एक तलाकशुदा जवान औरत की चुदाई

आप यह कहानी Nonveg Story Dot Com पर पढ़ रहे हैं, जहाँ कामुकता और वासना की हर कहानी आपके दिल की धड़कनों को तेज़ कर देती है। मुंबई की एक चमचमाती हाई-राइज़ सोसाइटी में, जहाँ रात को शहर की लाइटें और समंदर की हवा एक जादुई माहौल बनाते थे, मैं, नेहा, अपनी ज़िंदगी की नई शुरुआत कर रही थी। मैं 28 साल की थी, गोरी, लंबे घने बालों वाली, और ऐसी फिगर वाली कि मर्दों की नज़रें मुझ पर ठहर जाती थीं। मेरी टाइट ड्रेस मेरे भरे हुए बूब्स और गोल चूतड़ को और उभारती थी। दो साल पहले मेरा तलाक हो गया था, और तब से मेरी चूत की प्यास कोई नहीं बुझा पाया था। लेकिन पड़ोस में रहने वाले आदित्य, 30 साल के, मज़बूत जिस्म और गहरी आँखों वाले मर्द ने, एक रात मेरी सारी हवस को तृप्त कर दिया।

उस रात बारिश का मौसम था, और मुंबई की सड़कें पानी से लबालब थीं। मैं अपनी बालकनी में खड़ी थी, एक पतली सिल्क की नाइटी में, जो मेरी चूचियों और जांघों को मुश्किल से ढक रही थी। आदित्य अपनी बालकनी में था, सिर्फ एक बनियान और शॉर्ट्स में, उसका गठीला जिस्म बारिश की बूंदों में चमक रहा था। उसने मुझे देखा और मुस्कुराया, “नेहा, बारिश में भी तू इतनी हॉट लग रही है।” उसकी बात में शरारत थी, और उसकी नज़रें मेरी चूचियों पर टिकी थीं। मैंने होंठ चाटे और जवाब दिया, “आदित्य, मेरी चूत में बारिश से ज़्यादा गर्मी है, कोई बुझाएगा?” मेरी बोल्ड बात सुनकर उसकी आँखें चमक उठीं, और उसने मुझे अपने फ्लैट में बुला लिया।

आदित्य का फ्लैट मॉडर्न था, मद्धम लाइट्स और सोफे पर बिछी सिल्क की चादरें माहौल को और कामुक बना रही थीं। मैं उसके सोफे पर बैठी, और मेरी नाइटी मेरी जांघों से सरक गई। आदित्य मेरे पास आया और मेरे चेहरे को अपने हाथों में लिया। उसने मेरे होंठों को चूम लिया, पहले धीरे, फिर इतनी गहराई से कि मेरी साँसें रुक गईं। उसकी जीभ मेरे होंठों से खेल रही थी, और मैंने उसकी बनियान पकड़कर उसे और करीब खींच लिया। “तेरे होंठ तो आग हैं,” आदित्य ने फुसफुसाया। मैंने सिसकते हुए जवाब दिया, “तो मेरी चूत की आग भी बुझा दे।” उसकी बात ने मेरे लंड को तुरंत सख्त कर दिया।

आप यह कहानी Nonveg Story Dot Com पर पढ़ रहे हैं, जहाँ हर सीन आपकी वासना को जगा देता है। आदित्य ने मेरी नाइटी के स्ट्रैप्स नीचे खींचे, और मेरी काली ब्रा में कैद चूचियाँ देखकर उसकी साँसें तेज़ हो गईं। उसने ब्रा का हुक खोला, और मेरे भरे हुए बूब्स आज़ाद हो गए। उसने उन्हें दोनों हाथों से दबाया, निप्पल्स को चूसा, और हल्के से काटा। “नेहा, तेरी चूचियाँ कितनी रसीली हैं,” उसने कराहते हुए कहा। मेरी सिसकियाँ फ्लैट में गूंजने लगीं। मैंने अपनी जांघें चौड़ी कीं, और आदित्य ने मेरी नाइटी ऊपर उठाकर मेरी पैंटी के ऊपर से मेरी चूत को सहलाया। मेरी चूत पहले ही गीली थी, और उसकी उंगलियों ने मेरी हवस को और भड़का दिया।

