आप यह कहानी Nonveg Story Dot Com पर पढ़ रहे हैं। मैं, विक्की, 22 साल का, कानपुर का एक जवान लड़का, अपने भैया, राहुल, और उनकी पत्नी, काव्या भाभी, 28 साल की, के साथ रहता था। काव्या भाभी की गोरी त्वचा, टाइट चूचियाँ, और मटकती गांड मुझे रातों में जगा रखती थी। उनकी साड़ी में उभरती चूचियाँ और गीली चूत की झलक मेरे लंड को सख्त कर देती थी। राहुल भैया बैंक में नौकरी करते थे और अक्सर टूर पर रहते। उनकी गैरमौजूदगी में मैं भाभी की गोरी चूत और टाइट चूचियों का दीवाना बन गया, और हमारी चुदाई की रातों ने मेरी हवस को चरम पर पहुँचाया।
एक शाम घर में सन्नाटा था। भाभी ने एक पतली साड़ी पहनी थी, जिसका पल्लू उनकी चूचियों से सरक रहा था। मैं उनकी रसोई में मदद कर रहा था, और उनकी गोरी कमर की झलक ने मेरे लंड को तनाव दे दिया। “भाभी, आपकी साड़ी में आप आग लग रही हो,” मैंने शरारत से कहा। उन्होंने होंठ चाटे और जवाब दिया, “विक्की, मेरी चूत की आग बुझाने की हिम्मत है?” उनकी बोल्ड बात ने मेरी हवस को भड़का दिया। मैंने उन्हें अपनी बाहों में खींचा और उनके होंठों को चूम लिया। उनका चुंबन इतना गहरा था कि मेरी साँसें रुक गईं।
काव्या भाभी ने मेरे शर्ट के बटन खोले, और मैंने उनकी साड़ी का पल्लू खींचकर फेंक दिया। उनका ब्लाउज़ उनकी टाइट चूचियों को मुश्किल से समेटे था। मैंने ब्लाउज़ के बटन खोले, और उनकी लाल ब्रा में कैद चूचियाँ सामने आईं। मैंने ब्रा का हुक खोला, और उनकी टाइट चूचियाँ आज़ाद हो गईं। “भाभी, तुम्हारी चूचियाँ तो रस से भरी हैं,” मैंने कराहते हुए कहा। मैंने उनकी चूचियाँ दबाईं, निप्पल्स को चूसा, और हल्के से काटा। उनकी सिसकियाँ रसोई में गूंजने लगीं।
भाभी ने मेरी पैंट का बटन खोला और मेरे लंड को सहलाया। “विक्की, तेरा लंड तो मेरी चूत के लिए बना है,” उन्होंने सेक्सी अंदाज़ में कहा। मैंने उनकी साड़ी और पेटीकोट उतार दिया। उनकी लाल पैंटी उनकी गोरी चूत से चिपक चुकी थी। मैंने पैंटी उतारी, और उनकी गोरी चूत मेरे सामने थी, गीली और चमकती हुई। मैंने अपनी उंगलियाँ उनकी चूत में डालीं, धीरे-धीरे रगड़ते हुए। “भाभी, तेरी चूत तो लंड माँग रही है,” मैंने फुसफुसाया। उन्होंने कराहते हुए जवाब दिया, “विक्की, अपनी गोरी चूत को चोद दे।”
मैंने भाभी को रसोई के काउंटर पर बिठाया और उनकी जांघें चौड़ी कीं। मैंने अपनी पैंट उतारी, और मेरा 7 इंच का मोटा लंड उनके सामने था। मैंने अपने लंड को उनकी चूत पर रगड़ा, और उनकी सिसकियाँ तेज़ हो गईं। फिर मैंने धीरे से लंड उनकी चूत में डाला, और उनकी ज़ोरदार चीख निकली। “विक्की, धीरे, मेरी चूत फट जाएगी,” उन्होंने सिसकते हुए कहा। मैंने धीरे-धीरे चुदाई शुरू की, और उनकी टाइट चूचियाँ हर धक्के के साथ उछल रही थीं। दर्द मज़े में बदल गया, और उनकी सिसकियाँ कामुक कराह में तब्दील हो गईं।
मैंने रफ्तार बढ़ा दी, और मेरा लंड उनकी गोरी चूत की गहराई को छू रहा था। “विक्की, मेरी चूत चोदने का मज़ा ही अलग है,” भाभी ने कराहते हुए कहा। मैंने जवाब दिया, “भाभी, तुम्हारी गोरी चूत मेरे लंड की दीवानी है।” मैंने उनकी चूचियाँ फिर से चूसीं, और उनकी चूत और गीली हो गई। उनकी चुदाई इतनी ज़ोरदार थी कि काउंटर हिल रहा था। “विक्की, मेरी चूत में छोड़ दे,” उन्होंने चीखते हुए कहा। मैंने उनकी चूत में और तेज़ी से धक्के मारे, और उनकी चूत मेरे लंड को निचोड़ रही थी।
भाभी ने मुझे बेडरूम में खींचा और मुझे बिस्तर पर धकेल दिया। उन्होंने मेरे लंड को मुँह में लिया और चूसना शुरू किया। उनकी जीभ मेरे लंड के सिरे पर नाच रही थी, और मेरी सिसकियाँ निकलने लगीं। “भाभी, तुम तो लंड की रानी हो,” मैंने कराहते हुए कहा। उन्होंने मेरे लंड को गहरे तक चूसा, और मैंने उनके बाल पकड़ लिए। फिर उन्होंने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी गांड को सहलाया। “विक्की, तेरी भाभी की गांड भी चोद,” उन्होंने शरारत से कहा। मैंने उनके ऊपर चढ़कर उनके गांड पर लंड रगड़ा।
