मस्त चूत को चाचा ने भरता बनाया : चाचा भतीजी सेक्स कहानी

हेल्लो दोस्तों मेरा नाम मनसीरत है. मैं पानीपत कि रहने बाली हूँ मैं पंजाबन हूँ. लंबे बाल, भरा हुआ जिस्म, सेक्सी होंठ और नशीली आँखें यह सब लड़को की पेंट में तम्बु बना देती हूँ.

सभी लड़के अपने लंड पकड़ ले और लड़किया चूत में उंगली डाल ले. अपने गाड़ी सीखने बाले से चुदने के बाद अब मेरे जिस्म की आग बहूत बादबढ़ गई  थी. मुझे समझ नहीं आ रहा थे कैसे इसे शांत करू. जो लड़का सामने से गुज़रता था नज़र सीधा उसकी पेंटकी ज़िप बाले हिस्से पे चली जाती थी. मान करता था क सड़क पे ही चुदाईशुरू कर दू. बड़ी मुश्किल से मैने खुद को कंट्रोल किया हुआ था.

मेरा अड्मिशन देल्ही क 1 कॉलेज में हो गया था. क्यूकी रोज़ पानीपत से आना जाना दूर लगता था. इसलिए मैं अपने चाचा के यहाँ रहने लगी और वीकेंड पे घर जाने लगी. मेरे चाचा 1 हॅंडसम 40 क करीब का जाट है. उनके डाइवोर्स हो चुका था और वो अकेले ही रहते थे. मैं ज्ब उनके घर पहुँची तो चाचा जी ने मुझे अपने गले से लगा लिया. मैने स्कर्ट और टॉप पहन रखी थी, मुझे लगा जैसे उनका लंड खड़ा हो गया हा मुझे देख कर,  खैर पहला दिन था तो मैने भी इतना ध्यान नहीं दिया

मेरे कॉलेज की पढ़ाई शुरू हो गयी थी. चाचा जी भी सुबह ऑफीस जाते और शाम को आते और 2-3 पेग. लगा क सो जताई थे. मेरे अंदर की सेक्स की भूख बदती ही जा रही थी. मुझे रोज़ अपनी चूत में उंगली करने की आदत पद गई  थी.

1 दिन मैं सुबह उठी तब तक चाचा जी ऑफीस जा चुके थे. मेरे कमरे क बातरूम में पानी नहीं आ रहा था इसलिए मैं नहाने उनके कमरे में चली गई . उनके बातरूम में गई  और मैने अपने कपड़े उतार दिए. अचानक मेरी नज़र उनके अंडरवेर पे पड़ी. पत नहीं मुझे क्या हुआ मैने उसे उठाया और सूंघने लगी. मुझे बहूतअच्छी लग रही थी उसकी खुश्बू.

मैने साथ साथ अपनी चूत में उंगली करनी शुरू दी. मैने उसके अंदर देखा तो वो थोड़ा गीला और चिपचिपा था. मैने छुआ तो मुझे समझ आ गया क चाचा ने इसमे मूठ मारी है. मैने उसे अपनी उंगली में लिया और चख लिया. मुझे बहूत मज़ा आ आ था. मैं अब मन बना लिया था क मुझे चाचा से सेक्स करना है चाहे कुछ भी हो.

मैने अब चाचा को सिड्यूस करना शुरू क्र दिया था. मैं जान क उनके सामने छोटे और ट्रॅन्स्परेंट कपड़े पहनती . छोटी शॉर्ट्स और वाइट कुर्ता जिसमे मेरी काली ब्रा दिखती वो पहनती. रात को जाँघो तक की नाइट ड्रेस पहनती. मुझे पता था कि मुझे ऐसे देख क उनके लंड का बुरा हाल हो जाता हा. जब कभी उनके बातरूम में जाती तो अपनी ब्रा पनटी भी छोड़ देती थी ताकि चाचा उसे देखे.

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1 दिन जब मैने चाचा क जाने क बाद उनके बातरूम से अपनी ब्रा पनटी लेने गई  तो मैने देखे मेरी ब्रा मैं चाचा का माल था. मैं समझ गई  क अब लोहा गरम हो रह है. रात को जब चाचा आए तो मैं उनके सामने अपनी छोटी सी नाइटी पहन कर आई. हमने खाना खाया और मैं जाने लगी तो चाचा ने मुझे बोला कि में अभी थोड़ी देर यही रुक जा कुछ बातें करते है, .

