जंगल के खंडहर में एक अनजान लड़की से मिले रवि ने उसकी गर्म चूत को अपने मोटे लंड से ठंडा कर दिया। चूचियां, गांड, और रहस्यमयी चुदाई से भरी ये देसी सेक्स कहानी आपके दिल में सनसनी जगा देगी। रवि और अनजान लड़की की इस जोशीली चुदाई की कहानी पढ़ें और मस्ती में डूब जाएं!
मैं रवि, 27 साल का जवान और तगड़ा लड़का, जिसका सांवला रंग, मांसल जिस्म, और शरारती मुस्कान हर किसी को ललचाती थी। मैं शहर में एक छोटा-सा कारोबार करता था, लेकिन मुझे जंगल की सैर का शौक था। एक दिन, मैंने गाँव के पास एक पुराने खंडहर की सैर करने का फैसला किया। वो खंडहर सालों से वीरान था, और गाँव वाले कहते थे कि वहाँ भूत-प्रेत रहते हैं। लेकिन मुझे इन बातों पर यकीन नहीं था। मैं अपने कैमरे के साथ जंगल की ओर निकल पड़ा।
सूरज ढल रहा था, और खंडहर की टूटी दीवारों के बीच ठंडी हवा चल रही थी। मैं फोटो खींच रहा था, तभी मुझे एक हल्की सी सिसकारी सुनाई दी। मैंने इधर-उधर देखा, और खंडहर के एक कोने में एक लड़की को देखा। वो करीब 22 साल की थी, गोरी-चिट्टी, भारी चूचियां, और गोल-मटोल गांड वाली हसीना थी। उसने एक फटी हुई सलवार-कमीज पहनी थी, जो उसके जिस्म से चिपकी हुई थी। उसकी आँखों में डर था, लेकिन उसकी चूचियां और नाभि देखकर मेरी चूत में आग लग गई।
“तुम कौन हो? यहाँ क्या कर रही हो?” मैंने पूछा, लेकिन वो चुप रही। उसने बस मुझे देखा और अपनी टांगें फैला दीं। उसकी चूत उसकी फटी सलवार से झांक रही थी, और उसका रस टपक रहा था। “मुझे बचाओ, और मेरी प्यास बुझाओ,” उसने सिसकते हुए कहा। उसकी मादक आवाज ने मेरे लंड को तनाव दे दिया। “मैं तुम्हारी हर प्यास बुझा दूंगा,” मैंने गुर्राते हुए कहा और उसके पास बैठ गया।
मैंने उसकी सलवार को एक झटके में फाड़ दिया। उसकी गोरी चूचियां नंगी हो गईं, उनके गुलाबी निप्पल्स तनकर खड़े थे। “तेरी चूचियां तो अमृत की कटोरी हैं,” मैंने ललचाते हुए कहा और उसकी चूचियों को अपने मजबूत हाथों में भरा। मैंने उन्हें जोर-जोर से मसला, और उसकी सिसकियां खंडहर में गूंज उठीं। “हाय, मेरी चूचियां पिघल रही हैं!” उसने चिल्लाया और मेरी पीठ को नाखूनों से खरोंच दिया।
मैंने उसके निप्पल्स को अपनी जीभ से चाटा और उन्हें चूसने लगा। उसकी चीखें खंडहर की दीवारों से टकरा रही थीं। “मेरी चूचियां चूस, और जोर से!” उसने चिल्लाया और मेरे बालों को जकड़ लिया। मैंने उसकी कमीज और पैंटी को फाड़कर फेंक दिया। उसकी चिकनी, गीली चूत मेरे सामने थी, उसका रस चमक रहा था। “तेरी चूत तो शहद का छत्ता है,” मैंने कहा और अपनी उंगलियां उसकी चूत में डाल दीं। उसकी चूत इतनी गर्म थी कि मैं सिहर उठा।