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मैंने आदित्य की बनियान उतारी और उसके शॉर्ट्स के ऊपर से उसके लंड को सहलाया। “आदित्य, तेरा लंड तो पत्थर जैसा सख्त है,” मैंने सेक्सी अंदाज़ में कहा। मैंने उसके शॉर्ट्स उतारे, और उसका मोटा लंड मेरे सामने था, कम से कम 7 इंच का, गर्म और तना हुआ। मैंने उसे अपने हाथों में लिया, धीरे-धीरे सहलाया, और फिर अपने होंठों से चूम लिया। मैंने उसके लंड को चूसना शुरू किया, मेरी जीभ उसके सिरे पर नाच रही थी। आदित्य की सिसकियाँ निकलने लगीं, और उसने मेरे बाल पकड़कर मुझे और गहरे तक चूसने को कहा। “नेहा, तू तो मेरे लंड की दीवानी है,” उसने कराहते हुए कहा। मेरी चूत चुदाई के लिए तड़प रही थी।

आदित्य ने मुझे सोफे पर लिटाया और मेरी नाइटी पूरी तरह उतार दी। मेरी काली पैंटी मेरी गीली चूत से चिपक चुकी थी। उसने पैंटी उतारी और अपनी उंगलियाँ मेरी चूत में डालीं, धीरे-धीरे रगड़ते हुए। “तेरी चूत कितनी गीली और गर्म है,” उसने फुसफुसाया। मैंने कराहते हुए कहा, “आदित्य, अपने मोटे लंड से मेरी चूत चोद दे।” उसने मेरी जांघें चौड़ी कीं और अपने लंड को मेरी चूत पर रगड़ा। फिर धीरे से अंदर डाला, और मेरी एक हल्की चीख निकली। उसका लंड मेरी चूत को पूरा भर रहा था। “आह, आदित्य, तेरा लंड मेरी चूत को फाड़ देगा,” मैंने सिसकते हुए कहा।

आप यह कहानी Nonveg Story Dot Com पर पढ़ रहे हैं, जहाँ हर पल की कामुकता आपको बेकरार कर देती है। आदित्य ने मेरी कमर पकड़ी और धीरे-धीरे चुदाई शुरू की। उसका लंड मेरी चूत की गहराई को छू रहा था, और मेरी चूचियाँ हर धक्के के साथ उछल रही थीं। दर्द धीरे-धीरे मज़े में बदल रहा था, और मेरी सिसकियाँ अब कामुक कराह में तब्दील हो गई थीं। आदित्य ने रफ्तार बढ़ा दी, और उसकी चुदाई इतनी ज़ोरदार थी कि सोफा हिल रहा था। “नेहा, तेरी चूत चोदने का मज़ा ही अलग है,” उसने कराहते हुए कहा। मैंने जवाब दिया, “आदित्य, मेरी चूत को और चोद, इसे तृप्त कर दे।”

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तभी आदित्य का दोस्त, रोहन, 32 साल का, मज़बूत और चालाक मर्द, फ्लैट में आ गया। उसने हमें देखा और हँसते हुए बोला, “नेहा, मुझे भी मज़ा चाहिए।” मैं पहले झिझकी, लेकिन मेरी चूत की भूख ने मुझे बोल्ड बना दिया। “आ जा, रोहन, मेरी गांड और मुँह बाकी हैं,” मैंने सेक्सी अंदाज़ में कहा। आदित्य ने रोहन को पास बुलाया, और दोनों ने मुझे अपनी वासना का शिकार बनाया। रोहन ने मेरी गांड को सहलाया और उसे थप्पड़ मारा। “तेरी गांड कितनी मस्त है,” उसने कहा, और अपनी उंगली मेरी गांड में डाली। मेरी सिसकियाँ और तेज़ हो गईं।

“रोहन, मेरी गांड भी चोद,” मैंने कराहते हुए कहा। आदित्य मेरी चूत में अपने लंड को और तेज़ी से चला रहा था, जबकि रोहन ने अपनी पैंट उतारी और अपने लंड को मेरी गांड पर रगड़ा। उसने धीरे से लंड अंदर डाला, और मेरी ज़ोरदार चीख निकली। “आह, धीरे,” मैंने सिसकते हुए कहा, लेकिन रोहन ने और ज़ोर से धक्का मारा। “रंडी, तेरी गांड मेरे लंड की गुलाम है,” उसने कहा, और मैंने जवाब दिया, “तो चोद दे, मेरी गांड को।” अब मेरे जिस्म में दो लंड थे—आदित्य का लंड मेरी चूत को चोद रहा था, और रोहन का लंड मेरी गांड को। मेरी चूचियाँ उछल रही थीं, और मैंने दोनों को कस के पकड़ लिया।

