बॉयफ्रेंड के पापा ने मुझे चोदा

पढ़िए एक जलती हुई हिंदी सेक्स कहानी, जिसमें रीना की प्यासी चूत को उसके बॉयफ्रेंड के पापा की मर्दानगी सुख देती है। चूचियां, गांड, चूत, लंड जैसे बोल्ड शब्दों और रूमानी जुनून से सजी ये देसी चुदाई की कहानी तुम्हें वासना के चरम तक ले जाएगी। कामुक सुख और तीखी चुदाई का मजा लें!

मैं रीना, 24 साल की एक ऐसी लड़की, जिसकी जवानी गाँव की गलियों में आग लगा देती थी। मेरी गोरी चमकती त्वचा, भारी-भरकम चूचियां, मटकती गांड, और गहरी नाभि हर मर्द के दिल में तूफान उठा देती थी। मेरा बॉयफ्रेंड, रवि, 25 साल का जवान और दिलकश नौजवान था, मगर उसकी मर्दानगी मेरी चूत की प्यास को पूरी तरह बुझा नहीं पाती थी। रवि के पापा, सेठ रामलाल, 50 साल के थे, मगर उनकी चौड़ी छाती, मजबूत बाहें, और गहरी आवाज मेरी चूत में सनसनी पैदा करती थी। वो एक धनवान व्यापारी थे, और उनकी नजरें मेरे जिस्म को चाटती थीं।

रवि और मैं अक्सर उसकी हवेली में मिलते थे। रामलाल मुझे देखकर मुस्कुराते, मेरी चूचियों पर तंज कसते, और मैं उनकी मर्दानगी को निहारती। मेरी चूत उनकी जवानी की भूखी थी, मगर मैं अपनी वासना को दबाती थी। एक रात, रवि को शहर में काम से जाना पड़ा, और मैं हवेली में रुक गई। बिजली गुल थी, और चांदनी छत पर बिछी थी। मैंने एक पतली, पारदर्शी नाइटी पहनी, जो मेरी चूचियों और चूतड़ों को ललचा रही थी। रामलाल छत पर चारपाई पर लेटे थे, उनका कुरता खुला था, और उनकी छाती चांदनी में चमक रही थी।

“रीना, इतनी रात को छत पर?” रामलाल ने गहरी आवाज में कहा, और मेरे पास सरक आए। उनकी नजरें मेरी चूचियों पर ठहर गईं। “सेठ जी, गर्मी मुझे तड़पा रही है,” मैंने रूमानी लहजे में कहा, और उनकी जांघ पर हाथ रख दिया। मेरी चूत में रस की बूंदें टपकने लगीं। “रीना, तू तो आग है, और मैं जल रहा हूं,” उन्होंने गुर्राया, और मेरी कमर को जकड़ लिया। मेरा लंड उनकी धोती में तन गया। “अगर जल रहे हो, सेठ जी, तो मेरी आग में डूब क्यों नहीं जाते?” मैंने होंठ चाटते हुए कहा, और उनकी छाती को सहलाया।

“रीना, तू रवि की लड़की है, ये गलत है,” उन्होंने सिसकते हुए कहा, मगर उनकी आंखें मेरे जिस्म को चाट रही थीं। “सेठ जी, प्यार और वासना गलत-सही नहीं देखते,” मैंने काव्यात्मक लहजे में कहा, और उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। उनका चूमन एक ज्वालामुखी था, जिसमें मैं पिघल गई। उनकी जीभ मेरी जीभ से उलझी, और उन्होंने मेरे होंठों को चूस लिया। “उफ्फ, सेठ जी, आपके होंठ मेरी चूत में आग लगा रहे हैं,” मैंने सिसकिया, और उनकी कमर को जकड़ लिया।

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रामलाल ने मेरी नाइटी को एक झटके में फाड़ दिया। मेरी चूचियां नंगी हो गईं, उनके गुलाबी निप्पल्स तनकर खड़े थे। “रीना, तेरी चूचियां तो अमृत के घड़े हैं,” उन्होंने कामुक लहजे में कहा, और मेरी चूचियों को अपने रूखे हाथों में भरा। उन्होंने मेरी चूचियों को जोर-जोर से मसला, और मेरी सिसकियां चीखों में बदल गईं। “हाय, सेठ जी, मेरी चूचियां आपके हाथों में पिघल रही हैं,” मैंने सिसकिया, और मेरी चूत रस से तर हो गई।

