नई नवेली दुल्हन की चुदाई बस में

मेरा नाम रवि है, और मैं 28 साल का एक जवान, गठीला मर्द हूँ। मेरा 9 इंच का मोटा, काला लंड किसी भी औरत की चूत में आग लगा देता है। मेरी नई-नवेली दुल्हन, शालिनी, 24 साल की एक हॉट, चुदास भरी औरत है। उसका गोरा, भरा हुआ बदन, बड़ी-बड़ी चूचियाँ, गोल गांड, और पतली कमर मेरे लंड को हर बार तड़पा देता था। उसके रसीले होंठ, गुलाबी निप्पल, और गीली चूत चुदाई का खुला न्योता देते थे। उसकी मादक आँखें और मटकती चाल मुझे पागल कर देती थी। हमारी शादी को अभी एक हफ्ता ही हुआ था, और शालिनी की चुदास मेरे लंड को हर रात बेकरार कर देती थी। ये कहानी उस रात की है, जब मैंने शालिनी को एक रात की बस यात्रा में चोदकर उसकी चूत को अपने लंड से फाड़ दिया।

हमारी शादी के बाद हम हनीमून के लिए मनाली जा रहे थे। हमने एक डीलक्स बस बुक की थी, जिसमें प्राइवेट केबिन जैसी सीटें थीं। रात की यात्रा थी, और बस में हल्की रोशनी और ठंडी हवा का माहौल था। शालिनी ने एक लाल, टाइट साड़ी पहनी थी, जो उसके चूचों और गांड को पूरी तरह उजागर कर रही थी। उसकी साड़ी का पल्लू बार-बार सरक रहा था, और उसके सख्त निप्पल ब्लाउज के ऊपर से साफ दिख रहे थे। मैंने उसकी जाँघों को सहलाते हुए कहा, “शालिनी, तेरी चूत आज मेरे लंड की भूखी लग रही है।” उसने मादक मुस्कान दी और बोली, “रवि, मेरी चूत तेरे मोटे लंड के लिए हर वक्त गीली रहती है। आज मुझे बस में चोद दे।” उसकी बात ने मेरे लंड को तना दिया, और मैंने फैसला किया कि मैं उसे बस में ही चोदूँगा।

बस रात के 10 बजे चली। हमारी सीट बस के पिछले हिस्से में थी, और ऊपर का केबिन हमें थोड़ी प्राइवेसी दे रहा था। बस में ज्यादातर लोग सो रहे थे, और हल्की-हल्की सिसकारियों जैसी आवाजें इधर-उधर से आ रही थीं। शालिनी मेरे बगल में बैठी थी, और उसकी साड़ी उसकी जाँघों तक सरक गई थी। मैंने उसकी नंगी जाँघों को सहलाना शुरू किया, और उसकी चूत पहले से ही गीली हो चुकी थी। मैंने धीरे से उसकी साड़ी ऊपर उठाई, और उसकी चिकनी, गीली चूत मेरे सामने थी। “शालिनी, तेरी चूत तो मेरे लंड को बुला रही है,” मैंने फुसफुसाया। उसने अपनी आँखें बंद कीं और सिसकारी के साथ कहा, “रवि, मेरी चूत को चोद… इसे अपने लंड से फाड़ दे।” उसकी बात ने मेरी चुदास को और भड़का दिया।

मैंने शालिनी को अपनी गोद में खींच लिया और उसके रसीले होंठों पर एक गहरा, अश्लील चुंबन छोड़ दिया। मेरी जीभ उसके मुँह में थी, और मेरा मोटा लंड उसकी जाँघों से टकरा रहा था। मैंने उसकी साड़ी का पल्लू हटाया, और उसका ब्लाउज उसके बड़े, टाइट चूचों को मुश्किल से ढक रहा था। मैंने उसका ब्लाउज खोला, और उसकी नंगी चूचियाँ मेरे सामने उछल पड़ीं। उसके निप्पल सख्त और गुलाबी थे, और मैंने एक चूचे को मुँह में लिया और जोर-जोर से चूसने लगा। मेरी जीभ उसके निप्पल को चाट रही थी, और उसकी सिसकारियाँ बस में गूँज रही थीं। मैंने उसके दूसरे चूचे को अपनी उंगलियों से मसला, और उसके गुलाबी निप्पल को खींचकर उसकी चीखें निकाल दीं।