मैने कहा ठीक हा जैसे आप कहो. वो अपनी विस्की की बॉटल ले आए और 2 पेग बना दिए. मैने कहा क मैं नहीं पिती. वो बोले मुझसे शर्मा मत मुझेप पता है आज क लड़का लड़की क्या क्या करते हैं, मैने मुस्कुरा क ग्लास पकड़ लिया और उनके पास जाके बैठ गई .

वो मेरे और करीब आ गये और मेरे कंधे पे हाथ रख कर बातें करने लगे. वो 3 पेग पी चुके थे और मेरा पह्ला ही चल रहा था. अब वो तोड़ा तोड़ा सुरूर में आ रही थीं. वो अपनी एक्स वाइफ की बातें करने लगे. की वो कितना मिस करते हैं उन्हे. मैने देखा क उनकी लूँगी में उनका लंड खड़ा हो रहा था. उनका हाथ अब मेरे बूब्स पर था. वो बोले क मैं उन्हे बहूत सेक्सी और हॉट लगती हूँ.

अगर मैं उनकी भतीजी नहीं होती तो. मैने पूछा तो क्या.. यह सुनते ही उन्होने ने मेरा हाथ अपने लंड पे रख दिया. मैने कहा यह क्या हा चाचा की. वो बोले पगली तुझे अब तक यह नहीं पता कि यह क्या हा. मैने बोला नहीं.

वो बोले मासूम मत बन मुझे सब पाटा है कि आजकल क लड़के लड़की कितने आगे है. तू क्या समझती है कि मैं नहीं जानता कि तू क्यू मेरी बातरूम में अपनी ब्रा पनटी छोड़ कर जाती थी. मैं मुस्कुराइ तो उन्होने मुझे अपनी और खीच लिया और मेरे होंठ चूमने लगे. मेरा हाथ अभी भी उनके लंड पे था. क्या मस्त मोटा लंड था. वो 1 भुखे कुत्ते की तरह मेरे होठ चूम रहे थे काट रहे थे.. मैने बोला आराम से कीजिए चाचा जी. वो बोला आज आराम नहीं होगा. बड़े टाइम बाद तेरे जैसा कड़क माल मिला है.

अब तक तो मैं बाहर की खुली चूत वाली रंडियो से ही काम चला रहा था.

मैने चाचा की लूँगी खोल दी. चाचा के लंड साइज़ अछा था और काफ़ी मोटा भी था. मैने चाचा क लंड हाथ लगाया और उसे उपर नीचे करने लगी. चाचा ने भी मेरी नाइटी उतार दी. मैने ब्रा नहीं पहनी थी और मेरे 34 साइज़ क गोरे चित्ते पिंक निपल्स वाले बूब उनके सामने आ गए. चाचा बोला क्या मस्त माल है तू.

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तेरे बूब्स को तो मैं खा जाऊँगा मेरी जान. मैने कहा खा लो चूस लो जो करना हैं कर लो चाचा मैं आपकी ही हू. वो मेरे बूब्स चूसने लगे . मुझे बहूत मज़ा आ रहा था. मैने उनका सिर बार बार अपने बूब्स पे दबा रही थी. वो मेरे बूब्स दबा रहे थे उन्हे पागलो की तरह चाट रहे थे. मेरे निपल्स से खेल हरहे थे .

मैं पागल हुए जा रही थी. मैने उन्हे अपने बूब्स से हटायाऔर अपने घुटनो पे आ गयी. उनको मोटा लंड मेरे मूह क सामने था और मेरे मूह में पानी. मैने उनके लंड का सूपड़ा पीछे किया और आगे के हिस्से को अपनी जीभ से चाटना शुरू किया. चाचा की आँखें बंद हो गए और उन्हे बहूत मज़ा आ रा था यह मैं देख सकती थी.. मैने उन के लंड की लंबाई पे अपनी जीभ फेर रही थी. उसे अपनी थूक से गिलि कर रही थी. मैने चाचा का लंड अपने मूह में लिया और उसे चूसने लगी. चाचा की आहें निकल रही थी..

