कामवाली सोनाली की वर्जिन चूत की चुदाई उसकी माँ के सामने

Virgin Maid Hindi Sex Story: मैं रवि, 26 साल का जवान, तगड़ा, और गाँव का दिलकश नौजवान, जिसका मोटा लंड और सांवली मांसल देह गाँव की औरतों की नजरों को बेकरार कर देती थी। मेरे पापा शहर में नौकरी करते थे, और मैं अपनी हवेली में अकेला रहता था। हवेली में काम करने वाली थी सोनाली, 19 साल की एक कच्ची कली, जिसकी जवानी अभी-अभी खिली थी। सोनाली की सांवली चमकती त्वचा, छोटी-छोटी टाइट चूचियां, गोल-मटोल गांड, और शर्मीली मुस्कान मेरे लंड में आग लगा देती थी। उसकी माँ, राधा, 38 साल की थी, और वो भी हवेली में काम करती थी। राधा की भारी चूचियां और मोटी गांड भी कम ललचाती नहीं थी, मगर सोनाली की वर्जिन जवानी मेरे लिए जन्नत थी।

सोनाली और राधा रोज सुबह हवेली में झाड़ू-पोंछा करती थीं। मैं सोनाली की चूचियों को उसकी टाइट चोली में उभरते देखकर पागल हो जाता, और वो मेरी नजरों को भांपकर शरमा जाती। मैं उसके साथ मजाक करता, उसकी कमर को छूता, और वो हंसकर टाल देती। राधा ये सब देखकर मुस्कुराती, जैसे उसे कोई राज पता हो। मेरी चूत सोनाली की वर्जिन चूत की भूखी थी, मगर मैं उसकी मासूमियत का सम्मान करता था। एक रात, बारिश की वजह से गाँव में बिजली गुल थी, और सोनाली व राधा को हवेली में रुकना पड़ा। मैंने उन्हें छत पर चारपाई दी, और खुद पास ही लेट गया।

सोनाली ने एक पतली, गीली साड़ी पहनी थी, जो बारिश में भीगकर उसके नाजुक जिस्म से चिपक गई थी। उसकी छोटी चूचियां और पतली कमर चांदनी में चमक रही थीं। राधा ने भी एक ढीली साड़ी पहनी थी, और उसकी भारी चूचियां उभर रही थीं। “साहब, ठंड लग रही है,” सोनाली ने शरमाते हुए कहा, और मेरे पास सरक आई। राधा ने हमें देखकर मुस्कुराया और बोली, “साहब, मेरी सोनाली को गर्मी दे दो, ये कच्ची कली है।” मैं चौंक गया, मगर राधा की आँखों में शरारत थी।

“सोनाली, तू इतनी खूबसूरत है, मैं खुद को रोक नहीं पा रहा,” मैंने हिम्मत करके कहा, और उसकी जांघ पर हाथ रख दिया। सोनाली की सांसें तेज हो गईं। “साहब, मैंने कभी किसी को छूने नहीं दिया, मगर आपकी बातें मेरे दिल को पिघला रही हैं,” उसने सिसकते हुए कहा, और मेरे सीने से चिपक गई। राधा ने हंसकर कहा, “सोनाली, साहब का लंड जन्नत है, डर मत।” मैंने सोनाली की साड़ी को धीरे से खींचा, और उसकी छोटी चूचियां मेरे सामने नंगी हो गईं।

“सोनाली, तेरी चूचियां तो कच्चे आम हैं,” मैंने रूमानी लहजे में कहा, और उसकी चूचियों को अपने रूखे हाथों में भरा। मैंने उन्हें प्यार से सहलाया, और सोनाली की सिसकियां हल्की चीखों में बदल गईं। “साहब, मेरी चूचियां आपके हाथों में थरथरा रही हैं,” उसने सिसकिया, और मेरी पीठ को नाखूनों से खरोंचा। राधा पास बैठी थी, और उसकी नजरें हम पर थीं। “साहब, मेरी बेटी को पूरा सुख दो,” राधा ने कामुक लहजे में कहा, और अपनी साड़ी का पल्लू सरका दिया। उसकी भारी चूचियां उभर आईं।

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मैंने सोनाली के निप्पल्स को अपनी जीभ से चाटा, और उन्हें धीरे-धीरे चूसने लगा। उसकी सिसकियां तेज हो गईं। “साहब, मेरी चूचियां चूसो, मुझे कुछ हो रहा है!” सोनाली ने चिल्लाया, और मेरे बालों में उंगलियां फंसाईं। मैंने उसकी साड़ी को पूरी तरह उतार दिया। उसकी वर्जिन, सांवली चूत चांदनी में चमक रही थी, उसका छोटा-सा दाना मेरे लंड को ललचा रहा था। “सोनाली, तेरी चूत तो फूल की पंखुड़ी है,” मैंने कहा, और अपनी उंगली उसकी चूत पर फेरी। उसकी चूत इतनी टाइट थी कि वो चीख पड़ी।