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शालिनी ने मेरी पैंट की जिप खोली, और मेरा 9 इंच का मोटा, काला लंड उसके सामने तन गया। उसकी आँखें चुदास से चमक उठीं। “रवि, तेरा लंड मेरी चूत को चोदने के लिए बना है,” उसने मादहोश होकर कहा, और मेरे लंड को अपने रसीले होंठों में लिया। वह मेरे लंड को गहराई तक चूस रही थी, और मेरी सिसकारियाँ निकल रही थीं। मैंने उसके बाल पकड़कर उसका मुँह अपने लंड पर और जोर से दबाया, और वह मेरे लंड को चाट रही थी। बस की हल्की हलचल और अंधेरा हमारी चुदास को और बढ़ा रहा था। मैंने शालिनी को सीट पर लिटाया और उसकी साड़ी पूरी तरह ऊपर उठा दी। उसकी चूत मेरे सामने चमक रही थी, और उसका रस उसकी जाँघों पर टपक रहा था।

मैंने अपनी जीभ से शालिनी की चूत को चाटना शुरू किया, और मेरी जीभ उसकी चूत के दाने को चूस रही थी। शालिनी अपनी गांड को हिलाकर मेरा मुँह अपनी चूत में और गहरा दबा रही थी। उसकी चूचियाँ हवा में उछल रही थीं, और उसकी सिसकारियाँ बस में गूँज रही थीं। “रवि… मेरी चूत को चोद… इसे फाड़ दे,” उसने चुदास में चीखते हुए कहा। मैंने अपना मोटा, काला लंड उसकी गीली चूत में डाल दिया, और शालिनी चीख पड़ी। मेरा लंड उसकी चूत को चीर रहा था, लेकिन दर्द जल्दी ही मादक सुख में बदल गया। मैं जोर-जोर से धक्के मारने लगा, और उसके चूचे हर धक्के के साथ उछल रहे थे। मैंने उसकी गांड को हिलाकर मेरा लंड और गहरा लिया, और उसकी सिसकारियाँ बस में गूँज रही थीं।

मैंने शालिनी के चूचियों को मसला, उसके निप्पलों को चूसा, और उसकी चूत को अपने लंड से रगड़ने लगा। उसकी चूत से रस टपक रहा था, और मेरा लंड उसकी चूत की गहराई तक जा रहा था। “शालिनी, तेरी चूत तो मेरे लंड की गुलाम है,” मैंने गुर्राते हुए कहा। “हाँ, रवि… मेरी चूत को और जोर से चोद… इसे सुजा दे,” उसने चुदास में चीखते हुए कहा। मैंने उसे सीट पर घोड़ी बनाया और उसकी गोल गांड को थप्पड़ मारते हुए अपना लंड उसकी चूत में फिर से डाल दिया। मेरा लंड उसकी चूत को चीर रहा था, और वह चुदास में चीख रही थी। बस की हलचल हमारी चुदाई को और उत्तेजक बना रही थी।

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मैंने शालिनी की गांड के छेद को अपनी उंगली से सहलाया, और फिर धीरे-धीरे अपना मोटा लंड उसकी गांड में डाल दिया। शालिनी दर्द और सुख में चीख पड़ी, लेकिन उसकी गांड ने मेरे लंड को गले लगा लिया। मैं उसकी गांड को जमकर चोद रहा था, और उसके चूचे हवा में उछल रहे थे। “रवि… मेरी गांड को चोद… मेरी चूत को फाड़ दे,” शालिनी ने चुदास में चीखते हुए कहा। मैंने उसके चूचियों को मसला, उसकी गांड को थप्पड़ मारे, और उसकी चूत और गांड को बारी-बारी चोदा। उसकी चूत बार-बार झड़ रही थी, और उसका रस मेरी जाँघों पर टपक रहा था। बस का अंधेरा और सन्नाटा हमारी चुदाई को और मादक बना रहा था।

चुदाई का दौर घंटों चला। मैंने शालिनी को अलग-अलग पोजीशन में चोदा। एक बार मैंने उसे अपनी गोद में बिठाया और उसकी चूत में अपना लंड डालकर जोर-जोर से उछाला। उसके चूचे मेरे चेहरे पर उछल रहे थे, और मैं उसके निप्पलों को चूस रहा था। फिर मैंने उसे सीट के किनारे खड़ा किया और उसकी चूत में अपना लंड डालकर जोर-जोर से धक्के मारे। उसकी चीखें और सिसकारियाँ बस में गूँज रही थीं, लेकिन कोई जागा नहीं। मैंने उसकी साड़ी को और ऊपर उठाया, और उसकी नंगी गांड मेरे सामने थी। मैंने उसकी गांड को फिर से चोदा, और उसकी चूत मेरे वीर्य के लिए तड़प रही थी।

