मेरी कुँवारी गांड की ओपनिंग भैया ने की

Gaand Chudai ki Kahani Bahan Bhai Sex : पंजाब के एक छोटे से शहर में, जहाँ गलियों में गन्ने के खेतों की खुशबू और देसी माहौल का जादू बिखरा रहता था, प्रिया अपने परिवार के साथ रहती थी। प्रिया, 20 साल की, गोरी, लंबे रेशमी बालों वाली, और कातिलाना फिगर वाली जवान लड़की थी। उसकी टाइट सलवार-कमीज़ उसके भरे हुए बूब्स और गोल चूतड़ को उभारती थी, और उसकी गहरी आँखों में मासूमियत के साथ एक शरारती चमक थी। प्रिया का बड़ा भाई, विक्रम, 27 साल का, मज़बूत जिस्म, चौड़ी छाती, और गहरी आवाज़ वाला मर्द था। विक्रम की नज़रें अक्सर प्रिया की गांड पर टिकती थीं, और एक रात उसने प्रिया की कुँवारी गांड की ओपनिंग कर दी।

गर्मी की एक रात थी, और घर में बिजली चली गई थी। प्रिया अपने कमरे में पंखा चलाकर सोने की कोशिश कर रही थी, लेकिन गर्मी से बेचैन थी। उसने एक पतली नाइटी पहनी थी, जो उसके कर्व्स को और उभार रही थी। विक्रम, सिर्फ़ लुंगी पहने, प्रिया के कमरे में आया और बोला, “प्रिया, नींद नहीं आ रही? चल, छत पर सोते हैं।” प्रिया ने हल्की मुस्कान दी और विक्रम के साथ छत पर चली गई। छत पर चारपाई बिछी थी, और ठंडी हवा माहौल को कामुक बना रही थी। विक्रम की नज़र प्रिया की चूचियों पर टिकी थी, जो नाइटी में साफ़ दिख रही थीं। “प्रिया, तू तो बड़ी हॉट हो गई है,” विक्रम ने शरारती अंदाज़ में कहा। प्रिया ने अपने होंठ चाटे और जवाब दिया, “भैया, तुम भी तो मेरी गांड को घूरते रहते हो।”

विक्रम ने प्रिया को चारपाई पर खींच लिया और उसके होंठों को चूम लिया, पहले धीरे, फिर गहराई से, उसकी जीभ को चूसते हुए। प्रिया की चूत में सिहरन दौड़ गई, और उसने विक्रम की लुंगी में उंगलियाँ डालकर उसके मोटे लंड को पकड़ लिया। “भैया, तेरा लंड तो पत्थर जैसा सख्त है,” प्रिया ने सिसकते हुए कहा। विक्रम ने हँसकर जवाब दिया, “तो आज तेरी कुँवारी गांड की ओपनिंग करूँगा।” प्रिया की चूत गीली हो गई, और उसने अपनी नाइटी ऊपर उठा दी, जिससे उसकी काली ब्रा और पैंटी विक्रम के सामने थी।

विक्रम ने प्रिया की नाइटी उतारी और उसकी ब्रा का हुक खोला। प्रिया के भारी बूब्स आज़ाद हो गए, और विक्रम ने उन्हें कस के दबाया, निप्पल्स को चूसा, और हल्के से काटा। “तेरी चूचियाँ कितनी रसीली हैं,” विक्रम ने कराहते हुए कहा, और प्रिया की सिसकियाँ छत पर गूंजने लगीं। उसने अपनी जांघें चौड़ी कीं, और विक्रम ने उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को सहलाया, जो पहले ही गीली हो चुकी थी। “तेरी चूत तो मेरे लंड के लिए तरस रही है,” विक्रम ने कहा, और प्रिया ने सिसकते हुए जवाब दिया, “भैया, पहले मेरी गांड चोदो, वो कुँवारी है।”