मैंने धीरे से लंड उनकी गांड में डाला, और उनकी चीख निकली। “विक्की, धीरे, मेरी गांड फट जाएगी,” उन्होंने सिसकते हुए कहा। मैंने धीरे-धीरे धक्के शुरू किए, और उनकी गांड मेरे लंड को निगल रही थी। उनकी चुदाई इतनी ज़ोरदार थी कि मैं सिसकियाँ ले रहा था। मैंने उनकी चूचियाँ कस के दबाईं, और उनकी गांड मेरे लंड को निचोड़ रही थी। “भाभी, तुम्हारी गांड भी चूत जितनी टाइट है,” मैंने कराहते हुए कहा। उन्होंने जवाब दिया, “विक्की, मेरी चूत और गांड तेरे लंड की गुलाम हैं।”
अगली सुबह भाभी मुझे छत पर ले गईं। उन्होंने अपनी नाइटी उतारी, और उनकी गोरी चूत फिर से मेरे सामने थी। मैंने उनकी चूत में उंगलियाँ डालीं और रगड़ा। “विक्की, तेरी भाभी की चूत फिर तड़प रही है,” उन्होंने फुसफुसाया। मैंने उन्हें दीवार से टिकाया और उनकी चूत में लंड डाल दिया। उनकी चुदाई इतनी ज़ोरदार थी कि उनकी सिसकियाँ छत पर गूंज रही थीं। मैंने उनकी चूचियाँ चूसीं और उनकी चूत में अपनी गर्मी छोड़ दी। “भाभी, तुम्हारी गोरी चूत मेरे लंड की जान है,” मैंने कहा।
राहुल भैया के टूर के दौरान हमारी चुदाई का सिलसिला चलता रहा। एक रात भाभी का दोस्त, अंकित, 25 साल का, गठीला और शरारती, घर आया। उसने हमें बेडरूम में देख लिया। “भाभी, विक्की मज़ा ले रहा है, मुझे भी शामिल करो,” उसने हँसकर कहा। भाभी ने बोल्ड अंदाज़ में जवाब दिया, “आ जा, अंकित, मेरे मुँह में जगह है।” मैंने अंकित को पास बुलाया, और उसने अपनी पैंट उतारी। उसका मोटा लंड भाभी के सामने था।
अंकित ने भाभी के मुँह में लंड डाला, और वे उसे चूसने लगीं। मैं उनकी चूत चोद रहा था, और उनका जिस्म दो लंडों से भरा था। अंकित की सिसकियाँ तेज़ हो गईं, और उसने भाभी के बाल पकड़ लिए। “भाभी, तू तो लंड की दीवानी है,” उसने कराहते हुए कहा। भाभी ने जवाब दिया, “हाँ, मैं तुम दोनों के लंड की गुलाम हूँ।” मैंने उनकी चूचियाँ दबाईं, और उनकी चूत मेरे लंड को निचोड़ रही थी। अंकित ने उनके मुँह में अपनी गर्मी छोड़ दी, और मैंने उनकी चूत में रस बिखेरा।
अगली रात भाभी ने मुझे आँगन में बुलाया। उन्होंने अपनी साड़ी उतारी, और उनकी गोरी चूत चाँदनी में चमक रही थी। मैंने उनकी चूत में लंड डाल दिया, और उनकी चुदाई इतनी ज़ोरदार थी कि उनकी सिसकियाँ गाँव में गूंज रही थीं। “विक्की, मेरी गोरी चूत को और चोद,” उन्होंने चीखते हुए कहा। मैंने उनकी चूचियाँ चूसीं और उनकी चूत में फिर से अपनी गर्मी छोड़ दी। मेरे जिस्म पर चुदाई के निशान थे—उनकी चूचियों पर मेरे दाँतों के निशान और उनकी गांड पर मेरे थप्पड़ों के लाल निशान।
हमारी चुदाई हर रात नई थी। कभी छत पर, कभी रसोई में, तो कभी बगीचे में। एक दिन अंकित फिर आया, और हम तीनों ने मिलकर भाभी की चूत और गांड को चोदा। मैंने उनकी चूत में लंड डाला, और अंकित ने उनकी गांड में। उनकी सिसकियाँ और चीखें घर में गूंज रही थीं। “विक्की, तू मेरी चूत का राजा है,” भाभी ने कहा। मैंने जवाब दिया, “भाभी, तुम्हारी गोरी चूत और टाइट चूचियाँ मेरे लंड की रानी हैं।”
राहुल भैया जब घर आते, मैं और भाभी चुपके से मिलते। उनकी गोरी चूत और टाइट चूचियाँ मेरे लंड की भूखी रहती थीं। एक रात मैंने उन्हें बाथरूम में चोदा, और उनकी चूत ने मेरे रस को निगल लिया। “विक्की, तूने मेरी ज़िंदगी रंगीन कर दी,” उन्होंने कहा। मैंने जवाब दिया, “भाभी, तुम्हारी गोरी चूत और टाइट चूचियों का मैं दीवाना हूँ।”
हमारी चुदाई ने मेरी हवस को चरम पर पहुँचाया। भाभी की गोरी चूत और टाइट चूचियाँ मेरे लंड की जान थीं। मैं जानता था कि राहुल भैया के टूर चलते रहेंगे, और मैं भाभी की चूत और गांड को हर रात तृप्त करता रहूँगा। उनकी सिसकियाँ मेरे लिए हर रात का नशा थीं।