“साहब, मेरी चूत को मत छुओ, मैं डर रही हूं!” सोनाली ने सिसकते हुए कहा, मगर उसकी आँखों में वासना थी। “सोनाली, मैं तुझे दर्द नहीं, सुख दूंगा,” मैंने रूमानी लहजे में कहा, और उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा। मेरी जीभ उसके चूत के दाने को सहला रही थी, और सोनाली की चीखें हवेली में गूंज रही थीं। राधा ने अपनी साड़ी उतार दी, और अपनी चूत को सहलाने लगी। “साहब, मेरी बेटी की चूत चाटो, इसे रस से भिगो दो!” राधा चिल्ला रही थी। मैंने एक उंगली सोनाली की टाइट चूत में डाली, और उसे धीरे-धीरे चोदा।

मैंने अपना पायजामा उतार दिया। मेरा मोटा, 8 इंच का लंड चांदनी में चमक उठा, उसकी नसें फूल रही थीं। सोनाली ने मेरे लंड को देखा, और उसकी आँखें डर और वासना से चमक उठीं। “साहब, आपका लंड तो बहुत बड़ा है, मैं मर जाऊंगी!” उसने सिसकते हुए कहा। “सोनाली, मेरा लंड तेरी चूत का पहला मेहमान है,” मैंने रूमानी लहजे में कहा, और उसके नाजुक हाथों में मेरा लंड थमा दिया। उसने मेरे लंड को डरते-डरते सहलाया, और फिर अपने होंठों से उसे चूमा। राधा ने मेरे लंड को देखकर कहा, “साहब, इसे मेरी बेटी की चूत में डालो, और उसे औरत बना दो।”

सोनाली ने मेरे लंड को चूसकर गीला कर दिया, और फिर चारपाई पर लेट गई। उसकी वर्जिन चूत रस टपका रही थी, और उसकी छोटी गांड मेरे सामने थी। “साहब, मेरी चूत को धीरे तोड़ो, मैं डर रही हूं!” उसने सिसकते हुए कहा, और अपनी टांगें फैला दीं। राधा ने सोनाली की टांगें पकड़ीं, और बोली, “साहब, मेरी बेटी को चोदो, मैं देखना चाहती हूं।” मैंने सोनाली की चूतड़ों पर प्यार से थपथपाया, और अपनी उंगलियां उसकी चूत में डालकर उसे और गीला किया। “सोनाली, तेरी चूत मेरे लंड की रानी है,” मैंने कहा, और अपने मोटे लंड को उसकी टाइट चूत पर रखा।

मैंने धीरे से धक्का मारा, और सोनाली की चीख रात को चीर गई। “हाय मर गई! आपका लंड मेरी चूत फाड़ देगा!” उसने चिल्लाया, और उसकी चूत से खून की कुछ बूंदें टपकीं। राधा ने सोनाली का माथा सहलाया, और बोली, “सोनाली, अब तू औरत बन रही है, सुख ले।” मैंने धीरे-धीरे अपना लंड उसकी चूत में डाला। उसकी चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी, और उसकी चीखें सिसकियों में बदल गईं। “साहब, अब सुख हो रहा है, चोदो मुझे!” सोनाली ने चिल्लाया, और मैंने उसकी चूत को धीरे-धीरे चोदना शुरू किया।

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मैंने सोनाली की छोटी चूचियों को पकड़ा, और उसकी चूत को जोर-जोर से चोदने लगा। हर धक्के के साथ उसकी चूत रस छोड़ रही थी, और उसकी चीखें छत पर गूंज रही थीं। “चोदो मुझे, साहब! मेरी चूत को अपने मोटे लंड का गुलाम बना दो!” सोनाली चिल्ला रही थी। राधा अपनी चूत को सहला रही थी, और चिल्लाई, “साहब, मेरी बेटी को चोदो, और मुझे भी चोदो!” मैंने राधा की चूत में एक उंगली डाली, और उसे भी चोदने लगा। दोनों माँ-बेटी की चीखें हवेली में गूंज रही थीं।

मैंने सोनाली को चारपाई से उठाया, और छत की रेलिंग के सहारे खड़ा किया। मैंने उसकी एक टांग उठाई, और उसकी चूत में फिर से अपना लंड डाला। उसकी चूचियां उछल रही थीं, और उसकी चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी। राधा ने मेरे पीछे से मेरे लंड को सहलाया, और बोली, “साहब, मेरी चूत भी भूखी है।” “साहब, आपका लंड मेरी चूत की जिंदगी है!” सोनाली ने चीखा, और मेरे होंठों को चूसने लगी। मैंने उसकी चूत में गहरे धक्के मारे, और उसकी चूतड़ों को जोर-जोर से दबाया।

