मेरी दीदी की सास चुदक्कड़ निकली

मैं रवि, 24 साल का जवान, तगड़ा, और गाँव का दिलकश नौजवान, जिसका मोटा लंड और सांवली मांसल देह गाँव की औरतों की नजरों को ललचाती थी। मेरी दीदी, सोनम, की शादी को तीन साल हो चुके थे, और वो अपने ससुराल में खुश थी। दीदी की सास, रमा, 42 साल की थी, मगर उसकी जवानी ऐसी थी कि जवान लड़कियां भी शरमा जाएं। रमा की गोरी चमकती त्वचा, भारी-भरकम चूचियां, मोटी गांड, और कातिलाना मुस्कान किसी का भी लंड तनवा देती थी। उसकी टाइट साड़ी में उभरी चूचियां और मटकती गांड मुझे हर बार तड़पाती थी।

हमारी हवेली में दीदी और जीजा कभी-कभी आते, और रमा भी साथ होती। रमा मेरे साथ खुलकर हंसती-बोलती, मेरी जांघ पर चिकोटी काटती, और उसकी शरारती नजरें मेरे लंड को ललचाती थीं। मैं उसकी चूचियों को निहारता, और मेरी चूत उसकी जवानी की भूखी थी। मगर मैं अपनी वासना को दबाता, क्योंकि वो मेरी दीदी की सास थी। एक रात, दीदी और जीजा शहर गए थे, और रमा हवेली में रुक गई। बिजली गुल थी, और चांदनी छत पर बिछी थी। रमा ने एक पतली, पारदर्शी साड़ी पहनी, जो उसकी चूचियों और मोटी गांड को उभार रही थी।

“रवि, इतनी रात को छत पर?” रमा ने रसीली आवाज में कहा, और मेरे पास चारपाई पर बैठ गई। उसकी साड़ी का पल्लू सरक गया, और उसकी गहरी नाभि चांदनी में चमक रही थी। “रमा जी, आपकी जवानी मुझे नींद नहीं लेने देती,” मैंने हिम्मत करके कहा, और उसकी जांघ पर हाथ रख दिया। रमा की सांसें तेज हो गईं। “रवि, तू शरारती है, मगर मेरी चूत भी तुझसे तड़प रही है,” उसने सिसकते हुए कहा, और मेरे लंड को पायजामे के ऊपर से सहलाया। मेरा लंड फटने को तैयार था।

“रमा जी, आप मेरी सास जैसी हैं, ये गलत है,” मैंने सिसकते हुए कहा, मगर मेरी नजरें उसकी चूचियों पर थीं। “सास नहीं, रवि, मैं तेरी रानी बनना चाहती हूं,” उसने कामुक लहजे में कहा, और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए। उसका चूमन एक तूफान था, जिसमें मैं बह गया। उसकी जीभ मेरी जीभ से उलझी, और उसने मेरे होंठों को चूस लिया। “उफ्फ, रवि, तेरे होंठ मेरी चूत में आग लगा रहे हैं,” रमा ने सिसकिया, और मेरी कमर को जकड़ लिया।

मैंने रमा की साड़ी को एक झटके में खींच लिया। उसकी गोरी चूचियां ब्लाउज में कैद थीं, उनके निप्पल्स उभर रहे थे। मैंने उसका ब्लाउज फाड़ दिया, और उसकी भारी चूचियां नंगी हो गईं। “रमा, तेरी चूचियां तो अमृत के घड़े हैं,” मैंने कामुक लहजे में कहा, और उसकी चूचियों को अपने मजबूत हाथों में भरा। मैंने उन्हें जोर-जोर से मसला, और रमा की सिसकियां चीखों में बदल गईं। “हाय, रवि, मेरी चूचियां तेरे हाथों में पिघल रही हैं,” उसने सिसकिया, और मेरी पीठ को नाखूनों से खरोंचा।

