Highway Sex Story : रात के सन्नाटे में दिल्ली-जयपुर हाईवे सुनसान पड़ा था। चाँद की हल्की रोशनी सड़क पर बिखरी थी, और ठंडी हवा कार के शीशों से टकरा रही थी। अनन्या और आरव अपनी पुरानी मारुति सुजुकी में सवार थे, जयपुर से दिल्ली की ओर लौट रहे थे। दोनों की नई-नई शादी हुई थी, और यह रोड ट्रिप उनकी हनीमून की छोटी सी सैर थी। अनन्या की सेक्सी स्माइल और उसकी टाइट जीन्स में ढली गांड आरव को बार-बार बेकरार कर रही थी। उसने एक बार फिर अनन्या की जाँघ पर हाथ रखा, और उसकी उंगलियाँ धीरे-धीरे ऊपर की ओर बढ़ीं।
“आरव, तू भी ना… रास्ते में ही शरारत करने लगता है,” अनन्या ने शरारती अंदाज़ में कहा, लेकिन उसकी आँखों में वही नशीली चमक थी, जो आरव को पागल कर देती थी। “तो क्या करूँ, तू इतनी हॉट लग रही है कि मेरा लंड तुझ में समा जाना चाहता है,” आरव ने हँसते हुए कहा, और उसने कार को हाईवे के एक सुनसान मोड़ पर रोक दिया। चारों तरफ सन्नाटा था, सिर्फ़ झींगुरों की आवाज़ और हवा का हल्का सा शोर।
अनन्या ने अपनी सीट बेल्ट खोली और आरव की ओर झुकी। उसकी टाइट टी-शर्ट में उभरे उसके चूचे आरव को ललचा रहे थे। “तू सचमुच पागल है… यहाँ? कोई देख लेगा,” उसने फुसफुसाया, लेकिन उसकी आवाज़ में उत्तेजना साफ़ झलक रही थी। आरव ने उसका चेहरा अपने हाथों में लिया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। उनका चुम्बन गहरा और जुनूनी था, जैसे दोनों एक-दूसरे को चूस लेना चाहते हों। अनन्या की जीभ आरव की जीभ से उलझी, और उसकी साँसें गर्म हो गईं।
“कोई नहीं आएगा, जान… ये सुनसान हाईवे अब सिर्फ़ हमारा है,” आरव ने कहा और उसने अनन्या की टी-शर्ट को ऊपर खींचा। उसकी काली ब्रा में कैद चूचे बाहर निकल आए, और आरव ने बिना देर किए अपने होंठ उसकी निप्पल पर रख दिए। अनन्या की सिसकारी हवा में गूँजी, “आह… आरव, तू मुझे मार डालेगा!” उसने अपने हाथ आरव की जीन्स पर रखे और उसकी ज़िप खोल दी। आरव का लंड पहले से ही तन चुका था, और अनन्या की उंगलियाँ उसे सहलाने लगीं।
“तेरी चूत को आज मैं चोद-चोद कर गीला कर दूँगा,” आरव ने कर्कश आवाज़ में कहा, और उसने अनन्या की जीन्स का बटन खोल दिया। उसने जीन्स और पैंटी को एक साथ नीचे सरकाया, और अनन्या की चिकनी चूत चाँदनी में चमक उठी। अनन्या ने अपनी टाँगें फैलाईं और आरव को अपनी ओर खींचा। “चोद दे मुझे, आरव… अभी… यहीं,” उसने तड़पते हुए कहा। उसकी आवाज़ में एक ऐसी भूख थी, जो आरव को और उत्तेजित कर रही थी।
आरव ने कार की पिछली सीट पर अनन्या को लिटाया। उसने अपनी जीन्स पूरी तरह उतार दी, और उसका तना हुआ लंड अनन्या की चूत के करीब आ गया। उसने धीरे से अपने लंड को उसकी गीली चूत पर रगड़ा, और अनन्या की सिसकारी और ज़ोरदार हो गई। “आह… डाल दे, रुको मत!” उसने कहा, और आरव ने एक झटके में अपने लंड को उसकी चूत में डाल दिया। अनन्या की चीख निकली, लेकिन उसमें दर्द से ज़्यादा सुख था।
उनकी चुदाई अब शुरू हो चुकी थी। आरव के हर धक्के के साथ अनन्या की चूत और गीली होती जा रही थी। कार की सीट पर उनके शरीर एक-दूसरे से टकरा रहे थे, और हर धक्के के साथ अनन्या की सिसकारियाँ हाईवे के सन्नाटे को तोड़ रही थीं। “और ज़ोर से, आरव… मेरी चूत को फाड़ दे!” अनन्या ने चिल्लाते हुए कहा, और उसने अपनी टाँगें आरव की कमर पर लपेट दीं। आरव ने अपनी रफ़्तार बढ़ा दी, और उसका लंड अनन्या की चूत की गहराइयों में समा रहा था।
