Bhai Bahan Sex Story : दिल्ली में रहने वाली सेक्सी दीदी अनु को उसके जवान भाई विक्की ने अपनी हवस का शिकार बना लिया। चूचियां, गांड, और तीखी चुदाई से भरी ये देसी कहानी आपके दिल में आग लगा देगी। अनु और विक्की की इस कामुक चुदाई की कहानी पढ़ें और जुनून में डूब जाएं!
मैं विक्की, 22 साल का जवान और तगड़ा लड़का, जिसका सांवला रंग, चौड़ा सीना, और शरारती मुस्कान लड़कियों को दीवाना बना देती थी। मैं दिल्ली में अपनी दीदी अनु के साथ रहता था। अनु 26 साल की थी, गोरी-चिट्टी, भारी चूचियां, पतली कमर, और गोल-मटोल गांड वाली हसीना। वो एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करती थी और अक्सर टाइट ड्रेस पहनती थी, जिसमें उसकी चूचियां और गांड साफ उभरती थीं। उसकी गहरी नाभि और लाल होंठ देखकर मेरा लंड तन जाता था।
अनु दीदी मुझे छोटा भाई समझती थी, लेकिन मैं उसकी जवानी का भूखा था। वो घर में छोटे-छोटे कपड़े पहनती, और उसकी चूचियों की झलक देखकर मेरी चूत में आग लग जाती थी। मैं उसकी जवानी का दीवाना था, लेकिन वो मेरी दीदी थी, और मैं रिश्ते की मर्यादा में बंधा था। फिर वो रात आई, जब दिल्ली की सर्द हवाओं ने सारी हदें तोड़ दीं।
एक रात दिल्ली में ठंडी हवाएं चल रही थीं। अनु दीदी ने एक पतली सी नाइटी पहनी थी, जो उसके जिस्म से चिपककर उसकी चूचियां और गांड को उभार रही थी। वो मेरे कमरे में आई और बोली, “विक्की, ठंड बहुत है, क्या मैं तेरे पास सो जाऊँ?” उसकी मादक आवाज ने मेरे लंड को तनाव दे दिया। “हाँ, दीदी, बिल्कुल,” मैंने हिम्मत करके कहा और उसे अपने बिस्तर पर लिटा लिया।
वो मेरे करीब आई और मेरे सीने से चिपक गई। उसकी गर्म सांसें मेरे गले पर पड़ रही थीं। “विक्की, तेरे बदन की गर्मी बहुत अच्छी लग रही है,” उसने सिसकते हुए कहा और मेरे लंड को पायजामे के ऊपर से सहलाने लगी। मेरा लंड तन गया। “दीदी, ये गलत है,” मैंने सिसकते हुए कहा, लेकिन मेरी नजरें उसकी चूचियों पर थीं। “विक्की, मेरी चूत तेरे लंड की भूखी है,” उसने कामुक लहजे में कहा और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए।
उसका चुम्बन गर्म और रसीला था। उसकी जीभ मेरी जीभ से उलझी, और उसने मेरे होंठों को चूस लिया। “विक्की, तेरे होंठ मेरी चूत में आग लगा रहे हैं,” अनु ने सिसकारी भरे अंदाज में कहा और मेरी कमर को जकड़ लिया। मैंने उसकी नाइटी को एक झटके में फाड़ दिया। उसकी गोरी चूचियां नंगी हो गईं, उनके गुलाबी निप्पल्स तनकर खड़े थे। “दीदी, तेरी चूचियां तो रसभरी हैं,” मैंने ललचाते हुए कहा और उसकी चूचियों को अपने मजबूत हाथों में भरा। मैंने उन्हें जोर-जोर से मसला, और उसकी सिसकियां कमरे में गूंज उठीं।
