मुझे मेरे स्टूडेंट ने चोदा और प्रेग्नेंट कर दिया

आप यह कहानी Nonveg Story Dot Com पर पढ़ रहे हैं, जहाँ हर कामुक सीन आपकी हवस को चरम पर ले जाता है। मैं, अनन्या, 26 साल की, एक खूबसूरत कॉलेज टीचर थी, जो बैंगलोर के एक नामी कॉलेज में इंग्लिश पढ़ाती थी। मेरी गोरी त्वचा, लंबे काले बाल, और टाइट साड़ी में उभरती चूचियाँ और मटकती गांड स्टूडेंट्स और प्रोफेसर्स की नज़रों का केंद्र थीं। मेरा फिगर ऐसा था कि क्लास में हर लड़के की आँखें मेरे बूब्स पर टिक जाती थीं। मेरा पति, अर्जुन, 32 साल का, एक बिजनेसमैन था, जो ज़्यादातर टूर पर रहता था, और मेरी चूत की प्यास अधूरी रह जाती थी। लेकिन मेरे एक स्टूडेंट, राघव, 20 साल के, गठीले जिस्म और शरारती मुस्कान वाले लड़के ने, एक रात मेरी हवस को तृप्त कर दिया और मुझे प्रेग्नेंट कर दिया।

उस रात कॉलेज में एक लिटरेचर फेस्ट चल रहा था, और मैं लेट तक रुकी थी। बारिश की वजह से कैंपस सुनसान हो चुका था। मैंने एक टाइट ब्लाउज़ और नीली साड़ी पहनी थी, जो मेरी चूचियों और कमर को उभार रही थी। राघव, जो फेस्ट का वॉलंटियर था, मेरे पास आया और बोला, “मैम, आपकी साड़ी में आप और हॉट लग रही हैं।” उसकी बोल्ड बात ने मेरे जिस्म में गर्मी दौड़ा दी। मैंने शरारत से जवाब दिया, “राघव, मेरी चूत की आग बुझाने की हिम्मत है तुझमें?” मेरी बात सुनकर उसकी आँखें चमक उठीं, और उसने मुझे स्टाफ रूम की ओर खींच लिया।

स्टाफ रूम में सिर्फ़ मद्धम लाइट्स थीं, और बाहर बारिश की आवाज़ माहौल को और कामुक बना रही थी। राघव ने दरवाज़ा लॉक किया और मेरे पास आया। उसने मेरे चेहरे को अपने हाथों में लिया और मेरे होंठों को चूम लिया। उसका चुंबन इतना गहरा था कि मेरी साँसें रुक गईं। उसकी जीभ मेरे होंठों से खेल रही थी, और मैंने उसकी शर्ट पकड़कर उसे और करीब खींच लिया। “मैम, तेरे होंठ तो शहद हैं,” राघव ने फुसफुसाया। मैंने सिसकते हुए जवाब दिया, “राघव, मेरी चूत को भी चख ले।” मेरी बात ने उसके लंड को तुरंत सख्त कर दिया, और उसने मेरी साड़ी का पल्लू खींचकर फेंक दिया।

मेरा ब्लाउज़ मेरी चूचियों को मुश्किल से समेटे था। राघव ने मेरे ब्लाउज़ के बटन खोले, और मेरी लाल ब्रा में कैद चूचियाँ देखकर उसकी साँसें तेज़ हो गईं। उसने ब्रा का हुक खोला, और मेरे भरे हुए बूब्स आज़ाद हो गए। उसने मेरी चूचियाँ दबाईं, निप्पल्स को चूसा, और हल्के से काटा। “मैम, तेरी चूचियाँ कितनी रसीली हैं,” उसने कराहते हुए कहा। मेरी सिसकियाँ स्टाफ रूम में गूंजने लगीं। मैंने अपनी जांघें चौड़ी कीं, और राघव ने मेरी साड़ी ऊपर उठाकर मेरी पैंटी के ऊपर से मेरी चूत को सहलाया। मेरी चूत पहले ही गीली थी, और उसकी उंगलियों ने मेरी हवस को और भड़का दिया।