“हाय, मेरी चूत जल रही है!” उसने चीखा और उसकी गांड उछलने लगी। मैंने उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटा, मेरी जीभ उसके चूत के दाने को रगड़ रही थी। उसकी चीखें जंगल में गूंज रही थीं। “मेरी चूत चाट, इसे अपने प्यार से भिगो दे!” वो चिल्ला रही थी, और उसकी चूत रस से तर-बतर हो गई। मैंने दो उंगलियां उसकी चूत में डालीं और उसे जोर-जोर से चोदने लगा। उसकी सिसकियां सुख की चीखों में बदल गईं।
मैंने अपनी जींस और शर्ट उतार दी। मेरा मोटा, 9 इंच का लंड उसके सामने तनकर खड़ा था, उसकी नसें उभरी हुई थीं। उसने मेरे लंड को देखा, और उसकी आँखें वासना से चमक उठीं। “तेरा लंड तो मेरी चूत का राजा है!” उसने मादक अंदाज में कहा और मेरे लंड को अपने नाजुक हाथों में लिया। उसने मेरे लंड को प्यार से सहलाया और फिर अपने होंठों से उसे चूसने लगी। उसकी जीभ मेरे लंड के सिरे पर घूम रही थी, और मेरी सांसें रुक रही थीं। “तू मेरे लंड को जन्नत दिखा रही है,” मैंने गुर्राया और उसके बालों को जकड़ लिया।
उसने मेरे लंड को चूसकर गीला कर दिया और फिर खंडहर की टूटी दीवार के सहारे खड़ी हो गई। उसकी चूत रस टपका रही थी, और उसकी गोल गांड मेरे सामने थी। “मेरी चूत में अपना मोटा लंड डाल और मुझे चोद!” उसने चीखा और अपनी टांगें फैला दीं। मैंने उसकी चूतड़ों पर थप्पड़ मारे और अपनी उंगलियां उसकी चूत में डालकर उसे और गीला किया। “तेरी चूत मेरे लंड की मालकिन है,” मैंने कहा और अपना मोटा लंड उसकी चूत में एक धक्के से पेल दिया।
उसकी चीख जंगल को चीर गई। “हाय मर गई! तेरा लंड मेरी चूत फाड़ देगा!” उसने चिल्लाया, लेकिन उसकी चूत मेरे लंड को लय में समा रही थी। मैंने उसकी चूचियों को पकड़ा और उसकी चूत को जोर-जोर से चोदने लगा। हर धक्के के साथ उसकी चूत रस छोड़ रही थी, और उसकी चीखें खंडहर में गूंज रही थीं। “चोद मुझे! मेरी चूत को अपने मोटे लंड का गुलाम बना दे!” वो चिल्ला रही थी, और मेरा लंड उसकी चूत में तूफान मचा रहा था।
मैंने उसे दीवार से हटाकर खंडहर के फर्श पर लिटा दिया। मैंने उसकी एक टांग अपने कंधे पर रखी और उसकी चूत में फिर से अपना लंड डाला। उसकी चूचियां उछल रही थीं, और उसकी चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी। “तेरा लंड मेरी चूत की जिंदगी है!” उसने चीखा और मेरे होंठों को चूसने लगी। मैंने उसकी चूत में गहरे धक्के मारे और उसकी चूतड़ों को जोर-जोर से दबाया। “तेरी चूत मेरे लंड की जन्नत है,” मैंने गुर्राया और उसकी चूत में और गहरा धक्का मारा।
अब मेरी नजर उसकी मटकती गांड पर थी। मैंने उसे उल्टा किया और उसकी गांड को अपने सामने देखकर पागल हो गया। “तेरी गांड तो चांद का टुकड़ा है,” मैंने मस्ती भरे अंदाज में कहा और उसकी गांड पर थप्पड़ मारे। मैंने उसकी चूत का रस अपनी उंगलियों से लिया और उसकी टाइट गांड के छेद को गीला किया। “मेरी गांड में मत डाल, मैं टूट जाऊंगी!” उसने सिसकते हुए कहा, लेकिन उसकी गांड मेरे लंड की प्यासी थी।