“हाय, विक्की, मेरी चूचियां पिघल रही हैं!” उसने चिल्लाया और मेरी पीठ को नाखूनों से खरोंच दिया। मैंने उसके निप्पल्स को अपनी जीभ से चाटा और उन्हें चूसने लगा। उसकी चीखें तेज हो गईं। “चूसो, और जोर से!” उसने चिल्लाया और मेरे बालों को जकड़ लिया। मैंने उसकी पैंटी को फाड़कर फेंक दिया। उसकी चिकनी, गीली चूत मेरे सामने थी, उसका रस टपक रहा था। “दीदी, तेरी चूत तो शहद का कटोरा है,” मैंने कहा और अपनी उंगलियां उसकी चूत में डाल दीं। उसकी चूत इतनी गर्म थी कि मैं सिहर उठा।
“हाय, विक्की, मेरी चूत जल रही है!” उसने चीखा और उसकी गांड उछलने लगी। मैंने उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटा, मेरी जीभ उसके चूत के दाने को रगड़ रही थी। उसकी चीखें कमरे में गूंज रही थीं। “विक्की, मेरी चूत चाट, इसे अपने प्यार से भिगो दे!” वो चिल्ला रही थी, और उसकी चूत रस से लबालब हो गई। मैंने दो उंगलियां उसकी चूत में डालीं और उसे जोर-जोर से चोदने लगा। उसकी सिसकियां सुख की चीखों में बदल गईं।
मैंने अपना पायजामा उतार दिया। मेरा मोटा, 8 इंच का लंड उसके सामने तनकर खड़ा था, उसकी नसें उभरी हुई थीं। अनु ने मेरे लंड को देखा, और उसकी आँखें वासना से चमक उठीं। “विक्की, तेरा लंड तो मेरी चूत का राजा है!” उसने मादक अंदाज में कहा और मेरे लंड को अपने मुलायम हाथों में लिया। उसने मेरे लंड को प्यार से सहलाया और फिर अपने होंठों से उसे चूसने लगी। उसकी जीभ मेरे लंड के सिरे पर घूम रही थी, और मेरी सांसें रुक रही थीं। “दीदी, तू मेरे लंड को स्वर्ग दिखा रही है,” मैंने गुर्राया और उसके बालों को जकड़ लिया।
उसने मेरे लंड को चूसकर गीला कर दिया और फिर बिस्तर पर लेट गई। उसकी चूत रस टपका रही थी, और उसकी गोल गांड मेरे सामने थी। “विक्की, मेरी प्यासी चूत में अपना मोटा लंड डाल और मुझे चोद!” उसने चीखा और अपनी टांगें फैला दीं। मैंने उसकी चूतड़ों पर थप्पड़ मारे और अपनी उंगलियां उसकी चूत में डालकर उसे और गीला किया। “दीदी, तेरी चूत मेरे लंड की रानी है,” मैंने कहा और अपना मोटा लंड उसकी चूत में एक धक्के से पेल दिया।
उसकी चीख रात को चीर गई। “हाय मर गई! तेरा लंड मेरी चूत फाड़ देगा!” उसने चिल्लाया, लेकिन उसकी चूत मेरे लंड को लय में समा रही थी। मैंने उसकी चूचियों को पकड़ा और उसकी चूत को जोर-जोर से चोदने लगा। हर धक्के के साथ उसकी चूत रस छोड़ रही थी, और उसकी चीखें कमरे में गूंज रही थीं। “चोद मुझे, विक्की! मेरी चूत को अपने लंड का गुलाम बना दे!” वो चिल्ला रही थी, और मेरा लंड उसकी चूत में तहलका मचा रहा था।
मैंने उसे बिस्तर से उठाया और दीवार के सहारे खड़ा किया। मैंने उसकी एक टांग उठाई और उसकी चूत में फिर से अपना लंड डाला। उसकी चूचियां उछल रही थीं, और उसकी चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी। “विक्की, तेरा लंड मेरी चूत की जिंदगी है!” उसने चीखा और मेरे होंठों को चूसने लगी। मैंने उसकी चूत में गहरे धक्के मारे और उसकी चूतड़ों को जोर-जोर से मसला। “दीदी, तेरी चूत मेरे लंड की जन्नत है,” मैंने गुर्राया और उसकी चूत में और गहरा धक्का मारा।