अनन्या ने अपने हाथों से आरव की गांड को पकड़ा और उसे और ज़ोर से अपनी ओर खींचा। “तेरा लंड… इतना मोटा… आह, मुझे चोद दे!” उसकी आवाज़ में एक जंगलीपन था। आरव ने उसकी चूत को चोदते हुए उसके चूचों को मुँह में लिया और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा। अनन्या की निप्पल सख्त हो चुकी थीं, और हर चूसने पर उसका शरीर काँप उठता था।
रात के सन्नाटे में उनकी चुदाई का शोर गूँज रहा था। अनन्या ने अचानक आरव को धक्का दिया और उसे नीचे लिटा दिया। “अब मेरी बारी,” उसने शरारती अंदाज़ में कहा और उसने आरव के लंड को अपने मुँह में ले लिया। उसकी जीभ आरव के लंड के टोपे पर नाच रही थी, और आरव की सिसकारियाँ अब अनन्या को और उत्तेजित कर रही थीं। “तेरी चूत की तरह तेरा मुँह भी कमाल है,” आरव ने कराहते हुए कहा।
अनन्या ने लंड को चूसते हुए अपनी चूत को आरव के मुँह के पास ले गई। “चाट मेरी चूत, आरव… इसे और गीला कर,” उसने कहा, और आरव ने अपनी जीभ अनन्या की चूत पर फेर दी। उसकी जीभ अनन्या की चूत के दाने को सहलाने लगी, और अनन्या की सिसकारियाँ अब चीखों में बदल गईं। “आह… हाँ… ऐसे ही… चाट ले इसे!” वह चिल्लाई, और उसका शरीर उत्तेजना से थरथरा रहा था।
दोनों अब 69 की पोज़िशन में थे, एक-दूसरे को चूसते और चाटते हुए। अनन्या का मुँह आरव के लंड को पूरा निगल रहा था, और आरव की जीभ अनन्या की चूत की गहराइयों में खोई थी। हाईवे का सन्नाटा अब उनकी चुदाई की आवाज़ों से भर गया था। अनन्या ने अचानक उठकर आरव के ऊपर बैठ गई और उसका लंड अपनी चूत में ले लिया। वह ज़ोर-ज़ोर से उछलने लगी, और उसके चूचे हवा में लहरा रहे थे।
“चोद मुझे, अनन्या… तेरी चूत मेरे लंड को निचोड़ रही है,” आरव ने कराहते हुए कहा। अनन्या ने अपनी रफ़्तार बढ़ा दी, और हर उछाल के साथ उसकी चूत आरव के लंड को और गहराई में ले रही थी। उसकी चूतड़ आरव की जाँघों से टकरा रहे थे, और टप-टप की आवाज़ हाईवे पर गूँज रही थी। अनन्या की चूत अब पूरी तरह गीली थी, और उसका रस आरव की जाँघों पर बह रहा था।
अचानक अनन्या ने अपनी पोज़िशन बदली। उसने आरव को घुमाया और अपनी गांड उसकी ओर कर दी। “मेरी गांड मार, आरव… आज सब कुछ तेरा है,” उसने कहा, और उसकी आवाज़ में एक जंगली भूख थी। आरव ने अपनी उंगलियाँ अनन्या की चूत के रस से गीली कीं और धीरे-धीरे उसकी गांड में डालीं। अनन्या की सिसकारी निकली, लेकिन उसने आरव को और अंदर आने का इशारा किया।
आरव ने अपने लंड को अनन्या की गांड के छेद पर रखा और धीरे-धीरे अंदर धकेला। अनन्या की चीख निकली, लेकिन वह रुकी नहीं। “हाँ… चोद मेरी गांड… और ज़ोर से!” उसने कहा, और आरव ने अपनी रफ़्तार बढ़ा दी। उसका लंड अनन्या की टाइट गांड में अंदर-बाहर हो रहा था, और अनन्या की चूत से रस टपक रहा था। दोनों का जुनून अब अपनी चरम सीमा पर था।
आख़िरकार, आरव की साँसें तेज़ हो गईं, और उसने अनन्या को कसकर पकड़ लिया। “मैं झड़ने वाला हूँ, अनन्या…” उसने कहा, और अनन्या ने अपनी चूत को और ज़ोर से उसके लंड पर रगड़ा। “मेरे अंदर झड़, आरव… मुझे तेरा गर्म रस चाहिए,” उसने चिल्लाते हुए कहा। आरव ने एक आख़िरी धक्का मारा, और उसका गर्म रस अनन्या की चूत में भर गया। अनन्या भी उसी पल झड़ गई, और उसकी चूत का रस आरव के लंड पर बहने लगा।
दोनों हाँफते हुए एक-दूसरे की बाहों में लेट गए। कार की सीट गीली थी, और उनकी देहें पसीने और रस से चिपचिपी थीं। अनन्या ने आरव के सीने पर सिर रखा और हल्के से हँसी। “ये सुनसान हाईवे अब हमेशा मेरे लिए ख़ास रहेगा,” उसने कहा। आरव ने उसे चूमा और बोला, “और तेरी चूत और गांड मेरे लिए हमेशा जन्नत रहेंगी।” दोनों हँस पड़े, और रात के सन्नाटे में उनकी चुदाई की गर्मी अभी भी हवा में तैर रही थी।