सख्त अब्बू ने अपनी जवान बेटी शबाना की गांड मारी, जब उसने रात में गलत हरकत की। चूचियां, गांड, और तीखी चुदाई से भरी ये देसी कहानी आपके दिल में आग लगा देगी। शबाना और उसके अब्बू की इस कामुक चुदाई की कहानी पढ़ें और जुनून में डूब जाएं!
मैं शबाना, 20 साल की जवान और हसीन लड़की, जिसका गोरा रंग, भारी चूचियां, पतली कमर, और गोल-मटोल गांड हर मर्द को ललचाती थी। मैं अपने अब्बू, रशीद, के साथ एक छोटे से गाँव में रहती थी। अब्बू 45 साल के थे, सख्त मिजाज, सांवले, और तगड़े मर्द। उनकी मोटी मूंछें और गहरी आँखें डर पैदा करती थीं, लेकिन उनकी मर्दानगी मुझे अंदर ही अंदर ललचाती थी। अम्मी की मौत के बाद अब्बू अकेले थे, और उनकी नजरें अक्सर मेरी चूचियों और गांड पर ठहरती थीं।
मैं जानती थी कि ये गलत है, लेकिन उनकी मर्दानगी देखकर मेरी चूत गीली हो जाती थी। अब्बू बहुत सख्त थे और मुझे घर से बाहर नहीं निकलने देते थे। लेकिन मैं चुपके से अपने बॉयफ्रेंड से मिलने जाती थी। एक रात मैं देर से घर लौटी, और अब्बू गुस्से में दरवाजे पर खड़े थे। “शबाना, इतनी रात को कहाँ थी तू?” अब्बू ने गुर्राते हुए पूछा। “अब्बू, मैं सहेली के घर थी,” मैंने डरते हुए झूठ बोला।
“झूठ मत बोल, मैं सब जानता हूँ!” अब्बू ने गुस्से में कहा और मुझे बालों से पकड़कर अंदर खींच लिया। उन्होंने मुझे दीवार से सटा दिया और मेरी सलवार-कमीज को एक झटके में फाड़ दिया। मेरी गोरी चूचियां नंगी हो गईं, और मेरे गुलाबी निप्पल्स तनकर खड़े थे। “अब्बू, ये क्या कर रहे हो?” मैंने सिसकते हुए कहा, लेकिन मेरी चूत गीली हो रही थी। “शबाना, आज मैं तुझे सजा दूंगा,” अब्बू ने गुर्राया और मेरी चूचियों को अपने मजबूत हाथों में भरा।
उन्होंने मेरी चूचियों को जोर-जोर से मसला, और मेरी सिसकियां कमरे में गूंज उठीं। “हाय, अब्बू, मेरी चूचियां दुख रही हैं!” मैंने चिल्लाया, लेकिन अब्बू नहीं रुके। उन्होंने मेरे निप्पल्स को अपनी जीभ से चाटा और उन्हें चूसने लगा। मेरी चीखें तेज हो गईं। “चुप रह, हरामजादी! तुझे मर्द की जरूरत है,” अब्बू ने गुर्राया और मेरी पैंटी को फाड़कर फेंक दिया। मेरी चिकनी, गीली चूत उनके सामने थी, उसका रस टपक रहा था।
“शबाना, तेरी चूत तो रंडी की तरह गीली है,” अब्बू ने कहा और अपनी उंगलियां मेरी चूत में डाल दीं। मेरी चूत इतनी गर्म थी कि मैं सिहर उठी। “हाय, अब्बू, मेरी चूत में आग लग रही है!” मैंने चीखा और मेरी गांड उछलने लगी। अब्बू ने मेरी चूत को अपनी जीभ से चाटा, उनकी जीभ मेरे चूत के दाने को रगड़ रही थी। मेरी चीखें घर में गूंज रही थीं। “अब्बू, मेरी चूत चाटो, मुझे माफ कर दो!” मैं चिल्ला रही थी, और मेरी चूत रस से लबालब हो गई।
अब्बू ने अपनी लुंगी उतार दी। उनका मोटा, 9 इंच का लंड मेरे सामने तनकर खड़ा था, उसकी नसें उभरी हुई थीं। मैंने पहली बार अब्बू का लंड देखा, और मेरी आँखें चमक उठीं। “अब्बू, आपका लंड तो मेरी चूत का बादशाह है!” मैंने सिसकते हुए कहा। “शबाना, आज ये लंड तेरी गांड मारेगा,” अब्बू ने गुर्राया और मुझे बिस्तर पर उल्टा लिटा दिया। मेरी गोल गांड उनके सामने थी।