अब मेरी नजर उसकी गोल गांड पर थी। मैंने उसे बिस्तर पर उल्टा लिटाया और उसकी गांड को अपने सामने देखकर पागल हो गया। “दीदी, तेरी गांड तो मखमल है,” मैंने मस्ती भरे अंदाज में कहा और उसकी गांड पर थप्पड़ मारे। मैंने उसकी चूत का रस अपनी उंगलियों से लिया और उसकी टाइट गांड के छेद को गीला किया। “विक्की, मेरी गांड में मत डाल, मैं टूट जाऊंगी!” उसने सिसकते हुए कहा, लेकिन उसकी गांड मेरे लंड की भूखी थी।
मैंने अपने लंड को उसकी चूत के रस से चिकना किया और धीरे से उसकी टाइट गांड में डाला। उसकी चीख सितारों तक पहुंच गई। “हाय राम! तेरा लंड मेरी गांड चीर देगा!” उसने चिल्लाया, लेकिन उसकी गांड अब मेरे लंड को लय में ले रही थी। मैंने उसकी चूचियों को पीछे से पकड़ा और उसकी गांड को जोर-जोर से चोदा। हर धक्के के साथ उसकी चूत रस टपका रही थी, और उसकी गांड मेरे लंड को निगल रही थी। “चोद मेरी गांड, विक्की! मेरी चूत और गांड दोनों तेरे लंड की दीवानी हैं!” वो चिल्ला रही थी।
रात के 12 बजे थे, और दिल्ली की ठंडी हवाएं हमारी चुदाई की गवाह बन रही थीं। मैंने उसे अपनी गोद में उठाया और बिस्तर के किनारे चोदने लगा। उसकी चूचियां उछल रही थीं, और उसकी चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी। “विक्की, तू मेरी चूत और गांड का सुल्तान है,” उसने सिसकते हुए कहा और मेरे होंठों को चूसने लगी। मेरा लंड अब फटने को था। मैंने उसकी चूत में आखिरी धक्का मारा और कंडोम में अपना गर्म माल उड़ेल दिया। उसकी चूत रस से लबालब हो गई, और उसकी सिसकियां सुख की लहरों में डूब गईं।
हम दोनों पसीने से तर बिस्तर पर गिर पड़े, हमारी सांसें एक-दूसरे में उलझी थीं। मैंने उसकी चूचियों को सहलाया और बोला, “दीदी, तूने मुझे जन्नत दिखा दी।” उसने मेरे लंड को चूमा और बोली, “विक्की, जब तक हम दिल्ली में हैं, मेरी चूत और गांड की प्यास बुझाता रह।”
एक चटपटा ट्विस्ट
कुछ दिन बाद, अनु की सहेली, रिया, हमारे फ्लैट पर आई। एक रात, जब मैं और अनु चुदाई कर रहे थे, रिया ने हमें देख लिया। उसने हंसते हुए कहा, “विक्की, मुझे भी मजे चाहिए!” मैंने रिया की चूत में अपना लंड डाला, और अनु ने उसकी चूचियां चूसीं। हम तीनों ने मिलकर ऐसी चुदाई की कि फ्लैट की दीवारें कांप उठीं। “चोदो हमें, विक्की! हमारी चूत और गांड दोनों ले लो!” वे चिल्ला रही थीं। उस रात, हमने अनोखा सुख पाया।
दिल्ली की रातों का जुनून
अब मैं, अनु, और रिया हर रात चुदाई का उत्सव मनाते। एक बार, रिया का बॉयफ्रेंड, रोहन, भी हमारे साथ शामिल हो गया। मैंने अनु की चूत चोदी, और रोहन ने रिया की गांड मारी। हम चारों ने मिलकर ऐसी चुदाई की कि बिस्तर टूटने की कगार पर आ गया। “चोदो हमें, विक्की! हमारी चूत और गांड तेरे मोटे लंड की भूखी हैं!” वे चिल्ला रही थीं।
दिल्ली की दीदी की चुदाई ने मुझे जन्नत दिखा दी। मैं दिन में उसका भाई था, और रात में उसका मालिक। उसकी चूत और गांड की प्यास हर रात बुझती थी, और मैं अपनी जवानी का पूरा मजा ले रहा था।