“शालिनी, मैं तेरी चूत में झड़ने वाला हूँ,” मैंने गुर्राते हुए कहा। “हाँ, रवि… मेरी चूत को अपने वीर्य से भर दे,” शालिनी ने चुदास में चीखते हुए कहा। मैंने अपने धक्के और तेज किए, और फिर अपने गर्म, गाढ़े वीर्य की पिचकारी उसकी चूत में मारी। शालिनी सुख से चीख पड़ी, और उसकी चूत मेरे वीर्य से लबालब भर गई। मैंने उसके चूचियों, रसीले होंठों, और पूरे बदन पर अपना वीर्य छोड़ा, और उसने उसे अपनी जीभ से चाट लिया। उसका बदन मेरे वीर्य से गीला और चिपचिपा हो गया था। हम दोनों हाँफ रहे थे, और उसकी चूत और गांड चुदाई से सुज गई थी।

बस सुबह 5 बजे एक ढाबे पर रुकी। हमने जल्दी से अपने कपड़े ठीक किए और ढाबे पर चाय पीने उतरे। शालिनी की चाल में एक मादक लचक थी, और उसकी साड़ी अभी भी उसकी जाँघों तक सरक रही थी। मैंने उसकी गांड को सहलाते हुए कहा, “शालिनी, तेरी चूत ने मेरे लंड को जन्नत दिखा दी।” उसने हँसकर कहा, “रवि, तेरे लंड ने मेरी चूत को फाड़ दिया। अब ये हर रात तेरे लंड की गुलाम रहेगी।” हम दोनों हँस पड़े, और बस में वापस अपनी सीट पर आ गए। शालिनी मेरे सीने पर सिर रखकर सो गई, और मैं उसकी चूचियों को सहलाते हुए मनाली के सपने देखने लगा।

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उस रात के बाद, शालिनी और मेरी चुदाई की भूख और बढ़ गई। मनाली में हमने हर रात चुदाई की, लेकिन बस की चुदाई का मजा कुछ और था। एक बार, जब हम मनाली से वापस आ रहे थे, हमने फिर वही बस बुक की। इस बार मैंने शालिनी को बस के बाथरूम में ले जाकर चोदा। मैंने उसे दीवार के सहारे खड़ा किया और उसकी चूत में अपना लंड डालकर जोर-जोर से चोदा। उसकी सिसकारियाँ बाथरूम में गूँज रही थीं, और उसकी चूत मेरे वीर्य से भर गई। “रवि, तेरा लंड मेरी चूत की जान है,” उसने फुसफुसाया। मैंने उसकी चूचियों को सहलाया और बोला, “शालिनी, तेरी चूत मेरे लंड की रानी है।”

हमारी चुदाई का कोई हिसाब नहीं था। बस की उस रात ने हमारी चुदास को एक नया रंग दे दिया। शालिनी की चूत मेरे लंड की दीवानी थी, और मेरा लंड उसकी चूत का गुलाम। हर बार जब हम बस में सफर करते, हम चुदाई का कोई न कोई मौका ढूंढ लेते। एक बार, जब बस रात में सुनसान हाइवे पर थी, मैंने शालिनी को फिर से अपनी गोद में बिठाया और उसकी चूत को चोदा। उसकी चीखें बस में गूँज रही थीं, और उसकी चूत मेरे वीर्य से चमक रही थी। “शालिनी, तेरी चूत ने मेरे लंड को पागल कर दिया,” मैंने कहा। उसने हँसकर जवाब दिया, “रवि, तेरे लंड ने मेरी चूत को जन्नत दे दी।”

हमारी शादी को अब महीनों बीत चुके हैं, लेकिन बस की उस रात की चुदाई का जादू आज भी बरकरार है। शालिनी की चूत और मेरे लंड की जोड़ी हर बार नया सुख ढूंढ लेती है। मैंने सोचा कि नई नवेली दुल्हन की चुदाई बस में करना मेरी जिंदगी का सबसे मादक अनुभव था। शालिनी की चूत मेरे लंड की गुलाम बन चुकी थी, और हमारी चुदाई की आग कभी ठंडी नहीं हुई।