अब्बू ने मेरी चूत का रस अपनी उंगलियों से लिया और मेरी टाइट गांड के छेद को गीला किया। “अब्बू, मेरी गांड में मत डालो, मैं टूट जाऊंगी!” मैंने सिसकते हुए कहा, लेकिन अब्बू नहीं रुके। उन्होंने अपने लंड को मेरी चूत के रस से चिकना किया और धीरे से मेरी टाइट गांड में डाला। मेरी चीख सितारों तक पहुंच गई। “हाय राम! अब्बू, तेरा लंड मेरी गांड चीर देगा!” मैंने चिल्लाया, लेकिन मेरी गांड अब उनके लंड को लय में ले रही थी।
अब्बू ने मेरी चूचियों को पीछे से पकड़ा और मेरी गांड को जोर-जोर से चोदा। हर धक्के के साथ मेरी चूत रस टपका रही थी, और मेरी गांड उनके लंड को निगल रही थी। “शबाना, तेरी गांड तो जन्नत है!” अब्बू गुर्रा रहे थे। “अब्बू, मेरी गांड मारो, मुझे सजा दो!” मैं चिल्ला रही थी। अब्बू ने मेरी गांड में गहरे धक्के मारे और मेरी चूतड़ों को जोर-जोर से मसला।
फिर अब्बू ने मुझे सीधा किया और मेरी चूत में अपना लंड डाला। “अब्बू, मेरी चूत भी तो प्यासी है,” मैंने सिसकते हुए कहा। अब्बू ने मेरी चूत को जोर-जोर से चोदा, और मेरी चीखें घर में गूंज रही थीं। “चोद मुझे, अब्बू! मेरी चूत को अपने लंड का गुलाम बना दे!” मैं चिल्ला रही थी। अब्बू ने मेरी चूत में गहरे धक्के मारे और मेरी चूचियों को जोर-जोर से चूसा।
रात के 1 बजे थे, और गाँव की सन्नाटे भरी रात हमारी चुदाई की गवाह बन रही थी। अब्बू ने मुझे अपनी गोद में उठाया और बिस्तर के किनारे चोदने लगा। मेरी चूचियां उछल रही थीं, और मेरी चूत उनके लंड को जकड़ रही थी। “शबाना, तू मेरी रानी है,” अब्बू ने सिसकते हुए कहा और मेरे होंठों को चूसने लगे। उनका लंड अब फटने को था। उन्होंने मेरी चूत में आखिरी धक्का मारा और अपना गर्म माल मेरी चूत में उड़ेल दिया। मेरी चूत रस और माल से लबालब हो गई, और मेरी सिसकियां सुख की लहरों में डूब गईं।
हम दोनों पसीने से तर बिस्तर पर गिर पड़े, हमारी सांसें एक-दूसरे में उलझी थीं। मैंने अब्बू की छाती को सहलाया और बोली, “अब्बू, आपने मुझे सजा दी, लेकिन जन्नत दिखा दी।” अब्बू ने मेरी चूचियों को चूमा और बोले, “शबाना, अब तू मेरी मालकिन है।”
एक चटपटा ट्विस्ट
कुछ दिन बाद, मेरी सहेली, रजिया, घर आई। एक रात, जब अब्बू मुझे चोद रहे थे, रजिया ने हमें देख लिया। उसने हंसते हुए कहा, “अब्बू, मुझे भी सजा दो!” अब्बू ने रजिया की चूत में अपना लंड डाला, और मैंने उसकी चूचियां चूसीं। हम तीनों ने मिलकर ऐसी चुदाई की कि बिस्तर चरमरा उठा। “चोदो हमें, अब्बू! हमारी चूत और गांड दोनों ले लो!” हम चिल्ला रही थीं। उस रात, हमने अनोखा सुख पाया।
रातों का जुनून
अब मैं, अब्बू, और रजिया हर रात चुदाई का उत्सव मनाते। एक बार, रजिया का भाई, सलीम, भी हमारे साथ शामिल हो गया। अब्बू ने मेरी गांड मारी, और सलीम ने रजिया की चूत चोदी। हम चारों ने मिलकर ऐसी चुदाई की कि घर की दीवारें कांप उठीं। “चोदो हमें, अब्बू! हमारी चूत और गांड तेरे मोटे लंड की भूखी हैं!” हम चिल्ला रही थीं।
अब्बू ने मेरी गांड मारकर मुझे जन्नत दिखा दी। मैं दिन में उनकी बेटी थी, और रात में उनकी मालकिन। मेरी चूत और गांड की प्यास हर रात बुझती थी, और मैं अपनी जवानी का पूरा मजा ले रही थी।