अब मेरी नजर सोनाली की छोटी गांड पर थी। मैंने उसे चारपाई पर उल्टा लिटाया, और उसकी गांड को अपने सामने देखकर पागल हो गया। “सोनाली, तेरी गांड तो चांद का टुकड़ा है,” मैंने रूमानी लहजे में कहा, और उसकी गांड पर थप्पड़ मारे। मैंने उसकी चूत का रस अपनी उंगलियों से लिया, और उसकी टाइट गांड के छेद को गीला किया। “साहब, मेरी गांड में मत डालो, मैं टूट जाऊंगी!” सोनाली ने सिसकते हुए कहा, मगर राधा ने कहा, “सोनाली, गांड का सुख भी ले, साहब तुझे जन्नत दिखाएंगे।”

मैंने अपने लंड को सोनाली की चूत के रस से गीला किया, और धीरे से उसकी टाइट गांड में डाला। सोनाली की चीख रात को चीर गई। “हाय राम! आपका लंड मेरी गांड चीर देगा!” उसने चिल्लाया, मगर उसकी गांड अब मेरे लंड को लय में ले रही थी। मैंने सोनाली की चूचियों को पीछे से पकड़ा, और उसकी गांड को जोर-जोर से चोदा। राधा ने मेरे सामने अपनी चूत फैलाई, और मैंने उसकी चूत को अपनी उंगलियों से चोदा। “चोदो मेरी गांड, साहब! मेरी चूत और गांड दोनों तेरे मोटे लंड की गुलाम हैं!” सोनाली चिल्ला रही थी।

रात के 3 बज चुके थे, और चांदनी हमारी चुदाई का गवाह थी। मैंने सोनाली को अपनी गोद में उठाया, और चारपाई के किनारे चोदने लगा। उसकी चूचियां उछल रही थीं, और उसकी चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी। राधा ने मेरे लंड को चूसा, और बोली, “साहब, अब मेरी चूत की बारी है।” मैंने सोनाली की चूत में आखिरी धक्का मारा, और अपना गर्म माल उसकी चूत में उड़ेल दिया। सोनाली की चूत रस और माल से लबालब हो गई, और उसकी सिसकियां चरम सुख में बदल गईं।

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राधा की प्यास

मैंने राधा को चारपाई पर लिटाया, और उसकी भारी चूचियों को चूसने लगा। “साहब, मेरी चूत भी भूखी है, चोदो मुझे!” राधा ने चिल्लाया। मैंने उसकी मोटी गांड को थपथपाया, और अपना लंड उसकी गीली चूत में डाल दिया। राधा की चूत सोनाली से ज्यादा गहरी थी, और उसने मेरे लंड को निगल लिया। “चोदो मुझे, साहब! मेरी चूत को फाड़ दो!” राधा चिल्ला रही थी। मैंने उसकी चूत को जोर-जोर से चोदा, और उसकी मोटी गांड को थप्पड़ मारे। सोनाली पास बैठी थी, और अपनी चूत को सहला रही थी।

मैंने राधा की गांड में भी अपना लंड डाला, और उसकी टाइट गांड ने मेरे लंड को और सुख दिया। “साहब, मेरी गांड चोदो, मुझे जन्नत दिखाओ!” राधा चिल्ला रही थी। मैंने उसकी गांड में गहरे धक्के मारे, और उसकी चीखें हवेली में गूंज रही थीं। मैंने राधा की चूत में फिर से अपना माल उड़ेल दिया, और वो सुख से कांप उठी।

हम तीनों पसीने से तर-बतर चारपाई पर गिर पड़े, हमारी सांसें एक-दूसरे में उलझी हुई थीं। मैंने सोनाली की चूचियों को सहलाया, और बोला, “सोनाली, तेरी वर्जिन चूत ने मुझे जन्नत दिखा दी।” राधा ने मेरे लंड को चूमा, और कहा, “साहब, तूने मेरी बेटी को औरत बनाया, और मेरी प्यास भी बुझाई।”

एक अनोखा ट्विस्ट

कुछ दिन बाद, सोनाली की सहेली, मीना, हवेली में काम करने आई। एक रात, जब मैं, सोनाली, और राधा चुदाई कर रहे थे, मीना ने हमें देख लिया। राधा ने हंसकर मीना को बुलाया। “मीना, साहब का लंड जन्नत है, तू भी आजमा,” राधा ने कहा। मीना ने अपनी साड़ी उतार दी, और मेरे साथ चुदाई में शामिल हो गई। मैंने सोनाली की चूत चोदी, राधा की गांड, और मीना की चूत। उनकी चीखें रात में गूंज रही थीं। “चोदो हमें, साहब! हमारी चूत और गांड दोनों ले लो!” वे चिल्ला रही थीं। उस रात, हम चारों ने वो सुख पाया जो हमने कभी नहीं सोचा था।

अब सोनाली, राधा, और मीना दिन में मेरी कामवाली थीं, और रात में मेरी रानियां। उनकी चूत और गांड की प्यास हर रात बुझती थी, और मैं अपनी जवानी का पूरा मजा ले रहा था।