मैंने अपने लंड को उसकी चूत के रस से चिकना किया और धीरे से उसकी टाइट गांड में डाला। उसकी चीख जंगल में गूंज गई। “हाय राम! तेरा लंड मेरी गांड चीर देगा!” उसने चिल्लाया, लेकिन उसकी गांड अब मेरे लंड को लय में ले रही थी। मैंने उसकी चूचियों को पीछे से पकड़ा और उसकी गांड को जोर-जोर से चोदा। हर धक्के के साथ उसकी चूत रस टपका रही थी, और उसकी गांड मेरे लंड को निगल रही थी। “चोद मेरी गांड! मेरी चूत और गांड दोनों तेरे मोटे लंड की गुलाम हैं!” वो चिल्ला रही थी।
रात के 9 बजे थे, और जंगल की सन्नाटे भरी रात हमारी चुदाई की गवाह बन रही थी। मैंने उसे अपनी गोद में उठाया और खंडहर की एक टूटी खिड़की के सहारे चोदने लगा। उसकी चूचियां उछल रही थीं, और उसकी चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी। “तू मेरी चूत और गांड का बादशाह है,” उसने सिसकते हुए कहा और मेरे होंठों को चूसने लगी। मेरा लंड अब फटने को था। मैंने उसकी चूत में आखिरी धक्का मारा और कंडोम में अपना गर्म माल उड़ेल दिया। उसकी चूत रस से लबालब हो गई, और उसकी सिसकियां सुख की लहरों में डूब गईं।
हम दोनों पसीने से तर-बतर खंडहर के फर्श पर गिर पड़े, हमारी सांसें एक-दूसरे में उलझी थीं। मैंने उसकी चूचियों को फिर से सहलाया और पूछा, “तू कौन है, और यहाँ क्या कर रही थी?” उसने मुस्कुराते हुए कहा, “मैं अनु हूँ, शहर से भागकर यहाँ छुपी थी। लेकिन तूने मुझे जन्नत दिखा दी।” मैंने उसे गले लगाया और बोला, “अनु, जब तक मैं हूँ, तेरी चूत और गांड की प्यास बुझाऊंगा।”
एक रहस्यमयी ट्विस्ट
अगली रात, मैं फिर खंडहर में गया। अनु वहाँ थी, लेकिन इस बार उसके साथ एक और लड़की, शालिनी, थी। शालिनी भी अनु की तरह हॉट थी, और उसकी चूचियां और गांड मुझे ललचा रही थीं। “रवि, शालिनी भी तेरे लंड की भूखी है,” अनु ने शरारती लहजे में कहा। मैंने दोनों को खंडहर की दीवार के सहारे खड़ा किया और उनकी चूत और गांड की चुदाई शुरू कर दी। अनु की चूत में मेरा लंड था, और शालिनी की गांड में मेरी उंगलियां। उनकी चीखें खंडहर में गूंज रही थीं। “चोदो हमें! हमारी चूत और गांड दोनों ले लो!” वे चिल्ला रही थीं। उस रात, मैंने अनु और शालिनी को एक साथ चोदा, और वो सुख पाया जो मैंने कभी नहीं सोचा था।
खंडहर की रातों का रहस्य
अब हर रात मैं खंडहर में अनु और शालिनी से मिलता। एक बार, मेरा एक दोस्त, विक्रम, भी मेरे साथ खंडहर आया। मैंने अनु की चूत चोदी, और विक्रम ने शालिनी की गांड। हम चारों ने मिलकर ऐसी चुदाई की कि खंडहर की दीवारें हिल गईं। “चोदो हमें! हमारी चूत और गांड तेरे मोटे लंड की भूखी हैं!” वे चिल्ला रही थीं।
खंडहर में अनजान लड़की की चुदाई ने मुझे जन्नत दिखा दी। मैं दिन में एक आम लड़का था, और रात में खंडहर का बादशाह। उनकी चूत और गांड की प्यास हर रात बुझती थी, और मैं अपनी जवानी का पूरा मजा ले रहा था।