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राघव ने मेरी साड़ी और पेटीकोट उतार दिया। मेरी लाल पैंटी मेरी गीली चूत से चिपक चुकी थी। उसने पैंटी उतारी और अपनी उंगलियाँ मेरी चूत में डालीं, धीरे-धीरे रगड़ते हुए। “मैम, तेरी चूत तो मेरे लंड के लिए तड़प रही है,” उसने कहा। मैंने कराहते हुए जवाब दिया, “राघव, अपने लंड से मेरी चूत चोद दे।” उसने मुझे टेबल पर लिटाया और मेरी जांघें चौड़ी कीं। उसने अपनी पैंट उतारी, और उसका मोटा लंड मेरे सामने था, कम से कम 7 इंच का, सख्त और गर्म। उसने अपने लंड को मेरी चूत पर रगड़ा, और मैं सिसकियाँ लेने लगी। फिर उसने धीरे से लंड अंदर डाला, और मेरी एक ज़ोरदार चीख निकली।

उसका लंड मेरी चूत को पूरा भर रहा था। “राघव, धीरे, मेरी चूत फट जाएगी,” मैंने सिसकते हुए कहा। उसने धीरे-धीरे चुदाई शुरू की, और मेरी चूचियाँ हर धक्के के साथ उछल रही थीं। दर्द धीरे-धीरे मज़े में बदल रहा था, और मेरी सिसकियाँ अब कामुक कराह में तब्दील हो गई थीं। राघव ने रफ्तार बढ़ा दी, और उसका लंड मेरी चूत की गहराई को छू रहा था। “मैम, तेरी चूत चोदने का मज़ा ही अलग है,” उसने कराहते हुए कहा। मैंने जवाब दिया, “राघव, मेरी चूत को और चोद, इसे तृप्त कर दे।” उसने मेरी चूचियाँ फिर से चूसीं, और मेरी चूत और गीली हो गई।

तभी राघव का दोस्त, करण, 21 साल का, गठीला और शरारती, स्टाफ रूम में आ गया। उसने हमें देखा और हँसते हुए बोला, “मैम, राघव तो मज़ा ले रहा है, मुझे भी शामिल करो।” मैं पहले झिझकी, लेकिन मेरी चूत की भूख ने मुझे बोल्ड बना दिया। “आ जा, करण, मेरी गांड और मुँह बाकी हैं,” मैंने सेक्सी अंदाज़ में कहा। राघव ने करण को पास बुलाया, और दोनों ने मुझे अपनी वासना का शिकार बनाया। करण ने मेरी गांड को सहलाया और उसे थप्पड़ मारा। “मैम, तेरी गांड कितनी रसभरी है,” उसने कहा, और अपनी उंगली मेरी गांड में डाली। मेरी सिसकियाँ और तेज़ हो गईं।

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“करण, मेरी गांड भी चोद,” मैंने कराहते हुए कहा। राघव मेरी चूत में अपने लंड को और तेज़ी से चला रहा था, जबकि करण ने अपनी पैंट उतारी और अपने लंड को मेरी गांड पर रगड़ा। उसने धीरे से लंड अंदर डाला, और मेरी ज़ोरदार चीख निकली। “आह, धीरे,” मैंने सिसकते हुए कहा, लेकिन करण ने और ज़ोर से धक्का मारा। “मैम, तेरी गांड मेरे लंड की गुलाम है,” उसने कहा, और मैंने जवाब दिया, “तो चोद दे, मेरी गांड को।” अब मेरे जिस्म में दो लंड थे—राघव का लंड मेरी चूत को चोद रहा था, और करण का लंड मेरी गांड को। मेरी चूचियाँ उछल रही थीं, और मैंने दोनों को कस के पकड़ लिया।