उन्होंने मेरे निप्पल्स को अपनी जीभ से चाटा, और उन्हें चूसने लगा। मेरी सिसकियां अब चीखों में बदल गईं। “सेठ जी, मेरी चूचियां आपके प्यार की भूखी हैं, चूसो इन्हें!” मैंने चिल्लाया, और उनकी पीठ को नाखूनों से खरोंचा। रामलाल ने मेरी पैंटी को फाड़कर फेंक दिया। मेरी सांवली, गीली चूत चांदनी में चमक रही थी। “रीना, तेरी चूत तो रस का सागर है,” उन्होंने कहा, और अपनी उंगलियां मेरी चूत में डाल दीं। मेरी चूत इतनी गर्म थी कि मैं चीख पड़ी।

“हाय, सेठ जी, मेरी चूत आपके लिए तड़प रही है!” मैंने चिल्लाया, और मेरी गांड उछलने लगी। रामलाल ने मेरी चूत को अपनी जीभ से चाटा, उनकी जीभ मेरे चूत के दाने को सहला रही थी। मेरी चीखें हवेली में गूंज रही थीं। “सेठ जी, मेरी चूत चाटो, इसे अपने प्यार से भिगो दो!” मैं चिल्ला रही थी, और मेरी चूत रस से लबालब हो गई। उन्होंने दो उंगलियां मेरी चूत में डालीं, और मुझे उंगलियों से चोदने लगे। मेरी सिसकियां चरम सुख में बदल गईं।

रामलाल ने अपनी धोती उतार दी। उनका मोटा, 8 इंच का लंड चांदनी में चमक उठा, उसकी नसें फूल रही थीं। मैंने उनके लंड को देखा, और मेरी आंखें चमक उठीं। “सेठ जी, आपका लंड तो मेरी चूत का सच्चा साथी है,” मैंने रूमानी लहजे में कहा, और उनके लंड को अपने नाजुक हाथों में लिया। मैंने उनके लंड को प्यार से सहलाया, और फिर अपने होंठों से उसे चूमा। मेरी जीभ उनके लंड के टिप पर घूम रही थी, और रामलाल की सांसें रुक रही थीं। “रीना, तू मेरे लंड को जन्नत दिखा रही है,” उन्होंने गुर्राया, और मेरे बालों को जकड़ लिया।

मैंने उनके लंड को चूसकर गीला कर दिया, और फिर चारपाई पर लेट गई। मेरी चूत रस टपका रही थी, और मेरी गांड उनके सामने थी। “सेठ जी, मेरी प्यासी चूत में अपना लंड डालो, और मुझे चोदो!” मैंने चिल्लाया, और अपनी गांड को ऊपर उठाया। रामलाल ने मेरी चूतड़ों पर थप्पड़ मारे, और अपनी उंगलियां मेरी चूत में डालकर उसे और गीला किया। “रीना, तेरी चूत मेरे लंड की मालकिन है,” उन्होंने कहा, और अपना मोटा लंड मेरी चूत में एक झटके में डाल दिया।

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मेरी चीख रात को चीर गई। “हाय मर गई! आपका लंड मेरी चूत चीर देगा!” मैंने चिल्लाया, मगर मेरी चूत अब उनके लंड को लय में ले रही थी। रामलाल ने मेरी चूचियों को पकड़ा, और मेरी चूत को जोर-जोर से चोदने लगे। हर धक्के के साथ मेरी चूत रस छोड़ रही थी, और मेरी चीखें छत पर गूंज रही थीं। “चोदो मुझे, सेठ जी! मेरी चूत को अपने लंड का गुलाम बना दो!” मैं चिल्ला रही थी, और उनका लंड मेरी चूत में तूफान मचा रहा था।

रामलाल ने मुझे चारपाई से उठाया, और छत की रेलिंग के सहारे खड़ा किया। उन्होंने मेरी एक टांग उठाई, और मेरी चूत में फिर से अपना लंड डाला। मेरी चूचियां उछल रही थीं, और मेरी चूत उनके लंड को जकड़ रही थी। “सेठ जी, आपका लंड मेरी चूत की जिंदगी है!” मैंने चीखा, और उनके होंठों को चूसने लगी। रामलाल ने मेरी चूत में गहरे धक्के मारे, और मेरी चूतड़ों को जोर-जोर से दबाया। “रीना, तेरी चूत मेरे लंड की जन्नत है,” उन्होंने गुर्राया, और मेरी चूत में और गहरा धक्का मारा।