गरमा गर्म सेक्स कहानी  मैंने अपनी बीवी को चुदते हुए देखा अपने नौकर से

मैंने रमा के निप्पल्स को अपनी जीभ से चाटा, और उन्हें चूसने लगा। उसकी सिसकियां अब चीखों में बदल गईं। “रवि, मेरी चूचियां चूस, और जोर से!” रमा ने चिल्लाया, और मेरे बालों में उंगलियां फंसाईं। मैंने उसकी पेटीकोट को फाड़कर फेंक दिया। उसकी सांवली, गीली चूत चांदनी में चमक रही थी। “रमा, तेरी चूत तो रस का सागर है,” मैंने कहा, और अपनी उंगलियां उसकी चूत में डाल दीं। उसकी चूत इतनी गर्म थी कि मैं चीख पड़ा।

“हाय, रवि, मेरी चूत तेरे लिए तड़प रही है!” रमा ने चिल्लाया, और उसकी मोटी गांड उछलने लगी। मैंने उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटा, मेरी जीभ उसके चूत के दाने को सहला रही थी। उसकी चीखें हवेली में गूंज रही थीं। “रवि, मेरी चूत चाट, इसे अपने प्यार से भिगो दे!” रमा चिल्ला रही थी, और उसकी चूत रस से लबालब हो गई। मैंने दो उंगलियां उसकी चूत में डालीं, और उसे जोर-जोर से चोदा। उसकी सिसकियां चरम सुख में बदल गईं।

मैंने अपना पायजामा उतार दिया। मेरा मोटा, 9 इंच का लंड चांदनी में चमक उठा, उसकी नसें फूल रही थीं। रमा ने मेरे लंड को देखा, और उसकी आँखें चमक उठीं। “उफ्फ, रवि, तेरा मोटा लंड तो मेरी चूत का राजा है,” उसने कहा, और मेरे लंड को अपने नाजुक हाथों में लिया। उसने मेरे लंड को प्यार से सहलाया, और फिर अपने होंठों से उसे चूसने लगी। उसकी जीभ मेरे लंड के टिप पर घूम रही थी, और मेरी सांसें रुक रही थीं। “रमा, तू मेरे लंड को जन्नत दिखा रही है,” मैंने गुर्राया, और उसके बालों को जकड़ लिया।

रमा ने मेरे लंड को चूसकर गीला कर दिया, और फिर चारपाई पर लेट गई। उसकी चूत रस टपका रही थी, और उसकी मोटी गांड मेरे सामने थी। “रवि, मेरी प्यासी चूत में अपना मोटा लंड डाल, और मुझे जमकर चोद!” उसने चिल्लाया, और अपनी गांड को ऊपर उठाया। मैंने रमा की चूतड़ों पर थप्पड़ मारे, और अपनी उंगलियां उसकी चूत में डालकर उसे और गीला किया। “रमा, तेरी चूत मेरे मोटे लंड की रानी है,” मैंने कहा, और अपना मोटा लंड उसकी चूत में एक झटके में डाल दिया।

गरमा गर्म सेक्स कहानी  होली में भाई के दोस्तों चूत में गुलाल भरा और घंटों मुझे चोदा

रमा की चीख रात को चीर गई। “हाय मर गई! तेरा मोटा लंड मेरी चूत फाड़ देगा!” उसने चिल्लाया, मगर उसकी चूत अब मेरे लंड को लय में ले रही थी। मैंने रमा की चूचियों को पकड़ा, और उसकी चूत को जोर-जोर से चोदने लगा। हर धक्के के साथ उसकी चूत रस छोड़ रही थी, और उसकी चीखें छत पर गूंज रही थीं। “चोद मुझे, रवि! मेरी चूत को अपने मोटे लंड का गुलाम बना दे!” रमा चिल्ला रही थी, और मेरा लंड उसकी चूत में तूफान मचा रहा था।

मैंने रमा को चारपाई से उठाया, और छत की रेलिंग के सहारे खड़ा किया। मैंने उसकी एक टांग उठाई, और उसकी चूत में फिर से अपना लंड डाला। उसकी चूचियां उछल रही थीं, और उसकी चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी। “रवि, तेरा मोटा लंड मेरी चूत की जिंदगी है!” उसने चीखा, और मेरे होंठों को चूसने लगी। मैंने उसकी चूत में गहरे धक्के मारे, और उसकी चूतड़ों को जोर-जोर से दबाया। “रमा, तेरी चूत मेरे मोटे लंड की जन्नत है,” मैंने गुर्राया, और उसकी चूत में और गहरा धक्का मारा।