राघव ने मेरे होंठों को चूमा, मेरी जीभ को चूसते हुए, और करण ने मेरी चूचियाँ दबाईं। मेरा जिस्म पसीने और चुदाई की गर्मी से गीला हो चुका था। मेरी सिसकियाँ स्टाफ रूम में गूंज रही थीं, और बाहर बारिश की आवाज़ माहौल को और कामुक बना रही थी। “हाँ, मेरी चूत और गांड को चोदो,” मैंने सिसकते हुए कहा। राघव की चुदाई इतनी ज़ोरदार थी कि मेरा जिस्म थरथरा रहा था, और करण का लंड मेरी गांड को गहरे तक चोद रहा था। मैंने कराहते हुए कहा, “राघव, मेरी चूत में छोड़ दे, मुझे तेरा रस चाहिए।” राघव ने और तेज़ी से धक्के मारे, और मेरी चूत में अपनी गर्मी छोड़ दी।

करण ने मेरी गांड में अपने रस छोड़े, और मेरी सिसकियाँ चीखों में बदल गईं। दोनों ने मुझे टेबल पर लिटाया, और राघव ने मेरी चूचियाँ फिर से चूसीं। “मैम, तेरी चूत ने मुझे दीवाना कर दिया,” उसने कहा। मैंने सिसकते हुए जवाब दिया, “राघव, तूने मेरी चूत को तृप्त कर दिया।” हमारी चुदाई रातभर चली। राघव और करण ने बारी-बारी से मेरी चूत और गांड को चोदा, और मेरी चूचियाँ उनके दाँतों और हाथों से लाल हो गईं। सुबह होने से पहले हमने कपड़े ठीक किए और चुपके से स्टाफ रूम से निकल गए।

अगले कुछ हफ्तों में राघव और मैं चोरी-छिपे मिलते रहे। उसकी शरारती मुस्कान और मोटा लंड मेरी चूत को हर बार तृप्त करता था। लेकिन एक दिन मुझे उल्टियाँ होने लगीं, और टेस्ट करने पर पता चला कि मैं प्रेग्नेंट हूँ। मैं चौंक गई, क्योंकि अर्जुन महीनों से घर नहीं आया था। मुझे यकीन था कि ये राघव का बच्चा है। मैंने उसे बताया, और उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक थी। “मैम, मैं तेरे बच्चे का बाप बनकर खुश हूँ,” उसने कहा। मैंने शरारती मुस्कान के साथ जवाब दिया, “राघव, तूने मेरी चूत को चोदा और मेरी ज़िंदगी बदल दी।”

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प्रेग्नेंसी के दौरान राघव मेरे साथ रहा, और हमारी चुदाई का सिलसिला चुपके-चुपके चलता रहा। मेरी चूचियाँ और भारी हो गई थीं, और मेरी गांड और रसभरी। राघव मेरी चूत और गांड को हर बार नए जोश से चोदता था। अर्जुन को शक नहीं हुआ, और मैंने उसे बताया कि बच्चा उसका है। लेकिन मेरे दिल में राघव की चुदाई की गर्मी बसी थी। मेरे जिस्म पर चुदाई के निशान—मेरी चूचियों पर राघव के दाँतों के निशान और मेरी गांड पर उसके थप्पड़ों के लाल निशान—उस रात की कहानी बयान करते थे।

राघव और मेरी मुलाकातें कॉलेज के बाद भी जारी रहीं। उसकी शरारती नज़रें और मोटा लंड मेरी चूत को हमेशा बेकरार रखते थे। मैं जानती थी कि मेरी प्रेग्नेंसी ने हमारी हवस को और गहरा कर दिया था। उसने मुझे एक बार फिर स्टाफ रूम में चोदा, और मेरी चूत ने उसके रस को फिर से निगल लिया। “मैम, तू मेरी रानी है,” उसने कहा। मैंने जवाब दिया, “राघव, मेरी चूत और गांड तेरे लंड की गुलाम हैं।” हमारी चुदाई का सिलसिला रुकने वाला नहीं था।

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