और मैं भी चूतड़ उठा उठा कर चुदवाने लगी। जोर जोर से धक्के देता और मैं उसका पूरा लंड अंदर ले लेती।

वो मेरी चूचियों को मसलते हुए चोद रहा था और मैं उसके छाती के बाल को सहलाते हुए उसके होठ को चुस्ती और दोनों हाथ से उसकी गांड को पकड़ कर अपनी और खींचती। उसने मुझे पहली बार में ही खुश कर दिया। मैं धन्य हो गयी मोटे लंड से। मैं तरस गयी थी ऐसी चुदाई के लिए पर आज मेरा भाई मुझे खुश कर दिया।

रात भर चुदी उसने मुझे खुश किया मैंने भी उसको खुश किया घर का माल घर में ही रह गया। अब हम दोनों दिन में भाई बहन की तरह और रात को पति पत्नी की तरह रहते हैं। अपनी दूसरी कहानी जल्द ही नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर लिखने वाली हूँ अब तक के लिए धन्यवाद।