अब मेरी नजर रमा की मोटी गांड पर थी। मैंने उसे चारपाई पर उल्टा लिटाया, और उसकी गांड को अपने सामने देखकर पागल हो गया। “रमा, तेरी गांड तो चांद का टुकड़ा है,” मैंने रूमानी लहजे में कहा, और उसकी गांड पर थप्पड़ मारे। मैंने उसकी चूत का रस अपनी उंगलियों से लिया, और उसकी टाइट गांड के छेद को गीला किया। “रवि, मेरी गांड में मत डाल, मैं टूट जाऊंगी!” रमा ने सिसकते हुए कहा, मगर उसकी गांड अब मेरे लंड की प्यासी थी।

मैंने अपने लंड को रमा की चूत के रस से गीला किया, और धीरे से उसकी टाइट गांड में डाला। रमा की चीख रात को चीर गई। “हाय राम! तेरा मोटा लंड मेरी गांड चीर देगा!” उसने चिल्लाया, मगर उसकी गांड अब मेरे लंड को लय में ले रही थी। मैंने रमा की चूचियों को पीछे से पकड़ा, और उसकी गांड को जोर-जोर से चोदा। हर धक्के के साथ उसकी चूत रस टपका रही थी, और उसकी गांड मेरे लंड को निगल रही थी। “चोद मेरी गांड, रवि! मेरी चूत और गांड दोनों तेरे मोटे लंड की गुलाम हैं!” रमा चिल्ला रही थी।

गरमा गर्म सेक्स कहानी  दूधवाले ने मेरे दूध को दबा दबाकर अपने तबेले में चोदा

रात के 3 बज चुके थे, और चांदनी हमारी चुदाई का गवाह थी। मैंने रमा को अपनी गोद में उठाया, और चारपाई के किनारे चोदने लगा। उसकी चूचियां उछल रही थीं, और उसकी चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी। “रवि, तू मेरी चूत और गांड का राजा है,” रमा ने सिसकते हुए कहा, और मेरे होंठों को चूसने लगी। मेरा लंड अब फटने को था। मैंने उसकी चूत में आखिरी धक्का मारा, और अपना गर्म माल उसकी चूत में उड़ेल दिया। रमा की चूत रस और माल से लबालब हो गई, और उसकी सिसकियां चरम सुख में बदल गईं।

हम दोनों पसीने से तर-बतर चारपाई पर गिर पड़े, हमारी सांसें एक-दूसरे में उलझी हुई थीं। मैंने रमा की चूचियों को फिर से सहलाया, और बोला, “रमा, तू सच्ची चुदक्कड़ है, तूने मुझे जन्नत दिखा दी।” रमा ने मेरे लंड को चूमा, और कहा, “रवि, तू मेरा असली मर्द है। जब तक तू है, मेरी चूत और गांड की प्यास बुझाएगा।”

एक नया मोड़

कुछ दिन बाद, दीदी और जीजा हवेली लौटे। एक रात, जब मैं और रमा चुदाई कर रहे थे, जीजा ने हमें देख लिया। मैं डर गया, मगर जीजा ने हंसते हुए कहा, “रवि, अगर मम्मी को तू सुख दे सकता है, तो मैं भी कोशिश करूंगा।” उसने अपना लंड निकाला, और रमा की चूत में डाल दिया। मैंने रमा की गांड में अपना मोटा लंड डाला, और दोनों ने उसे एक साथ चोदा। रमा की चीखें रात में गूंज रही थीं। “चोदो मुझे, तुम दोनों! मेरी चूत और गांड दोनों ले लो!” रमा चिल्ला रही थी। उस रात, रमा ने वो सुख पाया जो उसने कभी नहीं सोचा था।

अब रमा दिन में दीदी की सास थी, और रात में मेरी और जीजा की रानी। उसकी चूत और गांड की प्यास हर रात बुझती थी, और वो अपनी जवानी का पूरा मजा ले रही थी।