आप यह कहानी Nonveg Story Dot Com पर पढ़ रहे हैं, जहाँ हर सीन आपकी हवस को और भड़काता है। आदित्य ने मेरे होंठों को फिर से चूमा, मेरी जीभ को चूसते हुए, और रोहन ने मेरी चूचियाँ दबाईं। मेरा जिस्म पसीने और चुदाई की गर्मी से गीला हो चुका था। मेरी सिसकियाँ फ्लैट में गूंज रही थीं, और बाहर बारिश की आवाज़ माहौल को और कामुक बना रही थी। “हाँ, मेरी चूत और गांड को चोदो,” मैंने सिसकते हुए कहा। आदित्य की चुदाई इतनी ज़ोरदार थी कि मेरा जिस्म थरथरा रहा था, और रोहन का लंड मेरी गांड को गहरे तक चोद रहा था।

तभी सोसाइटी का एक और पड़ोसी, विक्की, 29 साल का, मज़बूत और शरारती, फ्लैट में आया। उसने मेरी चुदाई देखकर अपना लंड पकड़ लिया। “नेहा, मुझे भी मज़ा दे,” उसने गहरी आवाज़ में कहा। मैंने उसे एक सेक्सी नज़र दी और बोली, “विक्की, मेरे मुँह में जगह है।” विक्की ने अपनी पैंट उतारी और अपना मोटा लंड मेरे मुँह में डाल दिया। मैंने उसे चूसना शुरू किया, मेरी जीभ से उसके लंड को सहलाते हुए। विक्की की सिसकियाँ निकलने लगीं, और उसने मेरे बाल पकड़कर मुझे और तेज़ी से चूसने को कहा। “साली, तू तो मेरे लंड की दीवानी है,” उसने बोला।

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आप यह कहानी Nonveg Story Dot Com पर पढ़ रहे हैं, जहाँ कामुकता की हर हद पार होती है। आदित्य अब मेरी चूत को ज़ोर-ज़ोर से चोद रहा था, उसका लंड हर धक्के में मेरी चूत की गहराई को छू रहा था। रोहन ने मेरी गांड में अपने लंड को और तेज़ी से चलाया, और मेरी सिसकियाँ चीखों में बदल गईं। विक्की ने मेरे मुँह में अपने लंड को और गहरे तक डाला, और मैंने उसे चूसते हुए सिसकियाँ भरीं। मेरा जिस्म तीन मर्दों की भूख का शिकार बन चुका था, और मेरी चुदाई चरम पर थी। मेरी चूत, गांड, और मुँह तीनों उनके लंड से भरे थे, और मेरी हवस का हर कोना तृप्त हो रहा था।

हमारी चुदाई रातभर चली। आदित्य ने मेरी चूत में अपने लंड को और तेज़ी से चलाया, और आखिरकार मेरी चूत में अपनी गर्मी छोड़ दी। रोहन ने मेरी गांड में अपने रस छोड़े, और विक्की ने मेरे मुँह से लंड निकालकर मेरी चूचियों पर अपनी गर्मी बिखेर दी। मेरा जिस्म पसीने और तृप्ति से गीला था, और मेरी चूत की प्यास आखिरकार बुझ चुकी थी। सुबह होने से पहले हमने कपड़े ठीक किए और चुपके से अपने-अपने फ्लैट में चले गए।

आदित्य ने मुझे एक शरारती मुस्कान दी और फुसफुसाया, “नेहा, तेरी चूत और गांड ने रात को आग लगा दी।” मैंने हँसते हुए जवाब दिया, “आदित्य, मेरी चूत अब तेरे मोटे लंड की गुलाम है।” अगली सुबह जब मैं उससे सोसाइटी की लिफ्ट में मिली, तो उसकी आँखों में वही भूख थी, और मेरी चूत फिर से सुलगने लगी। मेरे जिस्म पर चुदाई के हल्के निशान थे—मेरी चूचियों और चूतड़ पर लाल निशान उस रात की कहानी बयान कर रहे थे।

आप यह कहानी Nonveg Story Dot Com पर पढ़ रहे हैं, जहाँ हर कहानी आपकी हवस को नई उड़ान देती है। यह रात मेरे लिए एक तलाकशुदा औरत की ज़िंदगी में नया रंग लेकर आई। आदित्य, रोहन, और विक्की की चुदाई ने मेरी चूत की प्यास को तृप्त किया, और मैं जान चुकी थी कि मेरी हवस का ये सिलसिला अभी रुकने वाला नहीं था।