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विक्रम ने प्रिया की पैंटी उतारी और उसकी गोल चूतड़ को थपथपाया। “तेरी गांड कितनी टाइट और रसभरी है,” उसने कहा, और अपनी उंगलियाँ प्रिया की गांड के छेद पर फेरी। उसने धीरे से अपनी उंगली अंदर डाली, और प्रिया की एक हल्की चीख निकली। “भैया, दर्द हो रहा है,” उसने सिसकते हुए कहा, लेकिन विक्रम ने जवाब दिया, “दर्द का मज़ा ले, मेरी रंडी।” उसने प्रिया को डॉगी स्टाइल में किया और अपने मोटे लंड को उसकी कुँवारी गांड पर रगड़ा। प्रिया की साँसें तेज़ हो गईं, और उसने कहा, “भैया, धीरे से चोदो।”

विक्रम ने अपने लंड को धीरे से प्रिया की गांड में डाला, और प्रिया की ज़ोरदार चीख निकली। “आह, भैया, मेरी गांड फट जाएगी,” उसने कराहते हुए कहा। विक्रम ने उसकी कमर पकड़कर और ज़ोर से धक्का मारा, और उसका लंड प्रिया की कुँवारी गांड में गहराई तक चला गया। “रंडी, तेरी गांड अब मेरे लंड की गुलाम है,” विक्रम ने गाली देते हुए कहा, और धीरे-धीरे चुदाई शुरू की। प्रिया का दर्द धीरे-धीरे मज़े में बदल रहा था, और उसकी सिसकियाँ अब कामुक कराह में तब्दील हो चुकी थीं। विक्रम का लंड उसकी गांड को चोद रहा था, और प्रिया की चूचियाँ हवा में उछल रही थीं।

विक्रम ने प्रिया की गांड को और तेज़ी से चोदा, और उसकी चीखें रात की खामोशी में गूंज रही थीं। “भैया, मेरी गांड को और चोदो,” प्रिया ने कराहते हुए कहा, और विक्रम ने उसकी चूचियाँ पकड़कर और ज़ोर से धक्के मारे। प्रिया की चूत गीली हो चुकी थी, और उसने अपनी उंगलियाँ अपनी चूत में डालकर खुद को सहलाना शुरू किया। “साली, तू तो मेरे लंड की दीवानी हो गई,” विक्रम ने गाली देते हुए कहा, और प्रिया ने कामुक अंदाज़ में जवाब दिया, “हाँ, भैया, तेरे लंड ने मेरी गांड की ओपनिंग कर दी।”

तभी विक्रम का दोस्त, रोहन, 28 साल का, मज़बूत जिस्म और शरारती मुस्कान वाला मर्द, छत पर आया। उसने प्रिया की चुदाई देखकर अपना लंड पकड़ लिया। “प्रिया, मुझे भी मज़ा चाहिए,” रोहन ने हँसते हुए कहा। प्रिया ने एक सेक्सी मुस्कान दी और बोली, “आ जा, रोहन भैया, मेरी चूत और मुँह बाकी हैं।” विक्रम ने हँसते हुए रोहन को पास बुलाया, और दोनों ने प्रिया को अपनी भूख का शिकार बनाया। रोहन ने प्रिया की चूत को सहलाया और अपनी उंगलियाँ अंदर डालीं। “तेरी चूत कितनी गीली है,” उसने कहा, और प्रिया ने कराहते हुए जवाब दिया, “तो चोद दे, मेरी चूत को।”

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रोहन ने अपनी पैंट उतारी और अपने मोटे लंड को प्रिया की चूत पर रगड़ा। उसने धीरे से अंदर डाला, और प्रिया की एक और चीख निकली। “आह, रोहन भैया, तेरा लंड तो मेरी चूत को भर रहा है,” उसने सिसकते हुए कहा। रोहन ने उसकी कमर पकड़कर चुदाई शुरू की, जबकि विक्रम प्रिया की गांड को चोद रहा था। प्रिया के जिस्म में दो लंड एक साथ थे—विक्रम का लंड उसकी कुँवारी गांड की ओपनिंग कर रहा था, और रोहन का लंड उसकी चूत को चोद रहा था। उसकी चूचियाँ उछल रही थीं, और उसने दोनों को कस के पकड़ लिया।

प्रिया की सिसकियाँ और कराहना छत पर गूंज रहा था। “हाँ, मेरी चूत और गांड को चोदो,” उसने सिसकते हुए कहा, दर्द और मज़े के बीच झूलते हुए। विक्रम ने प्रिया के होंठों को चूमा, उसकी जीभ को चूसते हुए, जबकि रोहन ने उसकी चूचियाँ दबाईं और उन्हें चूसा। प्रिया का जिस्म पसीने और चुदाई की गर्मी से गीला हो चुका था। “साले, तुम दोनों ने मेरी गांड और चूत को तृप्त कर दिया,” प्रिया ने गाली देते हुए कहा, और दोनों ने हँसकर और तेज़ी से चुदाई की।