अब रामलाल की नजर मेरी मोटी गांड पर थी। उन्होंने मुझे चारपाई पर उल्टा लिटाया, और मेरी गांड को अपने सामने देखकर पागल हो गए। “रीना, तेरी गांड तो सितारों का समंदर है,” उन्होंने रूमानी लहजे में कहा, और मेरी गांड पर थप्पड़ मारे। उन्होंने मेरी चूत का रस अपनी उंगलियों से लिया, और मेरी टाइट गांड के छेद को गीला किया। “सेठ जी, मेरी गांड में मत डालो, मैं टूट जाऊंगी!” मैंने सिसकते हुए कहा, मगर मेरी गांड अब उनके लंड की प्यासी थी।

रामलाल ने अपने लंड को मेरी चूत के रस से गीला किया, और धीरे से मेरी टाइट गांड में डाला। मेरी चीख रात को चीर गई। “हाय राम! आपका लंड मेरी गांड चीर देगा!” मैंने चिल्लाया, मगर मेरी गांड अब उनके लंड को लय में ले रही थी। रामलाल ने मेरी चूचियों को पीछे से पकड़ा, और मेरी गांड को जोर-जोर से चोदा। हर धक्के के साथ मेरी चूत रस टपका रही थी, और मेरी गांड उनके लंड को निगल रही थी। “चोदो मुझे, सेठ जी! मेरी गांड और चूत दोनों आपके लंड की गुलाम हैं!” मैं चिल्ला रही थी।

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रात के 3 बज चुके थे, और चांदनी हमारी चुदाई का गवाह थी। रामलाल ने मुझे अपनी गोद में उठाया, और चारपाई के किनारे चोदने लगे। मेरी चूचियां उछल रही थीं, और मेरी चूत उनके लंड को जकड़ रही थी। “सेठ जी, आप मेरी चूत के राजा हैं,” मैंने सिसकते हुए कहा, और उनके होंठों को चूसने लगी। उनका लंड अब फटने को था। उन्होंने मेरी चूत में आखिरी धक्का मारा, और अपना गर्म माल मेरी चूत में उड़ेल दिया। मेरी चूत रस और माल से लबालब हो गई, और मेरी सिसकियां चरम सुख में बदल गईं।

हम दोनों पसीने से तर-बतर चारपाई पर गिर पड़े, हमारी सांसें एक-दूसरे में उलझी हुई थीं। मैंने रामलाल के लंड को फिर से सहलाया, और बोली, “सेठ जी, आपने मुझे वो सुख दिया जो रवि कभी नहीं दे पाया।” रामलाल ने मेरी चूचियों को चूमा, और कहा, “रीना, तू मेरी चूत की रानी है। जब तक मैं हूं, तेरी चूत और गांड की प्यास बुझाऊंगा।”

एक अनोखा ट्विस्ट

कुछ दिन बाद, रवि को हमारे रिश्ते का शक हो गया। एक रात, जब मैं और रामलाल चुदाई कर रहे थे, रवि ने हमें देख लिया। मैं डर गई, मगर रवि ने मुस्कुराते हुए कहा, “रीना, अगर पापा तुझे सुख दे सकते हैं, तो मैं भी कोशिश करूंगा।” उसने अपना लंड निकाला, और मेरी चूत में डाल दिया। रामलाल ने मेरी गांड में अपना लंड डाला, और दोनों ने मुझे एक साथ चोदा। मेरी चीखें रात में गूंज रही थीं। “चोदो मुझे, तुम दोनों! मेरी चूत और गांड दोनों ले लो!” मैं चिल्ला रही थी। उस रात, मैंने वो सुख पाया जो मैंने कभी नहीं सोचा था।

अब मैं दिन में रवि की गर्लफ्रेंड थी, और रात में रामलाल की रानी। मेरी चूत और गांड की प्यास हर रात बुझती थी, और मैं अपनी जवानी का पूरा मजा ले रही थी।