मैं ज़ोर ज़ोर से चाचा क लंड चूसने लगी और उनके टटटे (बॉल्स ) दबाने लगी. चाचा ने थोड़ी देर बाद अपने लंड को मेरे मूह से हटाया और मुझे अपनी गोद में उठा के अपने कमरे ले गये और बेड पे पटक दिया. चाचा ने मेरी पिंक पैंटी उतारी और उसे सूंघ कर फेंक दिया. चाचा मेरी चूत चाटने लगे . मुझे बहूत मज़ा आ रहा था . मैने चाचा का मूह अपनी टाँगो क बीच में दबा लिया और अपने बूब्स दबाने लगी. मेरी आअहह आआहह की आवाज़ो से चाचा की जीभ की रफ़्तार और बढ़ती जा रही तो.. मैने चाचा का मूह ज़ोर से अपनी चूत पे दबाया और अपना माल मेरे मुह पे छोड़ दिय.

चाचा ने 1 प्यासे की तरह सारा माल पी लिया और 1 बूँद भी नहीं छोड़ी. चाट क मेरी चूत को सॉफ किया. मैने चाचा को अपनी और खीच लिया औट उन्हे किस करने लगी. मेरे माल का टेस्ट हम दोनो की जीभ में घूम रहा था.. मैने कहा चाचा अब मुझे और मत तड़पाव. चोद दो मुझे. चाचा बोले अभी भी चाचा. अब हुमारे बीच चाचा भतीजी वाला बचा क्या है. मुझे बॉब्बी कह कर बुलाओ. मैने कहा मुझे चोद दो बॉब्बी. अब भतीजी  चोद बन जाओ. उन्होने ने मेरी टांगे फेलाइ और अपना मोटा लंड मेरी चूत में डाल दिया. बहूत दीनो बाद लंड लिया था इसलिए मेरी चीख निकल गई . मैने कहा आराम से करो.

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चाचा ने बोला आराम से नहीं होगा आज मेरी रांड़ बहूत दीनो बाद ऐसी मस्त चूत मिली है. आज तो तुझे अछे से पेलुँगा मैं. मैने खा प्लज़्ज़्ज़ बॉब्बी.. पर उन्होने मेरी 1 नहीं सुनी और ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगे.अब मुझे भी मज़ा आ रहा था. मैं भी उनका साथ दे रही थी..

 

वो मेरी दोनो टांगे अपने कंधे पे रख क मुझे चोदने लगा.. आआअहह आआहह बॉब्बी .. आआहह. चोद मुझे साले ले ले अपनी भतीजी की चूत का मज़ाअ..  चाचा बोला.. हराम्जादि रंडी बहूत दीनो से मेरे लंड को तडपा रही थी. आज से तू मेरी रंडी है मैं रोज़ चोदूँगा तुझे.. मैं भी बोलो हा बॉब्बी मुझे रोज़ चाहिए तुम्हारा यह मोटा लंड.

मैं 2 बार झड़ गई  थी मगर वो अभी भी लगे हुए थे.. उन्होने ने मुझे घोड़ी बनाया और पीछे से मेरी चूत मरने लगे. बहूत मज़ा आ रह था.. आआआः आआआआः कीअ आवाज से पूरा घर गूँज रहा था लेकिन हम पागलो की तरह चुदाई का मजा लिये जा रहि थीं, चाचा बोले मैं झड़ने वाला हू.

मैंने कहा मेरे मूह में झाड़ो अपना माल.. मुझे इसका स्वाद चखना हैं. मेर सीधी हुए और चाचा मेरे मूह के पास ला क अपना लंड हिलाने लगे कुछ ही देर में उनका माल निकल गया. मैं उनका सारा माल पी गई  और उनका लंड चाट कर सॉफ कर दिया. हम दोनो बेड पे नंगे ही लेट गये मैने उन्हे हग किया और कहा क अछा हुआ आपकी वो रांड़ बीवी आपको छोड़ के चली गयी .नहीं तो यह लंड का मज़ा मुझे कैसे मिलता बॉब्बी..

वो बोले हा मेरी रांड़ उसे सेक्स में इंटेरेस्ट नहीं था. मुझे करने नहीं देती थी. आज से तू ही मेरी बीवी हैं. अब हम रोज़ चुदाई करेंगे. यह कह कर मुझे किस करने लगे.उस रात हमने 2 बार और सेक्स किया. हम रोज़ सेक्स करते थे. अब मैं जल्द ही दूसरी कहानी जल्द हि नॉनवेज स्टोरी डॉट कोम पे लेके आऊंगी तब तक के लिये धन्यवाद.

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