तभी विक्रम का कज़िन, मनीष, 30 साल का, अनुभवी और मज़बूत मर्द, छत पर आया। उसने प्रिया की चुदाई देखकर अपना मोटा लंड पकड़ लिया। “प्रिया, मुझे भी बुला ले,” उसने गहरी आवाज़ में कहा। प्रिया ने उसे एक सेक्सी नज़र दी और बोली, “मनीष भैया, मेरे मुँह में जगह है।” मनीष ने अपनी लुंगी उतारी और अपना मोटा लंड प्रिया के मुँह में डाल दिया। प्रिया ने उसे चूसना शुरू किया, उसकी जीभ से उसके मोटे लंड को सहलाते हुए। मनीष की सिसकियाँ निकलने लगीं, और उसने प्रिया के बाल पकड़कर उसे और गहरे तक चूसने को कहा। “रंडी, तू तो मेरे लंड की दीवानी है,” मनीष ने गाली देते हुए कहा।

विक्रम अब प्रिया की गांड को ज़ोर-ज़ोर से चोद रहा था, उसका लंड हर धक्के में उसकी कुँवारी गांड की गहराई को छू रहा था। रोहन ने उसकी चूत में अपने लंड को और तेज़ी से चलाया, और प्रिया की सिसकियाँ चीखों में बदल गईं। मनीष ने प्रिया के मुँह में अपने मोटे लंड को और तेज़ी से चलाया, और प्रिया ने उसे चूसते हुए सिसकियाँ भरीं। “तेरे मुँह में मेरा लंड कितना अच्छा लग रहा है,” मनीष ने कराहते हुए कहा। प्रिया का जिस्म तीन मर्दों की भूख का शिकार बन चुका था, और उसकी कुँवारी गांड की ओपनिंग पूरी तरह हो चुकी थी।

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चुदाई का ये खेल घंटों चला। प्रिया की चूत, गांड, और मुँह तीनों मर्दों के लंड से भरे थे। विक्रम ने प्रिया की गांड में अपने लंड को और तेज़ी से चलाया, और आखिरकार उसकी कुँवारी गांड में अपनी गर्मी छोड़ दी। रोहन ने उसकी चूत को चोदते हुए अपने लंड का रस उसकी चूत में छोड़ा। मनीष ने प्रिया के मुँह से अपना मोटा लंड निकाला और उसकी चूचियों पर अपनी गर्मी बिखेर दी। प्रिया का जिस्म पसीने, दर्द, और तृप्ति से गीला था, और उसकी कुँवारी गांड अब पूरी तरह खुल चुकी थी।

रात के आखिरी पहर में प्रिया ने तीनों को एक सेक्सी मुस्कान दी और फुसफुसाया, “विक्रम भैया, तुमने मेरी कुँवारी गांड की ओपनिंग कर दी। मेरी चूत और गांड तुम्हें हमेशा याद करेंगी।” विक्रम, रोहन, और मनीष ने उसे अपनी बाहों में लिया, और छत की ठंडी हवा में उनकी चुदाई की गर्मी सुबह तक बाकी थी। प्रिया ने हँसते हुए कहा, “भैया, अगली बार मेरी चूत और गांड को और चोदना।” विक्रम ने उसकी चूचियाँ दबाकर जवाब दिया, “रंडी, तू मेरे लंड की गुलाम बन चुकी है।”

सुबह होने पर प्रिया ने अपने जिस्म पर चुदाई के निशान देखे—हल्के लाल निशान उसकी चूचियों और चूतड़ पर थे, जो उसकी कुँवारी गांड की ओपनिंग की कहानी कह रहे थे। उसने विक्रम को एक शरारती मुस्कान दी और चुपके से कहा, “भैया, ये रात मेरी गांड हमेशा याद रखेगी।” विक्रम ने हँसकर उसकी कमर दबा दी, और प्रिया की कामवासना फिर से जाग उठी।